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भोजपुर: घर वापस आ रहे मजदूरों का छलका दर्द, बोले- नहीं है सरकार से कोई उम्मीद

भोजपुर पहुंचे बिहारी मजदूरों ने कहा कि बिहारियों को बाहर बिल्कुल सम्मान नहीं मिलता. हमें नीचा दिखाया जाता है. जब से लॉकडाउन हुआ है, हमारी परेशानी और बढ़ गई है.

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Published : May 19, 2020, 9:02 PM IST

भोजपुर: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर हुआ है. ऐसे मजदूर जो दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, लॉकडाउन ने उन्हें अपने घरों को लौटने पर मजबूर कर दिया है. मजबूरी भी ऐसी कि साधन न मिलने की स्थिति में ये मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर की यात्रा कर वापस आ रहे हैं.

लगातार बढ़ते लॉकडाउन के बाद जब इन लोगों के पैसे खत्म होने लगे तो मजदूरों ने घर वापसी की सोची और किसी तरह ये मजदूर बिहार वापस आने लगे. इस दौरान भोजपुर पहुंचे बिहारी मजदूरों ने कहा कि बिहारियों को बाहर बिल्कुल सम्मान नहीं मिलता. हमें नीचा दिखाया जाता है. जब से लॉकडाउन हुआ है, हमारी परेशानी और बढ़ गई है. इस कारण हम किसी तरह अपने घर लौट रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से शिकायत
मजदूरों ने बताया कि प्रति व्यक्ति 5000 रुपये देकर हम ऑटो से अपने घर जा रहे हैं. सरकार की तरफ से हमें कोई मदद नहीं मिल रही. मजदूरों ने बताया कि ट्रेन, बस चलने के बावजूद हमें अपना जुगाड़ खुद से कर के आना पड़ा. ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत के दौरान मजदूरों ने कहा कि मजदूरों के लिये सरकार की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किया गया है और हमें अब सरकार से कोई उम्मीद भी नहीं है.

भोजपुर: लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर प्रवासी मजदूरों पर हुआ है. ऐसे मजदूर जो दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे, लॉकडाउन ने उन्हें अपने घरों को लौटने पर मजबूर कर दिया है. मजबूरी भी ऐसी कि साधन न मिलने की स्थिति में ये मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर की यात्रा कर वापस आ रहे हैं.

लगातार बढ़ते लॉकडाउन के बाद जब इन लोगों के पैसे खत्म होने लगे तो मजदूरों ने घर वापसी की सोची और किसी तरह ये मजदूर बिहार वापस आने लगे. इस दौरान भोजपुर पहुंचे बिहारी मजदूरों ने कहा कि बिहारियों को बाहर बिल्कुल सम्मान नहीं मिलता. हमें नीचा दिखाया जाता है. जब से लॉकडाउन हुआ है, हमारी परेशानी और बढ़ गई है. इस कारण हम किसी तरह अपने घर लौट रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

सरकार से शिकायत
मजदूरों ने बताया कि प्रति व्यक्ति 5000 रुपये देकर हम ऑटो से अपने घर जा रहे हैं. सरकार की तरफ से हमें कोई मदद नहीं मिल रही. मजदूरों ने बताया कि ट्रेन, बस चलने के बावजूद हमें अपना जुगाड़ खुद से कर के आना पड़ा. ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत के दौरान मजदूरों ने कहा कि मजदूरों के लिये सरकार की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किया गया है और हमें अब सरकार से कोई उम्मीद भी नहीं है.

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