भोजपुर: कोईलवर स्थित तारामणि भगवान साव प्लस टू विद्यालय का अस्तित्व खतरे में है. भोजपुर जिले का नामी-गिरामी विद्यालय अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. इसमें पढ़ने वाले पंद्रह सौ छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में है. बता दें कि आरा-पटना फोरलेन सड़क निर्माण के लिये प्लस टू विद्यालय कोईलवर की भूमि अधिग्रहित की गई है. आने वाले कुछ दिनों में प्लस टू विद्यालय के भवन को तोड़कर सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा.
जिला प्रशासन भोजपुर की ओर से निर्देश दिया गया है कि दुर्गा पूजा में अवकाश अवधि के दौरान विद्यालय को कुल्हड़िया उच्च विद्यालय में शिफ्ट किया जाए. मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा लिया गया यह फैसला गलत है. ऐसे में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
अधर में बच्चों का भविष्य
बच्चों ने डीएम से गुहार लगाई है कि स्कूल को कुल्हड़िया में न शिफ्ट करके कोईलवर के ही किसी स्कूल में शिफ्ट किया जाए. इससे विद्यालय की दूरी भी ज्यादा नहीं बढ़ेगी और बच्चों को आने-जाने में सुविधा होगी. ग्रामीणों ने बताया कि कोईलवर बैजनाथ प्लस टू विद्यालय से कुल्हड़िया उच्च विद्यालय की दूरी लगभग 4 किलोमीटर है. ऐसे में बच्चों को आरा-पटना नेशनल हाइवे होते हुए विद्यालय जाना पड़ेगा, जो खतरे से खाली नहीं है. जिस रोड पर आरा से लेकर कोईलवर तक ट्रक-बस का जाम चौबीसों घंटे लगा रहता है, मुसाफिरों का आना-जाना दूभर है, उस रास्ते बच्चे जान जोखिम में डालकर कैसे शिक्षा ग्रहण करने जाएंगे.
कुल्हड़िया विद्यालय को दो शिफ्ट में चलाने का निर्देश
बता दें कि तारामणि प्लस टू विद्यालय कोईलवर में पढ़ने वाले बच्चे जमालपुर, चंदा, हरिपुर, दौलतपुर, धनडीहा, फरहंगपुर पंचायत से तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय करके आते हैं. अब उन्हें कुल्हड़िया उच्च विद्यालय पहुंचने के लिए लगभग 8 से 9 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. वहीं, डीईओ ने कुल्हड़िया विद्यालय को दो शिफ्ट में चलाने का निर्देश दिया है. कोईलवर प्लस टू विद्यालय के बच्चों को सुबह 7 से 11 बजे और कुल्हड़िया के छात्रों को 11:15 बजे से शाम 4 बजे तक पठन-पाठन कराने को निर्देशित किया गया है, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी छात्राओं को होने वाली है.
समस्या से डीएम को कराया जाएगा अवगत
ग्रामीणों ने कहा कि जब शिफ्ट में ही विद्यालय चलाना है तो मिडिल स्कूल कोईलवर में क्यों नहीं, जो इस स्कूल से सटे है और उसमें आठ कमरे भी हैं. स्कूल से सटे एक सरकारी आवास भी खाली है जिसमे लगभग 16 कमरे हैं. दोनों को मिलाकर 24 कमरे हो जा रहे हैं जिसमें आसानी से प्लस टू विद्यालय का पठन-पाठन कराया जा सकता है. लोगों ने बताया कि 1500 छात्रों के इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी का ध्यान आकर्षण कराया जायेगा, ताकि बच्चों के हित में सोच-समझकर व्यवस्था की जाए.