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भोजपुर में कोरोना से हाहाकार: सदर अस्पताल में बेड फुल... फर्श पर मरीज - बिहार स्वास्थ्य विभाग

बिहार में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हालात ये हो गए हैं कि अस्पतालों के बेड फुल हो चुके हैं. भोजपुर सदर अस्पताल का हाल बेहाल है. इलाज के नाम पर आने वाले मरीजों को यहां सिर्फ छत ही मयस्सर हो पा रही है. मरीजों को बेड की सुविधा नहीं मिल पा रही है, इसलिए जमीन पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है.

फर्श पर दी गई है जगह
फर्श पर दी गई है जगह
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Published : Apr 19, 2021, 1:31 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 6:35 PM IST

भोजपुर: आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड फुल हो चुके हैं. मरीजों को जमीन पर लिटाकर उनका इलाज किया जा रहा है. हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि सीरियस मरीज भी जमीन पर ही लेटे हुए हैं. जमीन पर ही उसे ऑक्सीजन दिया जा रहा है. ऐसे मंजर देखकर मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. डॉक्टर भी इस हालात से काफी हताश हैं.

यह भी पढ़ें- Bihar Corona Update: कोरोना से पूर्व शिक्षा मंत्री का निधन, गोपालगंज में अधिकांश डॉक्टरों ने किया क्लीनिक बंद

सांस की तकलीफ हो रही है ज्यादा
जिले के सदर अस्पताल आरा में सांस की तकलीफ से परेशान मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. हालांकि मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुपात में बेडों की संख्या नहीं बढ़ सकी है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी रूम में कुल 10 बेड लगे हैं, जिसमें पूरी तरह से मरीज भरे पड़े हैं. एक भी बेड खाली नहीं है. करीब 4 मरीज बेड के अभाव में फर्श पर ऑक्सीजन चढ़ाने की विवश थे.

ये भी पढ़ें- शादी में 100 से ज्यादा लोग नहीं होंगे शामिल, रात 9 बजे से पहले लगानी होगी बारात

इमरजेंसी कक्ष में नहीं है जगह
डॉक्टरों ने बताया कि अभी तक 40 से अधिक गंभीर मरीज आ चुके हैं. अधिकांश को सांस लेने में परेशानी की वजह से परिजन मरीज को भर्ती करने के लिए दबाव बना रहे हैं. लेकिन इमरजेंसी रूम में जगह नहीं है. इस दौरान आरा शहर के गोड़ना रोड, कैलाश नगर निवासी रामेश्वर राय की 58 वर्षीय पत्नी प्रभादेवी भी सांस की बीमारी से परेशान थीं. परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी रूम में लाए थे. डॉक्टर के देखने के बाद ऑक्सीजन चढ़ाने की सलाह दी. उस समय इमरजेंसी रूम में एक भी सीट खाली नहीं था. ऐसे में महिला मरीज के परिजन फर्श पर ही लिटा कर ऑक्सीजन चढ़ा रहे थे.

भोजपुर: आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड फुल हो चुके हैं. मरीजों को जमीन पर लिटाकर उनका इलाज किया जा रहा है. हालात यहां तक बिगड़ गए हैं कि सीरियस मरीज भी जमीन पर ही लेटे हुए हैं. जमीन पर ही उसे ऑक्सीजन दिया जा रहा है. ऐसे मंजर देखकर मरीज और उनके परिजन परेशान हैं. डॉक्टर भी इस हालात से काफी हताश हैं.

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सांस की तकलीफ हो रही है ज्यादा
जिले के सदर अस्पताल आरा में सांस की तकलीफ से परेशान मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है. हालांकि मरीजों की बढ़ती संख्या के अनुपात में बेडों की संख्या नहीं बढ़ सकी है. जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सदर अस्पताल के इमरजेंसी रूम में कुल 10 बेड लगे हैं, जिसमें पूरी तरह से मरीज भरे पड़े हैं. एक भी बेड खाली नहीं है. करीब 4 मरीज बेड के अभाव में फर्श पर ऑक्सीजन चढ़ाने की विवश थे.

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इमरजेंसी कक्ष में नहीं है जगह
डॉक्टरों ने बताया कि अभी तक 40 से अधिक गंभीर मरीज आ चुके हैं. अधिकांश को सांस लेने में परेशानी की वजह से परिजन मरीज को भर्ती करने के लिए दबाव बना रहे हैं. लेकिन इमरजेंसी रूम में जगह नहीं है. इस दौरान आरा शहर के गोड़ना रोड, कैलाश नगर निवासी रामेश्वर राय की 58 वर्षीय पत्नी प्रभादेवी भी सांस की बीमारी से परेशान थीं. परिजन इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी रूम में लाए थे. डॉक्टर के देखने के बाद ऑक्सीजन चढ़ाने की सलाह दी. उस समय इमरजेंसी रूम में एक भी सीट खाली नहीं था. ऐसे में महिला मरीज के परिजन फर्श पर ही लिटा कर ऑक्सीजन चढ़ा रहे थे.

Last Updated : Apr 19, 2021, 6:35 PM IST
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