भोजपुर: कोरोना महामारी का भय भले ही लोगों की जहन से निकल गया हो. लेकिन बिहार के एक मात्र मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर में अभी भी चिकित्सक कोरोना को लेकर सतर्क हैं. यहां इलाज कराने आए लोगों को मेन गेट से अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. ताकि वो ओपीडी में जाकर डॉक्टर से मिलकर अपनी परेशानियां बता सकें.
"अस्पताल में प्रवेश नहीं मिल रहा है. रोगी को अस्पताल के बाहर घंटों खड़ा रहना पड़ रहा है. अपनी बारी आने के बाद कागज पर समस्या लेकर अस्पताल के गार्ड को देना होता है. गार्ड कागज लेकर डॉक्टर को देता है. कागज पर लिखी समस्या के आधार पर डॉक्टर दवा लिखते हैं. बिहार में कोरोना काल में चुनाव हो गया. ऐसे में कोरोना संक्रमण नहीं फैला. फिर बारी-बारी मरीज को चिकित्सक के पास जाने से कोरोना संक्रमण कैसे बढ़ेगा. "- प्रवेज राजा, मरीज के परिजन
ये भी पढ़ें: गया: उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही टूटा वाटर टावर
मरीजों की रहती भीड़
इस मामले में जब डॉक्टर से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि अस्पताल के निदेशक के आदेश के कारण कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए मरीज की समस्या को कागज पर लिखवा कर उसी आधार पर हम दवा लिख रहे हैं. बता दें कि बिहार के एक मात्र मानसिक आरोग्यशाला होने के कारण यहां रोजाना मरीजों की भीड़ लगी रहती है.