भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले में स्थित आरा मंडलकारा के अंदर एक विचाराधीन बंदी की संदेहास्पद स्थिति में मौत होने से हड़कंप मच गया. बंदी की मौत (Prisoner Died In Arrah Mandalkara) की खबर जैसे ही उसके परिजनों को लगी सनसनी फैल गई. जिसके बाद मृतक बंदी के परिजनों ने सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया. फिलहाल बंदी की मौत के वजहों की पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है.
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मृत बंदी रामप्रवेश पासवान गौसगंज निवासी बताया जा रहा है. बंदी की मौत को लेकर मौके पर पहुंचे सदर एसडीपीओ हिमांशु कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया हार्टअटैक की आशंका जताई जा रही है. वहीं, जेल प्रशासन इस पूरे मामले में कुछ भी बताने से इनकार कर रहा है. बंदी की संदेहास्पद स्थिति में मौत को लेकर सदर अंचलाधिकारी को मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ती की गई. जिसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्ट के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है. सदर अस्पताल में शव पहुंचते ही मृतक बंदी के परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मृतक के परिजनों ने बंदी की मौत के पीछे जेल प्रशासन के माध्यम से इलाज में घोर लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है.
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मृत बंदी के पोता अविनाश पासवान ने बताया कि एक हत्याकांड के मामले में दादा रामप्रवेश पासवान को 18 सितंबर 2020 को जेल भेजा गया था. उस दौरान भी जेल में उनकी तबीयत खराब हो गई थी. इस बार भी तबीयत खराब हो जाने के बाद जेल प्रशासन ने उचित इलाज नहीं कराया. जिस वजह से दादा की मौत हो गई.
मृतक बंदी रामप्रवेश के ऊपर पिछले साल 8 जून को गौसगंज में सरेशाम हुए प्रॉपर्टी डीलर नन्दकिशोर पासवान के बेटे मिथुन पासवान की गोली मारकर हत्या का आरोप था. इस वारदात में पुलिस ने 7 नामजद सहित 2 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया था. घटना के बाद तत्कालीन भोजपुर एसपी सुशील कुमार ने एक एसआईटी टीम का गठन किया था. जिसके तहत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने रामप्रवेश पासवान को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद से बंदी रामप्रवेश पासवान को मंडलकारा में रखा गया था.
'एक कैदी की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई है. इस मामले की जांच की जाएगी कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया था या नहीं. पोस्टमार्टम के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी बैठायी गयी है. सीसीटीवी खंगाल कर भी जांच की जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.' -हिमांशु कुमार, एसडीपीओ, सदर