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भोजपुर: 15 सौ छात्रों वाला स्कूल शिफ्ट किए जाने के आदेश से लोग नाखुश, DM से लगाई गुहार

ग्रामीणों ने बताया कि कोईलवर बैजनाथ प्लस टू विद्यालय से कुल्हड़िया उच्च विद्यालय की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है. ऐसे में बच्चों को आरा-पटना नेशनल हाइवे होते हुए विद्यालय जाना पड़ेगा, जो खतरे से खाली नहीं है.

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Published : Sep 25, 2019, 4:13 PM IST

तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय

भोजपुर: कोईलवर स्थित तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय का अस्तित्व खतरे में है. भोजपुर जिले का नामी-गिरामी विद्यालय अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. इसमें पढ़ने वाले पंद्रह सौ छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है. बता दें कि आरा-पटना फोरलेन सड़क निर्माण के लिये प्लस टू विद्यालय कोईलवर की भूमि अधिग्रहित की गई है. आने वाले कुछ दिनों में प्लस टू विद्यालय के भवन को तोड़कर सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा.

जिला प्रशासन भोजपुर की ओर से निर्देश दिया गया है कि दुर्गा पूजा में अवकाश अवधि के दौरान विद्यालय को कुल्हड़िया उच्च विद्यालय में शिफ्ट किया जाए. मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा लिया गया यह फैसला गलत है. ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

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स्कूल शिफ्ट करने का निर्देश

अधर में बच्चों का भविष्य
बच्चों ने डीएम से गुहार लगाई है कि स्कूल को कुल्हड़िया में न शिफ्ट करके कोईलवर के ही किसी स्कूल में शिफ्ट किया जाए. इससे विद्यालय की दूरी भी ज्यादा नहीं बढ़ेगी और बच्चों को आने-जाने में सुविधा होगी. ग्रामीणों ने बताया कि कोईलवर बैजनाथ प्लस टू विद्यालय से कुल्हड़िया उच्च विद्यालय की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है. ऐसे में बच्चों को आरा-पटना नेशनल हाइवे होते हुए विद्यालय जाना पड़ेगा, जो खतरे से खाली नहीं है. जिस रोड पर आरा से लेकर कोईलवर तक ट्रक-बस का जाम चौबीसों घंटे लगा रहता है, मुसाफिरों का आना-जाना दूभर है, उस रास्ते बच्चे जान जोखिम में डालकर कैसे शिक्षा ग्रहण करने जाएंगे.

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सड़क निर्माण के लिये प्लस टू विद्यालय कोईलवर की भूमि अधिग्रहित

कुल्हड़िया विद्यालय को दो शिफ्ट में चलाने का निर्देश
बता दें कि तारामणि प्लस टू विद्यालय कोईलवर में पढ़ने वाले बच्चे जमालपुर, चंदा, हरिपुर, दौलतपुर, धनडीहा, फरहंगपुर पंचायत से तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय करके आते हैं. अब उन्हें कुल्हड़िया उच्च विद्यालय पहुंचने के लिए लगभग 8 से 9 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. वहीं, डीईओ ने कुल्हड़िया विद्यालय को दो शिफ्ट में चलाने का निर्देश दिया है. कोईलवर प्लस टू विद्यालय के बच्चों को सुबह 7 से 11 बजे और कुल्हड़िया के छात्रों को 11:15 बजे से शाम 4 बजे तक पठन-पाठन कराने को निर्देशित किया गया है, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओं को होने वाली है.

छात्रों ने डीएम से लगाई गुहार

समस्या से डीएम को कराया जाएगा अवगत
ग्रामीणों ने कहा कि जब शिफ्ट में ही विद्यालय चलाना है तो मिडिल स्कूल कोईलवर में क्यों नहीं, जो इस स्कूल से सटे है और उसमें आठ कमरे भी हैं. स्कूल से सटे एक सरकारी आवास भी खाली है जिसमे लगभग 16 कमरे हैं. दोनों को मिलाकर 24 कमरे हो जा रहे हैं जिसमें आसानी से प्लस टू विद्यालय का पठन-पाठन कराया जा सकता है. लोगों ने बताया कि 1500 छात्रों के इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षण कराया जायेगा, ताकि बच्चों के हित में सोच-समझकर व्यवस्था की जाए.

भोजपुर: कोईलवर स्थित तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय का अस्तित्व खतरे में है. भोजपुर जिले का नामी-गिरामी विद्यालय अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. इसमें पढ़ने वाले पंद्रह सौ छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है. बता दें कि आरा-पटना फोरलेन सड़क निर्माण के लिये प्लस टू विद्यालय कोईलवर की भूमि अधिग्रहित की गई है. आने वाले कुछ दिनों में प्लस टू विद्यालय के भवन को तोड़कर सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा.

जिला प्रशासन भोजपुर की ओर से निर्देश दिया गया है कि दुर्गा पूजा में अवकाश अवधि के दौरान विद्यालय को कुल्हड़िया उच्च विद्यालय में शिफ्ट किया जाए. मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा लिया गया यह फैसला गलत है. ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

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स्कूल शिफ्ट करने का निर्देश

अधर में बच्चों का भविष्य
बच्चों ने डीएम से गुहार लगाई है कि स्कूल को कुल्हड़िया में न शिफ्ट करके कोईलवर के ही किसी स्कूल में शिफ्ट किया जाए. इससे विद्यालय की दूरी भी ज्यादा नहीं बढ़ेगी और बच्चों को आने-जाने में सुविधा होगी. ग्रामीणों ने बताया कि कोईलवर बैजनाथ प्लस टू विद्यालय से कुल्हड़िया उच्च विद्यालय की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है. ऐसे में बच्चों को आरा-पटना नेशनल हाइवे होते हुए विद्यालय जाना पड़ेगा, जो खतरे से खाली नहीं है. जिस रोड पर आरा से लेकर कोईलवर तक ट्रक-बस का जाम चौबीसों घंटे लगा रहता है, मुसाफिरों का आना-जाना दूभर है, उस रास्ते बच्चे जान जोखिम में डालकर कैसे शिक्षा ग्रहण करने जाएंगे.

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सड़क निर्माण के लिये प्लस टू विद्यालय कोईलवर की भूमि अधिग्रहित

कुल्हड़िया विद्यालय को दो शिफ्ट में चलाने का निर्देश
बता दें कि तारामणि प्लस टू विद्यालय कोईलवर में पढ़ने वाले बच्चे जमालपुर, चंदा, हरिपुर, दौलतपुर, धनडीहा, फरहंगपुर पंचायत से तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय करके आते हैं. अब उन्हें कुल्हड़िया उच्च विद्यालय पहुंचने के लिए लगभग 8 से 9 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. वहीं, डीईओ ने कुल्हड़िया विद्यालय को दो शिफ्ट में चलाने का निर्देश दिया है. कोईलवर प्लस टू विद्यालय के बच्चों को सुबह 7 से 11 बजे और कुल्हड़िया के छात्रों को 11:15 बजे से शाम 4 बजे तक पठन-पाठन कराने को निर्देशित किया गया है, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओं को होने वाली है.

छात्रों ने डीएम से लगाई गुहार

समस्या से डीएम को कराया जाएगा अवगत
ग्रामीणों ने कहा कि जब शिफ्ट में ही विद्यालय चलाना है तो मिडिल स्कूल कोईलवर में क्यों नहीं, जो इस स्कूल से सटे है और उसमें आठ कमरे भी हैं. स्कूल से सटे एक सरकारी आवास भी खाली है जिसमे लगभग 16 कमरे हैं. दोनों को मिलाकर 24 कमरे हो जा रहे हैं जिसमें आसानी से प्लस टू विद्यालय का पठन-पाठन कराया जा सकता है. लोगों ने बताया कि 1500 छात्रों के इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षण कराया जायेगा, ताकि बच्चों के हित में सोच-समझकर व्यवस्था की जाए.

Intro:तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय के छात्र -छात्राओं की शिक्षा पर लगा ग्रहण

बताते चलें कि आरा-पटना फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य बर्षों से प्रारंभ है. सरकार और शिक्षा विभाग को बहुत पहले से पूरी तरह संज्ञान में है कि भोजपुर जिला के कोइलवर स्थित तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय का भवन आरा-पटना फोरलेन में जा रहा है फिर भी विद्यालय में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का ढिंढोरा पीटने वाली बिहार सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगा कि इस विद्यालय के नवनिहालों के जीवन का क्या होगा? यदि सरकार चाहती तो जमीन खरीद कर इतने दिनों में विद्यालय के भवन की व्यवस्था कर दी होती. यदि जमीन खरीद कर सरकार सड़क बना सकती है तो विद्यालय क्यों नही, यह यक्ष सवाल आज सरकार और समाज दोनों के समक्ष खड़ा है.Body:विदित हो कि सरकारी निदेश के आलोक में तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय कोईलवर को जिला शिक्षा पदाधिकारी, भोजपुर, के द्वारा मानो बैजनाथ प्लस टू विधालय कुल्हड़िया में शिफ्ट करने का आदेश निर्गत किया जा चुका है. 1955 से अस्तित्व में आया कोईलवर स्थित तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय का अस्तित्व आज खतरे में है. भोजपुर जिले का एक नामी- गिरामी विद्यालय अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है और इसमें पढ़ने वाले पंद्रह सौ छात्र-छात्राओं का भविष्य खतरे में पड़ गया है. आरा-पटना फोरलेन सड़क निर्माण में प्लस टू विद्यालय कोईलवर की भूमि अधिग्रहण की गई है जिस कारण आने वाले कुछ दिनों में प्लस टू विद्यालय के भवन को तोड़कर सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा. जिला प्रशासन भोजपुर के द्वारा निर्देश दिया गया है कि दुर्गा पूजा में अवकाश अवधि के दौरान विद्यालय को कुल्हड़िया उच्च विद्यालय में शिफ्ट किया जाए और वहीं पठन-पाठन शुरू किया जाय. जिला प्रशासन के इस आदेश की सूचना जैसे ही पहुंची, लोगों ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा यह जल्दी में लिया गया फैसला है. जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ, बीडीओ और सीओ के द्वारा जल्दबाजी में कुल्हड़िया उच्च विद्यालय के नाम का सुझाव देकर इस बड़े क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. ग्रामीणों ने बताया डीईओ को जानकारी भी नही की प्लस टू विद्यालय में कितने गांव के बच्चे पढ़ते है ? . ग्रामीणों ने बताया कि कोईलवर प्लस टू विद्यालय से कुल्हड़िया उच्च विद्यालय की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है. जिससे बच्चो को आरा-पटना नेशनल हाइवे होते हुए विद्यालय जाना पड़ेगा जो खतरे से खाली नहीं है. जिस रोड पर आरा से लेकर कोईलवर तक ट्रक-बस का जाम चौबीसों घंटा रहता है, मुसाफिरों का आना-जाना दुभर है उस रास्ते से बच्चे जान जोखिम में डालकर कैसे शिक्षा ग्रहण करने चार से पांच किलोमीटर की दूरी तय कर कुलहड़िया तक जायेंगे. ज्ञातव्य हो कि तारामणि प्लस टू विद्यालय कोईलवर में पढ़ने वाले बच्चे जमालपुर, चंदा, हरिपुर, दौलतपुर, धनडीहा, फरहंगपुर पंचायत से तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय करके आते हैं जिन्हें अब की स्थिति में उन्हें कुल्हड़िया उच्च विद्यालय पहुँचने के लिए लगभग 8 से 9 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. वही कुल्हड़िया विद्यालय में दो शिफ्ट में चलाने का निर्देश डीईओ ने दिया है. कोईलवर प्लस टू विद्यालय के बच्चों को सुबह 7 से 11 बजे व कुल्हड़िया के छात्रों को 11:15 बजे से शाम 4 बजे तक पठन-पाठन कराने को निर्देशित किया गया है जिससे सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओ को होने वाली है.Conclusion:ग्रामीणों ने कहा कि जब शिफ्ट में ही विद्यालय चलाना है तो मिडिल स्कूल कोईलवर में क्यों नहीं जो इस स्कूल से सटे है और उसमें आठ कमरे भी हैं. कोईलवर विद्यालय को कुल्हड़िया में शिफ्ट किये जाने की सूचना मिलते ही नगरवासियों के द्वारा एक बैठक कर कहा गया कि जिला प्रशासन का यह फरमान जबरन थोपा जा रहा है जो गलत है. वही स्कूल से सटे एक सरकारी आवास भी खाली है जिसमे लगभग 16 कमरे हैं. दोनों को मिलाकर 24 कमरे हो जा रहे हैं जिसमेंं आसानी से प्लस टू विद्यालय का पठन-पाठन कराया जा सकता है. इसे लेकर ग्रामीणों और अभिभावकों ने बताया कि 1500 छात्रों के इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षण करवाया जायेगा ताकि बच्चों के हित में सोच-समझकर व्यवस्था की जा सके. कोईलवर प्रखंड के वैसे विद्यालय का अस्तित्व मिटने के कगार पर है जिसने शिक्षा ही नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा के बल पर हर क्षेत्र में अपना परचम प्रदेश ही नहीं पूरे भारत में लहराने का कार्य कर चुके हैं. विद्यालय के अस्तित्व और इलाके के होनहारों के भविष्य की चिंता करने वाले समाज के हर क्षेत्र के शुभचिंतकों को आगे आने की जरूरत है.

बाइट :- विधालय के छात्र - छात्रा
व स्थानीय ग्रामीण
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