औरंगाबाद: जिले के मदनपुर थाने के दक्षिणी पहाड़ी क्षेत्र में सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन ने संयुक्त कार्रवाई कर 64 आईईडी बम को नष्ट किया. नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को उड़ाने के लिए आईईडी लगाई थी. छत्तीसगढ़ की घटना के बाद नक्सलियों का निशाना बिहार का औरंगाबाद था. सीआरपीएफ जवानों को उड़ाने के लिए कुल 64 आईईडी लगाए गए थे. लेकिन नक्सलियों के मंसूबे को कोबरा और सीआरपीएफ के जवानों ने ध्वस्त कर दिया.
'पर्वतीय क्षेत्रों में अब भी है ऐसे कई और भी आईईडी'
डीआईजी संजय कुमार ने बताया कि सीआरपीएफ की दो टीम छापेमारी अभियान पर निकली थी. उसी दौरान आईईडी लगाने की सूचना मिली. सूचना के बाद कोबरा और सीआरपीएफ की टीम ने आईईडी को डिटेक्ट किया और 64 आईईडी बम को ध्वस्त कर दिया. इस दौरान 153वीं बटालियन के कमांडेंट सौरभ चौधरी, एएसपी अभियान राजेश कुमार सिंह, जी/153वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट बी श्रवण कुमार के साथ साथ कोबरा और सीआरपीएफ के जवान शामिल रहे. यह आईईडी सर्च अभियान में शामिल जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाई गयी थी. इससे पहले भी आईईडी को सीआरपीएफ ने डिफ्यूज किया था. पांच महीने पहले ही अमझर नाला में 52 आईईडी जब्त कर डिफ्यूज किए गए थे. पुलिस सूत्रों के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसे कई और भी आईईडी नक्सलियों ने लगाए हैं. उनकी खोज के लिए छापेमारी अभियान भी जारी है. डीआईजी ने कहा कि नक्सलियों के किसी भी मंसूबे को कामयाब नही होने देंगे.
छत्तीसगढ़ की घटना दोहराने की थी साजिश
बता दें कि बीते दिनों छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के हमले में 17 जवान शहीद हो गए थे. औरंगाबाद के मदनपुर जंगल में भी नक्सलियों के धर पकड़ के लिए लगातर सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है. इसे देखते हुए नक्सलियों ने पहाड़ी क्षेत्रों में आईईडी लगा रखे है. सीआरपीएफ और कोबरा के जवान लगातर आईईडी बरामद कर रहे हैं. हाल का मामला इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि रविवार को ही छत्तीसगढ़ में 17 जवान शहीद हो गए हैं. माना जा रहा है कि औरंगाबाद में भी छत्तीसगढ़ जैसी घटना दोहराने की साजिश थी.