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भोजपुर: कृषि कानून के खिलाफ धरना, रद्द करने की मांग

अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले भोजपुर के पीरो में धरना दिया गया.

bhojpur farmer strike
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Published : Jan 6, 2021, 9:28 PM IST

भोजपुर: जिले के पीरो पड़ाव मैदान में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले 'किसान धरना' का आयोजन किया गया. पूर्व विधायक सह जिला सचिव अखिल भारतीय किसान महासभा के चन्द्रदीप सिंह प्रखंड सचिव दूदून सिंह के नेतृत्व में शुरुआत की गई. जिसका अध्यक्षता किसान नेता दूदून सिंह ने की. इस दौरान नये कृषि कानूनों को वापस लेने, 1868/1888 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीद करने, कृषि उत्पादन बाजार समिति को फिर से बहाल करने, एमएसपी की गारांटी के लिए कानून बनाने की मांग की.

किसानों को बेचना चाह रही है सरकार
'हमने जिनको वोट देकर सरकार बनाई, वह सरकार आज हम किसानों के खिलाफ कानून बना रही है. विरोध करने पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और इस ठंड के मौसम में पानी की बौछार कर रही है. किसान अपने मांग को लेकर कंपकपाती ठंड में रोड पर हैं लेकिन किसानों की बात नहीं मानकर किसानों के खिलाफ और अंबानी-अडानी के लिए एक के बाद एक कानून बनाकर देश के तमाम किसानों को खेत खेती को गुलाम बनाकर उद्योगपतियों के हाथों बेचना चाह रही है.'- चन्द्रदीप सिंह, पूर्व विधायक

भंग एपीएमसी एक्ट लागू करने की मांग
किसान नेताओं ने कहा कि नये कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और किसानों के लिए एमएसपी के लिए अलग से कानून बनाया जाए और भंग एपीएमसी एक्ट को कृषि उत्पादन बजार समिति को पुनः बहाल की जाए. इसके अलावे किसानों का उत्पादित धान को सरकारी तय दर 1868/1888 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की गारांटी दी जाए.

भोजपुर: जिले के पीरो पड़ाव मैदान में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले 'किसान धरना' का आयोजन किया गया. पूर्व विधायक सह जिला सचिव अखिल भारतीय किसान महासभा के चन्द्रदीप सिंह प्रखंड सचिव दूदून सिंह के नेतृत्व में शुरुआत की गई. जिसका अध्यक्षता किसान नेता दूदून सिंह ने की. इस दौरान नये कृषि कानूनों को वापस लेने, 1868/1888 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीद करने, कृषि उत्पादन बाजार समिति को फिर से बहाल करने, एमएसपी की गारांटी के लिए कानून बनाने की मांग की.

किसानों को बेचना चाह रही है सरकार
'हमने जिनको वोट देकर सरकार बनाई, वह सरकार आज हम किसानों के खिलाफ कानून बना रही है. विरोध करने पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले और इस ठंड के मौसम में पानी की बौछार कर रही है. किसान अपने मांग को लेकर कंपकपाती ठंड में रोड पर हैं लेकिन किसानों की बात नहीं मानकर किसानों के खिलाफ और अंबानी-अडानी के लिए एक के बाद एक कानून बनाकर देश के तमाम किसानों को खेत खेती को गुलाम बनाकर उद्योगपतियों के हाथों बेचना चाह रही है.'- चन्द्रदीप सिंह, पूर्व विधायक

भंग एपीएमसी एक्ट लागू करने की मांग
किसान नेताओं ने कहा कि नये कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और किसानों के लिए एमएसपी के लिए अलग से कानून बनाया जाए और भंग एपीएमसी एक्ट को कृषि उत्पादन बजार समिति को पुनः बहाल की जाए. इसके अलावे किसानों का उत्पादित धान को सरकारी तय दर 1868/1888 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद की गारांटी दी जाए.

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