भोजपुर: जिले के आरा शहर को स्वच्छ बनाने की और उसके रैंकिंग बढ़ाने की नगर निगम की तैयारी सिर्फ बैठकों तक ही सीमित रह जाती है. आरा नगर निगम सुस्त रवैया व इस बार शहर की लेकिन देश में कहीं दिखी ही नहीं. चाहे डोर टू डोर कचरा कलेक्शन हो या फिर वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम निगम हर जगह अपनी हंसी उड़ा रहा है. जिसका खामियाजा शहर के नागरिक को भुगतना पड़ रहा है.
आलम यह है कि नगर निगम का जहां मन करता है, वह कूड़ा डंपिंग यार्ड बना देता है. शहर में जहां भी खाली जमीन मिल रही है, वहीं कूड़ा जमा कर दिया जा रहा है. स्थिति यह है कि कई जगह रिहायशी इलाके में डंपिंग यार्ड बना दिया गया है. इसके बाद स्थानीय लोगों के द्वारा विरोध किया जाता है तो उसे हटाया भी नहीं जाता है. सच्चाई यह है कि नगर निगम के पास शहर में कोई जगह ही नहीं है जहां वह कूड़ा डंप कर सके.
चारों ओर दिखता है कचरा
कचरे के अलावा मछली मार्केट से निकलने वाले मछली, मांस और मुर्गी का अवशेष भी वही फेंके जाते हैं. जिससे उठने वाले दुर्गंध के कारण मोहल्ले वासियों का जीना मुहाल हो गया है. कुछ इसी तरह का नजारा शहर के वार्ड नंबर 5 के महुआ बांध के समय देखने को मिल रहा है. इसके अलावा शहर के वार्ड नंबर 7 के गंगी पुल के समीप भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है.
शिकायत के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई
स्मार्ट शहर का ख्वाब देख रहे नगर निगम के कार्यपालक नगर आयुक्त आज तक कचरा प्रबंधन ठीक से नहीं कर पाए. इन दिनों बरसात के दिनों में उससे उठने वाले भयानक दुर्गंध लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक साबित हो रहे हैं. नगर प्रशासन को कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान की आवश्यकता है ताकि सुंदर और स्वच्छता का सपना साकार हो सके.
हर दिन निकलता है 60-70 टन कचरा
आरा शहर से सिर्फ हर दिन 60 से 70 टन कचरा निकाला जाता है और उसको शहर से बाहर आरा सलेमपुर रोड और गांधी पुल के पास डंप कर दिया जाता है. जिसके वजह से आसपास के मोहल्ले वाले उसके दुर्गंध से काफी परेशान हैं. आने-जाने वाले राहगीर भी नाक और मुंह ढक कर ही पार करते हैं. आरा नगर निगम के नगर आयुक्त धीरेंद्र पासवान ने बताया कि नगर निगम के पास डंपिंग यार्ड के लिए जगह नहीं है. जिसके वजह से यहां वहां कचरा फेंका जा रहा है, नगर आयुक्त ने खुद माना है कि नगर निगम की यह गलती है लेकिन हम लाचार हैं, नगर आयुक्त ने आगे यह कहा कि आने वाले समय में जगह चिन्हित कर लिया गया है और जिला अधिकारी के माध्यम से पत्र को आगे बढ़ा दिया गया है. जैसे ही उनकी जैसे ही एनओसी जमीन का मिल जाएगा वैसे ही कचरा हर जगह से उठाकर बाहर कर दिया जाएगा.