भोजपुर: बिहार के आरा में आज शुक्रवार को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित शौर्य दिवस कार्यक्रम के दौरान पूर्व कृषि मंत्री और राजद के कद्दावर नेता सुधाकर सिंह पहुंचे थे. जहां आयोजित कार्यक्रम के मंच से सुधाकर सिंह ने आम जनता को संबोधित किया. इस दौरान मंच से लोगों को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने एक बार फिर किसानों की हालत और कृषि समस्याओं पर चिंता जाहिर करते हुए मौजूदा महागठबंधन की सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला.
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'पिछले 17 सालों में एक व्यक्ति के द्वारा चार बार कुर्सी छोड़ी गयी और 4 बार गठबंधन बदला गया, लेकिन व्यक्ति वही रहा और पद भी वही रहा, केवल गठबंधन बदलते रहा और नहीं बदली तो सिर्फ बिहार की तकदीर' - सुधाकर सिंह, राजद विधायक
केवल गठबंधन बदलता रहाः सुधाकर सिंह ने बिहार में कृषि कानून लागू करने और कृषि मंडी कानून को किसान हित में लाने का मांग भी महागठबंधन की सरकार से की. साथ ही सुधाकर सिंह ने बिना नाम लिए महागठबंधन के मुखिया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विशेष राज्य के नाम पर रोज दल बदलने और दिल्ली की सरकार के सामने कटोरा लेकर भीख मांगने की बात कही. उन्होंने कहा कि पिछले 17 सालों में एक व्यक्ति के द्वारा चार बार कुर्सी छोड़ी गयी और 4 बार गठबंधन बदला गया. लेकिन. व्यक्ति वही रहा और पद भी वही रहा केवल गठबंधन बदलते रहा. नहीं बदली तो सिर्फ बिहार की तकदीर.
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किसानों पर लाठीचार्ज की निंदाः सुधाकर सिंह ने बक्सर में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादी और नक्सलियों की तरह बक्सर के किसानों की बहू बेटियों को पुलिस द्वारा बर्बरता से पिटाई की गई. इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार किसानों के प्रति कैसा सोच रखती हैं. वही सुधाकर ने वहां मौजूद लोगों से अपनी पीड़ा को बयां करते हुए कहा कि जब भी वो किसानों की हित में कुछ भी बोलते थे तो उन पर सत्ता में बैठे शीर्ष लोगों के द्वारा दबाव देकर चुप रहने की बात कही जाती रही है.
धरना पर बैठने की सलाहः सुधाकर सिंह ने आम जनता से अपने हक हुकूक की लड़ाई जन आंदोलन के तहत लड़ने की बात कहते हुए कहा कि अगर 13 दिन लोग धरने पर बैठ जाएं तो कृषि के साथ-साथ अन्य सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा. क्योंकि सरकारें डरती हैं तो सिर्फ जन आंदोलन से. बांकी वह किसी से नहीं डरती है. क्योंकि उनके पास अपनी अटूट ताकत होती है. वहीं बारी-बारी से सुधाकर ने कई अन्य मुद्दों पर भी महागठबंधन और मुख्यमंत्री पर जुबानी तीर छोड़ अपनी भड़ास निकाली.