ETV Bharat / state

भोजपुर: RTI कार्यकर्ता हत्या मामले में नगर परिषद अध्यक्ष समेत दो को उम्र कैद की सजा - दो को उम्र कैद की सजा

हत्या का मुकदमा एडीजे चार त्रिभुवन यादव के न्यायालय में लंबित था. इस मामले में मुकेश कुमार गुड्डू और इस अपराध में उसके सहयोगी चुन्नू महतो को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.

bhojpur
bhojpur
author img

By

Published : Nov 7, 2020, 4:39 AM IST

भोजपुर: जिले के जगदीशपुर नगर पंचायत अध्यक्ष समेत दो लोगों को आरटीआई कार्यकर्ता हत्या मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस मामले में उम्र कैद की सजा समेत पांच हजार रुपया के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है.

जानकारी के अनुसार हत्या का मुकदमा एडीजे चार त्रिभुवन यादव के न्यायालय में लंबित था. इस मामले में मुकेश कुमार गुड्डू और इस अपराध में उसके सहयोगी चुन्नू महतो को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. अभियोजन की तरफ से मुकदमे के सूचक और मृतक के भाई सहित अधिवक्ता कुमार धनंजय सिंह ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताते हुए फांसी की सजा की मांग की.

न्यायालय ने सुनाई उम्र कैद की सजा
वहीं बचाव पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता भुवनेश्वर तिवारी ने बहस की. उन्होंने दलील दी कि यह क्रुएल्टी का मामला नहीं है. इसलिए इसमें न्यूनतम सजा मिलनी चाहिए. बचाव पक्ष की दलील स्वीकार करते हुए न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. बता दे कि आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय सिंह 9 जून 2016 को दवा लेकर घर वापस लौट रहे थे. तभी अपराधियों ने करीब 15 से ज्यादा गोली उन्हें मारी थी. इस मामले में एडीजे 4 ने दो लोगों को दोषी करार दिया था.

भोजपुर: जिले के जगदीशपुर नगर पंचायत अध्यक्ष समेत दो लोगों को आरटीआई कार्यकर्ता हत्या मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस मामले में उम्र कैद की सजा समेत पांच हजार रुपया के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है.

जानकारी के अनुसार हत्या का मुकदमा एडीजे चार त्रिभुवन यादव के न्यायालय में लंबित था. इस मामले में मुकेश कुमार गुड्डू और इस अपराध में उसके सहयोगी चुन्नू महतो को भी उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. अभियोजन की तरफ से मुकदमे के सूचक और मृतक के भाई सहित अधिवक्ता कुमार धनंजय सिंह ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताते हुए फांसी की सजा की मांग की.

न्यायालय ने सुनाई उम्र कैद की सजा
वहीं बचाव पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता भुवनेश्वर तिवारी ने बहस की. उन्होंने दलील दी कि यह क्रुएल्टी का मामला नहीं है. इसलिए इसमें न्यूनतम सजा मिलनी चाहिए. बचाव पक्ष की दलील स्वीकार करते हुए न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. बता दे कि आरटीआई कार्यकर्ता मृत्युंजय सिंह 9 जून 2016 को दवा लेकर घर वापस लौट रहे थे. तभी अपराधियों ने करीब 15 से ज्यादा गोली उन्हें मारी थी. इस मामले में एडीजे 4 ने दो लोगों को दोषी करार दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.