भोजपुरः बिहार के भोजपुर जिले की एक खबर ने काफी सुर्खियां बटोरीं और लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. दरअसल अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बाद तीन दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया था. खबर आई कि एक यूजर ने मोबाइल कंपनी पर ही केस दर्ज किया और अपने नुकसान की भरपाई की मांग की. ईटीवी भारत (Bhojpur Fake news) ने जब इस खबर की पड़ताल की तो पता चला कि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. कंज्यूमर कोर्ट में ऐसा कोई केस दर्ज नहीं हुआ है.
ये भी पढ़ेंः 'अग्निपथ' के विरोध में RJD का राजभवन मार्च, तेजस्वी की अगुवाई में होगा हल्ला बोल
जांच में खबर निकली अफवाह: इस खबर की पड़ताल करने जब ईटीवी भारत की टीम आरा उपभोक्ता आयोग कोर्ट पहुंची तो उपभोक्ता आयोग कोर्ट के अध्यक्ष कृष्ण प्रताप सिंह ने बताया कि ऐसा कोई केस यहां दर्ज नही हुआ है. उन्होंने ये भी बताया कि ऐसी खबरें उनतक भी पहुंची है. लेकिन ये खबर बिल्कुल अफवाह है. उन्होंने एक लेटर भी जारी किया है जिसमे जिक्र किया गया है कि ये अफवाह है.
"ऐसा कोई केस फाइल नहीं हुआ है. इस जिले में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. ना आज और ना कल ऐसा कोई मामला सामने आया है. यह खबर पूरी तरह से भ्रामक है."- कृष्ण प्रताप सिंह,अध्यक्ष, उपभोक्ता आयोग कोर्ट, भोजपुर
यह है पूरा मामला: बता दें कि खबर आई थी कि एक यूजर ने मोबाइल कंपनी (User Filed Case On Mobile Company In Bhojpur) पर केस दर्ज कर दिया है. यूजर अपने नुकसान की भरपाई की मांग मोबाइल कंपनी से कर रहा है. दरअसल, अग्निपथ योजना के विरोध के दौरान अफवाह फैलने से रोकने और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के इरादे से प्रशासन के आदेश पर 72 घंटों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. बंदी के दौरान लोग इंटरनेट पैक को इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे. इसी बात को लेकर यूजर ने कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्ज किया.
कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्जः जानकारी के मुताबिक, चरपोखरी थाना क्षेत्र के (Charpokhari police station) रहने वाले शंकर प्रकाश नामक युवक ने तीन दिनों का अपना बचा हुआ डाटा टेलीकॉम कंपनी से पाने के लिए मंगलवार को स्थानीय कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्ज करवाया था. खबर यह भी थी कि कोर्ट ने उसका मामला सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.
20 जिलों में इंटरनेट सेवा पर लगाई गई थी रोकः बता दें कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर राज्य में तीन दिन तक भारी हंगामा हुआ था. पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए 20 जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी थी. इन शहरों में फेसबुक, ट्विटर और वाट्सऐप और इंटरनेट मीडिया पर तस्वीरें, वीडियो या संदेश भेजने पर रोक लगा दी थी. रेलवे, बैंकिंग एवं अन्य सरकारी सेवाएं इससे प्रभावित नहीं थीं.