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जमानतदार नहीं मिलने से 26 साल से कैद में हैं बजरंगबली, 42 लाख देकर ही छूटेगी मूर्ति

भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाना में भगवान हनुमान और वरूण की मूर्ति 26 वर्षों से मालखाने में बंद है. दोनों मूर्ति के मालखाने में बंद होने का कारण उसकी जमानत राशि है. कोर्ट ने मूर्ति की जमानत के लिए 42 लाख रुपये जमा करने की शर्त रखी है. जिसके चलते अबतक कोई भी सामने नहीं आया है. अब बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष किशोर कुणाल ने मूर्ति के जमानत करवाने की बात कही है. जल्द ही भगवान मालखाने से निकलकर मंदिर में विराजमान होंगे और लोगों को दर्शन देंगे. पढ़ें पूरी खबर..

भोजपुर में 26 साल से कैद में हैं हनुमानजी
भोजपुर में 26 साल से कैद में हैं हनुमानजी
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Published : Jun 6, 2022, 11:03 PM IST

भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले में पिछले 26 वर्षों से भगवान हनुमान और वरूण देवता की मूर्ति एक थाने में बंद है. कोर्ट की ओर से इन मुर्ति की जमानत के लिए 42 लाख रुपए की राशि जमा करने की शर्त रखी हुई है. अब इन दोनों मूर्ति को जमानत मिलने वाली है. जमानत की कदावायद में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल पूरे जोरशोर से लगे हुए हैं. आचार्य किशोर कुणाल ने भोजपुर एसपी से थाने में बंद हनुमान जी और वरूण देवता की जमानत को लेकर बातचीत की है और कानूनी प्रक्रिया के तहत वह जल्द ही हनुमान जी को थाना स्थित मालखाने की कैद से छुड़ाकर मंदिर में पुन: स्थापित करवाएंगे.

ये भी पढ़ें-मुजफ्फरपुर: नरियार मठ के मंदिर से राम-जानकी समेत अष्टधातु की सात मूर्तियां चोरी

पुलिस की कैद में भगवान: दरअसल, यह पूरा मामला बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी अन्तर्गत गुंडी गांव स्थित दक्षिण पंथ पर आधारित श्री रंगनाथ स्वामी जी मंदिर से जुड़ा हुआ है. मंदिर में स्थापित भगवान हनुमान और वरुण देवता की अष्ट धातु से निर्मित मूर्ति 1994 में अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी कर ली गई थी. जिसके बाद मंदिर प्रबंधन के द्वारा कृष्णागढ़ ओपी में चोरी का मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद 1996 में पुलिस ने आरा नगर क्षेत्र के सिंगही इलाके के एक कुएं से भगवान हनुमान और वरुण देवता की मूर्ति को बरामद किया. जिसके बाद पुलिस मूर्ति की तफ्ती सूची बनाकर चोरी गई दोनों मूर्तियों को माल खाने में रख दिया और कोर्ट ने बरामद मूर्ति का मूल्यांकन करीब 42 लाख रुपए मानकर इसकी जमानत की शर्त रख दी. इसके बाद से आज तक भगवान हनुमान और वरुण देवता की मूर्ति कृष्णगढ़ थाने के मल खाने में जमानत की आस में बंद पड़ी है.

मंदिर में जल्द विराजमान होंगे हनुमानजी: बीते 26 वर्षों में कई बार मंदिर प्रबंधन और बिहार न्यास धार्मिक बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने मालखाने में रखें दोनों मूर्तियों को जमानत कराने की कवायद में बातचीत किए, लेकिन कुछ कारणवश बात नहीं बन पाई. इधर, कुछ दिनों से फिर माल खाने में रखे मूर्तियों की जमानत कराने की चर्चा तेज होने लगी और इस कड़ी में पटना हनुमान मंदिर न्यास बोर्ड के सचिव आचार्य किशोर कुणाल दोनों मूर्तियों की जमानत कराने के कवायद में जोर-शोर से जुट गए हैं. हालांकि, उनके द्वारा कहा ऐसा भी गया है की जमानत की राशि जमा कर दी जाएगी लेकिन मंदिर में इन दोनों मूर्तियों को स्थापित करने के बाद इनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी स्थानीय प्रशासन को लेनी होगी.

हनुमानजी को जमानत का इंतजार: इस मामले पर फिलहाल भोजपुर पुलिस के कोई भी वरीय अधिकारी कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नहीं है. वहीं, गुंडी गांव स्थित श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर के संस्थापक के वंशज युगल किशोर सिंह उर्फ बबन सिंह से जब हमारे संवाददाता ने बातचीत किया तो उन्होंने भी स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की मांग की शर्त रखते हुए दोनों मूर्तियों की जमानत कराने की बात कही है. बहरहाल, लोगों की संकट का हरण करने वाले संकटमोचन हनुमान और वरुण देव 26 वर्ष तक खुद संकट झेल जमानत की आस लगाए बैठे हैं कि कब कोई आएं और उनकी जमानत करवाए. ताकि, वो इस बंद काल कोठरी से बाहर निकल भक्तों को दर्शन दें.

ये भी पढ़ें-बोधगया में बन रही है भगवान बुद्ध की सबसे लंबी प्रतिमा, फरवरी 2023 से श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन

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भोजपुर: बिहार के भोजपुर जिले में पिछले 26 वर्षों से भगवान हनुमान और वरूण देवता की मूर्ति एक थाने में बंद है. कोर्ट की ओर से इन मुर्ति की जमानत के लिए 42 लाख रुपए की राशि जमा करने की शर्त रखी हुई है. अब इन दोनों मूर्ति को जमानत मिलने वाली है. जमानत की कदावायद में बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल पूरे जोरशोर से लगे हुए हैं. आचार्य किशोर कुणाल ने भोजपुर एसपी से थाने में बंद हनुमान जी और वरूण देवता की जमानत को लेकर बातचीत की है और कानूनी प्रक्रिया के तहत वह जल्द ही हनुमान जी को थाना स्थित मालखाने की कैद से छुड़ाकर मंदिर में पुन: स्थापित करवाएंगे.

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पुलिस की कैद में भगवान: दरअसल, यह पूरा मामला बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी अन्तर्गत गुंडी गांव स्थित दक्षिण पंथ पर आधारित श्री रंगनाथ स्वामी जी मंदिर से जुड़ा हुआ है. मंदिर में स्थापित भगवान हनुमान और वरुण देवता की अष्ट धातु से निर्मित मूर्ति 1994 में अज्ञात चोरों के द्वारा चोरी कर ली गई थी. जिसके बाद मंदिर प्रबंधन के द्वारा कृष्णागढ़ ओपी में चोरी का मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद 1996 में पुलिस ने आरा नगर क्षेत्र के सिंगही इलाके के एक कुएं से भगवान हनुमान और वरुण देवता की मूर्ति को बरामद किया. जिसके बाद पुलिस मूर्ति की तफ्ती सूची बनाकर चोरी गई दोनों मूर्तियों को माल खाने में रख दिया और कोर्ट ने बरामद मूर्ति का मूल्यांकन करीब 42 लाख रुपए मानकर इसकी जमानत की शर्त रख दी. इसके बाद से आज तक भगवान हनुमान और वरुण देवता की मूर्ति कृष्णगढ़ थाने के मल खाने में जमानत की आस में बंद पड़ी है.

मंदिर में जल्द विराजमान होंगे हनुमानजी: बीते 26 वर्षों में कई बार मंदिर प्रबंधन और बिहार न्यास धार्मिक बोर्ड के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने मालखाने में रखें दोनों मूर्तियों को जमानत कराने की कवायद में बातचीत किए, लेकिन कुछ कारणवश बात नहीं बन पाई. इधर, कुछ दिनों से फिर माल खाने में रखे मूर्तियों की जमानत कराने की चर्चा तेज होने लगी और इस कड़ी में पटना हनुमान मंदिर न्यास बोर्ड के सचिव आचार्य किशोर कुणाल दोनों मूर्तियों की जमानत कराने के कवायद में जोर-शोर से जुट गए हैं. हालांकि, उनके द्वारा कहा ऐसा भी गया है की जमानत की राशि जमा कर दी जाएगी लेकिन मंदिर में इन दोनों मूर्तियों को स्थापित करने के बाद इनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी स्थानीय प्रशासन को लेनी होगी.

हनुमानजी को जमानत का इंतजार: इस मामले पर फिलहाल भोजपुर पुलिस के कोई भी वरीय अधिकारी कैमरे पर बोलने के लिए तैयार नहीं है. वहीं, गुंडी गांव स्थित श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर के संस्थापक के वंशज युगल किशोर सिंह उर्फ बबन सिंह से जब हमारे संवाददाता ने बातचीत किया तो उन्होंने भी स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की मांग की शर्त रखते हुए दोनों मूर्तियों की जमानत कराने की बात कही है. बहरहाल, लोगों की संकट का हरण करने वाले संकटमोचन हनुमान और वरुण देव 26 वर्ष तक खुद संकट झेल जमानत की आस लगाए बैठे हैं कि कब कोई आएं और उनकी जमानत करवाए. ताकि, वो इस बंद काल कोठरी से बाहर निकल भक्तों को दर्शन दें.

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