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अयोध्या में भूमि पूजन के लिए भोजपुर से भेजा गया संगम का पवित्र जल और मिट्टी - Ayodhya

भोजपुर की धरती से भगवान राम के मंदिर में लगने के लिए जल और मिट्टी भेजी जा रही है. बिंदगावां गांव के संगमेश्वरम पशुपतिनाथ चरण पीठ से पावन मिट्टी अयोध्या भेजी जा रही है.

Bhojpur
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Published : Jul 30, 2020, 6:05 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 4:43 PM IST

भोजपुर: दशकों के इंतजार के बाद 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर है. भूमि पूजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरे देश के धार्मिक स्थलों की मिट्टी को अयोध्या मंगाया जा रहा है. भोजपुर की धरती से भगवान राम के मंदिर में लगने के लिए जल और मिट्टी भेजी जा रही है.

भेजी गई पावन मिट्टी और जल
भेजी गई पावन मिट्टी और जल

बता दें कि जिले के बिंदगावां ग्राम में अवस्थित सरयू, गंगा और सोन का संगम स्थल है जो कि भारत सहित विश्व के किसी भी धर्म क्षेत्र का एकमात्र अति दुर्लभ सम्मान है. इसका वर्णन कई धर्म ग्रंथों में भी उल्लेखित है. स्थानीय लोग बताते हैं कि राम चरित्र मानस के बालकांड के 34 वां दोहा से लेकर 39 वां दोहे के बीच महर्षि तुलसीदासजी ने लिखा है- 'राम भगति सूरतहि जाही मिलहि सुकृति सरयू सुहाई
सानुज राम समर जसु पावन. मिले हूं महानद शोंन सुहावन.'

देखें रिपोर्ट

पावन मिट्टी भेजी जा रही अयोध्या
स्थानीय लोगों ने बताया कि उपरोक्त स्थल जिस पर भगवान श्री राम के स्वयं पग पड़े हैं. ऐसी दुर्लभ संगम की मिट्टी और जल भगवान श्री राम की कृपा से उनकी परमधाम के लिए ही भगवान को अर्पित किया जा रहा है. बिंदगावां गांव के संगमेश्वरम पशुपतिनाथ चरण पीठ से पावन मिट्टी अयोध्या भेजी जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि भगवान श्रीराम चारों भाई सहित महाप्रयाण के समय में इसी पावन नदी में खुद को जल समाहित कर साकेत धाम गए थे.

भोजपुर: दशकों के इंतजार के बाद 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होने जा रहा है. इसके लिए तैयारियां जोरों पर है. भूमि पूजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरे देश के धार्मिक स्थलों की मिट्टी को अयोध्या मंगाया जा रहा है. भोजपुर की धरती से भगवान राम के मंदिर में लगने के लिए जल और मिट्टी भेजी जा रही है.

भेजी गई पावन मिट्टी और जल
भेजी गई पावन मिट्टी और जल

बता दें कि जिले के बिंदगावां ग्राम में अवस्थित सरयू, गंगा और सोन का संगम स्थल है जो कि भारत सहित विश्व के किसी भी धर्म क्षेत्र का एकमात्र अति दुर्लभ सम्मान है. इसका वर्णन कई धर्म ग्रंथों में भी उल्लेखित है. स्थानीय लोग बताते हैं कि राम चरित्र मानस के बालकांड के 34 वां दोहा से लेकर 39 वां दोहे के बीच महर्षि तुलसीदासजी ने लिखा है- 'राम भगति सूरतहि जाही मिलहि सुकृति सरयू सुहाई
सानुज राम समर जसु पावन. मिले हूं महानद शोंन सुहावन.'

देखें रिपोर्ट

पावन मिट्टी भेजी जा रही अयोध्या
स्थानीय लोगों ने बताया कि उपरोक्त स्थल जिस पर भगवान श्री राम के स्वयं पग पड़े हैं. ऐसी दुर्लभ संगम की मिट्टी और जल भगवान श्री राम की कृपा से उनकी परमधाम के लिए ही भगवान को अर्पित किया जा रहा है. बिंदगावां गांव के संगमेश्वरम पशुपतिनाथ चरण पीठ से पावन मिट्टी अयोध्या भेजी जा रही है. ग्रामीणों ने बताया कि भगवान श्रीराम चारों भाई सहित महाप्रयाण के समय में इसी पावन नदी में खुद को जल समाहित कर साकेत धाम गए थे.

Last Updated : Aug 2, 2020, 4:43 PM IST
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