ETV Bharat / state

भोजपुर के महादलित बस्ती में डायरिया का कहर! 9 बच्चों की मौत, दर्जनों बीमार - 9 children died in bhojpur

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच भोजपुर के महादलित बस्ती में पिछले 3 से चार दिनों के भीतर 9 बच्चों की मौत हो गई है. वहीं बच्चे सहित दर्जनों लोग बीमार भी हैं. ग्रामीणों ने गांव में डायरिया फैलने की आशंका जताई है.

raw
raw
author img

By

Published : Jul 18, 2021, 5:26 PM IST

भोजपुरः बिहार के भोजपुर (Bhojpur In Bihar) जिले के दो गांवों में डायरिया से 9 बच्चों की मौत हो जाने की खबर है. गड़हनी प्रखंड के पहरपुर गांव (Paharpur Village) में 6 बच्चों की जीवनलीला समाप्त हो गई, वहीं दुबौली गांव (Dubauli Village) के भी 3 बच्चों ने दम तोड़ दिया है. बताया जा रहा है कि गड़हनी प्रखंड में दर्जन भर से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

इसे भी पढे़ं- बेतिया में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की गई जान, थानाध्यक्ष समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड

घटना के बारे में मृतकों के परिजनों और गांववालों ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों गांव के बच्चे लगातार बीमार हो रहे थे. इसके बाद उनका इलाज कराया जाने लगा, जहां उनकी मौतें होने लगी. बताया जाता है कि अधिकांश मौतें गांव के महादलित टोला में हुई हैं. ग्रामीण डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर इलाज में लापरवाही भी मौतों का कारण माना जा रहा है.

"गांव के बच्चे सहित दर्जनों लोग अब भी बीमार हैं. बीमारी का शिकार हुए लोगों का इलाज भी ग्रामीण डॉक्टरों के भरोसे ही है. बच्चों की बीमार होने की खबर के बाद गड़हनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर आए तो सही लेकिन इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की. एक व्यक्ति को उन्होंने ओआरएस, पारासिटामोल सहित सलाईन वाटर की कुछ बोतलें दे दिया और फिर चले गए. धीरे-धीरे इसका खतरा और बढ़ता ही जा रहा है."- ग्रामीण

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ें- अरवल में भोज खाकर बीमार हुए 3 दर्जन लोग, 27 अस्पताल में भर्ती

"गांव में कैंप लगाकर लोगों की मदद हम अपने स्तर से कर रहे हैं. नीतीश सरकार बच्चों की जान ले रही है. इतनी मौतें हो जाने के बाद भी सरकार का एक भी प्रतिनिधि गांव में नहीं पहुंचा है, और न हीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को इसकी सूचना है. यहां तक कि फोन पर भी किसी ने जानकारी नहीं ली है. भाकपा-माले कार्यकर्ता लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं."- मनोज मंजिल, अगिआंव विधायक

"गांवों में डायरिया से बच्चों की मौत होने की सूचना मिली है. स्वास्थ्य केन्द्र से रिपोर्ट मांगी गई है. स्वास्थ्य प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है. गांव में एंबुलेंस की व्यवस्था कराई गई है, ताकि तबीयत ज्यादा खराब होने की स्थिति में बीमार को जल्दी से सदर अस्पताल लाया जा सके. हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं."- एलपी झा, सिविल सर्जन

वहीं तीन-चार दिनों के भीतर नौ बच्चों की मौत की खबर के बाद ईटीवी भारत की टीम ने गांव का जायजा लिया तो स्थिति चौंकाने वाली मिली. इतना सब हो जाने के बाद भी गांव में पेड़ के नीचे बीमार बच्चों का इलाज किया जा रहा है. स्थिति ये हो गई है, कि पेड़ से सलाईन वाटर की बोतलें टांगकर बच्चों का इलाज किया जा रहा है. ग्रामीण दहशत में हैं.

भोजपुरः बिहार के भोजपुर (Bhojpur In Bihar) जिले के दो गांवों में डायरिया से 9 बच्चों की मौत हो जाने की खबर है. गड़हनी प्रखंड के पहरपुर गांव (Paharpur Village) में 6 बच्चों की जीवनलीला समाप्त हो गई, वहीं दुबौली गांव (Dubauli Village) के भी 3 बच्चों ने दम तोड़ दिया है. बताया जा रहा है कि गड़हनी प्रखंड में दर्जन भर से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.

इसे भी पढे़ं- बेतिया में जहरीली शराब पीने से 12 लोगों की गई जान, थानाध्यक्ष समेत 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड

घटना के बारे में मृतकों के परिजनों और गांववालों ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों गांव के बच्चे लगातार बीमार हो रहे थे. इसके बाद उनका इलाज कराया जाने लगा, जहां उनकी मौतें होने लगी. बताया जाता है कि अधिकांश मौतें गांव के महादलित टोला में हुई हैं. ग्रामीण डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर इलाज में लापरवाही भी मौतों का कारण माना जा रहा है.

"गांव के बच्चे सहित दर्जनों लोग अब भी बीमार हैं. बीमारी का शिकार हुए लोगों का इलाज भी ग्रामीण डॉक्टरों के भरोसे ही है. बच्चों की बीमार होने की खबर के बाद गड़हनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर आए तो सही लेकिन इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की. एक व्यक्ति को उन्होंने ओआरएस, पारासिटामोल सहित सलाईन वाटर की कुछ बोतलें दे दिया और फिर चले गए. धीरे-धीरे इसका खतरा और बढ़ता ही जा रहा है."- ग्रामीण

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ें- अरवल में भोज खाकर बीमार हुए 3 दर्जन लोग, 27 अस्पताल में भर्ती

"गांव में कैंप लगाकर लोगों की मदद हम अपने स्तर से कर रहे हैं. नीतीश सरकार बच्चों की जान ले रही है. इतनी मौतें हो जाने के बाद भी सरकार का एक भी प्रतिनिधि गांव में नहीं पहुंचा है, और न हीं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को इसकी सूचना है. यहां तक कि फोन पर भी किसी ने जानकारी नहीं ली है. भाकपा-माले कार्यकर्ता लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं."- मनोज मंजिल, अगिआंव विधायक

"गांवों में डायरिया से बच्चों की मौत होने की सूचना मिली है. स्वास्थ्य केन्द्र से रिपोर्ट मांगी गई है. स्वास्थ्य प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है. गांव में एंबुलेंस की व्यवस्था कराई गई है, ताकि तबीयत ज्यादा खराब होने की स्थिति में बीमार को जल्दी से सदर अस्पताल लाया जा सके. हम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं."- एलपी झा, सिविल सर्जन

वहीं तीन-चार दिनों के भीतर नौ बच्चों की मौत की खबर के बाद ईटीवी भारत की टीम ने गांव का जायजा लिया तो स्थिति चौंकाने वाली मिली. इतना सब हो जाने के बाद भी गांव में पेड़ के नीचे बीमार बच्चों का इलाज किया जा रहा है. स्थिति ये हो गई है, कि पेड़ से सलाईन वाटर की बोतलें टांगकर बच्चों का इलाज किया जा रहा है. ग्रामीण दहशत में हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.