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भोजपुर: ट्रेन ठहराव और स्टेशन निर्माण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे ग्रामीण

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले इस जगह पर रेल लाइन छोटी थी, उस समय यहां पर ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था. लेकिन जब से आरा-सासाराम रेल लाइन का निर्माण हुआ तब से यहां से ट्रेन के ठहराव को समाप्त कर दिया गया.

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Published : Feb 20, 2020, 9:11 PM IST

ट्रेन ठहराव और स्टेशन निर्माण की मांग
ट्रेन ठहराव और स्टेशन निर्माण की मांग

भोजपुर: आरा-सासाराम रेलखंड के पास स्थित कसाप गांव के पास ट्रैन के ठहराव और स्टेशन निर्माण सहित अन्य मांगों को लेकर ग्रामीण गुरुवार से आमरण अनशन पर बैठ गए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक रेल विभाग स्टेशन निर्माण का लिखित पत्र जारी नहीं करेगा तब तक अनशन जारी रहेगा.

लोगों का कहना था कि पहले इस जगह पर रेल लाइन छोटी थी, उस समय यहां पर ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था. लेकिन जब से आरा सासाराम रेल लाइन का निर्माण हुआ तब से यहां से ट्रेन के ठहराव को समाप्त कर दिया गया.

पेश है एक रिपोर्ट

'आंदोलन के बाद शुरू हुआ था ट्रेन ठहराव'
इस मामले पर अनशनकारी राम जी ने बताया कि ग्रामीणों ने जब ट्रेन ठहराव की मांग की तब सांसद समेत कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने मौखिक रूप से आश्वासन दिया था. बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. अनशनकारी लोगों ने कहा कि कुछ महीने पहले ग्रामीणों के आंदोलन के कारण यहां पर ट्रेन का ठहराव हुआ करता था. लेकिन बाद में फिर बंद कर दिया गया.

'उग्र विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी'
अनशन पर बैठे ग्रामीणों ने रेल प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हम पहले 10 दिनों तक आमरण अनशन करेंगे. इसके बाद सभी ट्रैक को जाम कर रेल परिचालन को ठप कर दिया जाएगा. इस अनशन में शशि कुशवाहा, मुखिया पंकज कुमार, राजू कुशवाहा सहित अन्य लोग शामिल रहे.

भोजपुर: आरा-सासाराम रेलखंड के पास स्थित कसाप गांव के पास ट्रैन के ठहराव और स्टेशन निर्माण सहित अन्य मांगों को लेकर ग्रामीण गुरुवार से आमरण अनशन पर बैठ गए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक रेल विभाग स्टेशन निर्माण का लिखित पत्र जारी नहीं करेगा तब तक अनशन जारी रहेगा.

लोगों का कहना था कि पहले इस जगह पर रेल लाइन छोटी थी, उस समय यहां पर ट्रेनों का ठहराव हुआ करता था. लेकिन जब से आरा सासाराम रेल लाइन का निर्माण हुआ तब से यहां से ट्रेन के ठहराव को समाप्त कर दिया गया.

पेश है एक रिपोर्ट

'आंदोलन के बाद शुरू हुआ था ट्रेन ठहराव'
इस मामले पर अनशनकारी राम जी ने बताया कि ग्रामीणों ने जब ट्रेन ठहराव की मांग की तब सांसद समेत कई अन्य जनप्रतिनिधियों ने मौखिक रूप से आश्वासन दिया था. बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. अनशनकारी लोगों ने कहा कि कुछ महीने पहले ग्रामीणों के आंदोलन के कारण यहां पर ट्रेन का ठहराव हुआ करता था. लेकिन बाद में फिर बंद कर दिया गया.

'उग्र विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी'
अनशन पर बैठे ग्रामीणों ने रेल प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि हम पहले 10 दिनों तक आमरण अनशन करेंगे. इसके बाद सभी ट्रैक को जाम कर रेल परिचालन को ठप कर दिया जाएगा. इस अनशन में शशि कुशवाहा, मुखिया पंकज कुमार, राजू कुशवाहा सहित अन्य लोग शामिल रहे.

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