भोजपुर: बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है सात निश्चय. ग्रामीण इलाकों की तस्वीर बदलने वाली ये योजनाएं भोजपुर जिला स्थित जगदीशपुर प्रखंड के महादलित टोले में कहीं भी धरातल पर नहीं दिखती है. सरकारी योजनाओं में कमीशनखोरी के कारण यहां के लोग लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं.
सात निश्चय योजना से वंचित है गांव
बिहार सरकार के मंत्री सात निश्चय योजना का जमकर बखान करते हैं. लेकिन, यहां सरकार के तमाम दावे फेल नजर आते हैं. जगदीशपुर प्रखंड के बीमवा पंचायत के बीमवा गांव का वॉर्ड नंबर 9 जहां सड़क, नाली, नल-जल कोई भी योजना धरातल पर नहीं है. जिले के तमाम सरकारी दावे यहां हवा-हवाई दिखते हैं. आज भी यहां के महादलित विकास की बाट जोह रहे हैं.
बिजली का पोल है आने-जाने का जरिया
ग्रामीणों को गांव के अंदर प्रवेश करने के लिए सड़क के बदले बिजली के पोल पर चलना पड़ता है. ग्रामीणों की शिकायत है कि नहर पर आज तक सड़क नहीं बन पाया. बूढ़े, बच्चे और महिलाओं को विषम परस्थितियों में भी बिजली के 3 पोल पर से होकर गुजरना पड़ता है. कई बार बच्चे इस नहर के पानी में गिर चुके हैं.
पीएम आवास योजना में लूट
गांव के महादलितों ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए घूस की मांग की जाती है. आवास सहायक खुलेआम 20 हजार रूपए की मांग करते हैं. बीपीएल परिवार के चयनित लाभार्थियों से अवैध वसूली का खेल चलता है.
गांव की जमीनी हकीकत
- बिजली के पोल के सहारे नहर पार करते हैं ग्रामीण
- 5,000 जनसंख्या पर गांव में मात्र एक चापाकल
- वृद्धा पेंशन से वंचित हैं गांव के वृद्ध
- सात निश्चय योजना का नहीं मिल रहा लाभ
- गांव में किसी के घर शौचालय नहीं
जल्द मिलेगा नल-जल का लाभ
वहीं, जगदीशपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी कृष्ण मुरारी ने बताया कि महादलित टोले में नल-जल योजना की शुरूआत की जायेगी. आवास योजना के संदर्भ में बताया कि जिसका नाम सूची में है उसे आवास दिया जा रहा है. शौचालय बनाने वाले लोगों को प्रोत्साहन राशि दिया जाता है. अगर शौचालय नहीं है तो इसके लिए प्रयास किया जायेगा.