आरा: बिहार के भोजपुर में हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा (Life Imprisonment for Murder Convict) सुनाई गई है. आरा सिविल कोर्ट (Ara Civil Court) ने 2009 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी पाए गए 85 वर्षीय बुजुर्ग को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई. हालांकि दो आरोपियों ऊपर दोष साबित हुआ है, लेकिन एक आरोपी की मौत हो चुकी है.
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एडीजे 4 शैलेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने यह फैसला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाई गई है. बताया जा रहा है कि दोषी हत्या के इस मामले में कोर्ट से अधिक उम्र होने का हवाला देकर कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा की कार्रवाई से बचने का प्रयास कर रहा था लेकिन कोर्ट ने इस जघन्य अपराध में कोर्ट में पेश किए गए तमाम सबूतों और गवाहों को देखते हुए दोषी को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजन सलेक्शन ग्रीड मानिक कुमार सिंह ने बताया कि जगदीशपुर प्रखंड के आयर थाना कांड संख्या 4.8.2009 को रात्रि पहर बरनांव गांव निवासी हरि किशोर सिंह की बदमाशों द्वारा लाठी-डंडे और लोहे के किसी वस्तु से वार कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया था. जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस घटना के बाद मृतक के बेटे के द्वारा आयर थाना में 61/2009 कांड के तहत हत्या का मामला दर्ज कराया गया था.
जहां कोर्ट में लंबे बहस गवाही और सबूतों के बाद अभियुक्त नंद किशोर सिंह उर्फ रंगी सिंह को कोर्ट ने दोषी पाया और इस हत्याकांड में उसको आजीवन कारावास के साथ-साथ 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. अपर लोक अभियोजन मानिक कुमार सिंह ने आगे बताया कि इस कांड में दो आरोपी के ऊपर दोष सिद्ध हुआ है. जिसमें एक की मौत पहले ही हो गई है, जबकि दूसरा दोषी अपनी लंबी उम्र होने का हवाला देकर कोर्ट की सजा से बचने का प्रयास कर रहा था. जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए उसे आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है.
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