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भोजपुर: 3 दिनों तक बंद रहेंगी दवा दुकानें, ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ये हैं प्रमुख मांगें

भोजपुर जिला ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि फार्मासिस्ट को लेकर विभाग नें एक नियम बनाई है. जिसकी आड़ में लाइसेंसधारी दुकानदारों के साथ विभागीय उत्पीड़न और शोषण किया जाता है.

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Published : Jan 21, 2020, 11:55 PM IST

3 दिनों तक बंद रहेगी दवा दुकानें
3 दिनों तक बंद रहेगी दवा दुकानें

भोजपुर: प्रदेशभर में दवा दुकानें बुधवार 22 जनवरी से तीन दिनों के लिए बंद रहेंगी. दरअसल, बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पूरे सूबे में बंद का ऐलान किया है. इसके समर्थन में भोजपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने भी जिले में सभी दवा दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है.

'बंद रहेंगी जिले की सभी दवा दुकानें'
इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए भोजपुर जिला ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने कहा कि फार्मासिस्ट को लेकर विभाग नें एक नियम बनाई है. जिसकी आड़ में लाइसेंसधारी दुकानदारों के साथ विभागीय उत्पीड़न और शोषण किया जाता हैं. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की कुछ मांगे हैं. मांगे पूरी नहीं होने पर इस बंद के बाद आगे की कार्रवाई को लेकर एसोसिएशन निर्णय करेगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'खुला रहेगा जन औषधि केंद्र'
वहीं, इस मामले पर औषधि निरीक्षक कुमार संजय ने कहा कि जिले में 14 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुले रहेंगे. इसको लेकर दुकानदारों और एसोसिएशन से बात चल रही है.

प्रमुख मांगें:-
1. फार्मासिस्ट समस्या के सामाधान होने तक निरीक्षण के दौरान विभाग दवा दुकानदारों को परेशान नहीं करे
2. दुकान का निरीक्षण परिभाषित फॉर्म 35 के अनुसार हो
3. निरीक्षण के लिए जारी किए गए विभागीय ज्ञापन 262 (15) को निरस्त किया जाए
4. निरीक्षण के दौरान पहली बार तकनीकी गलतियों के ऊपर विभागीय दंड नहीं किया जाए.
5. राज्य के दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता और पारदर्शिता कायम रखने के लिए नियमानुसार एक मापदंड निर्धारित किया जाए
6. अनुज्ञप्ति के नवीकरण में केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रण द्वारा चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए.

भोजपुर: प्रदेशभर में दवा दुकानें बुधवार 22 जनवरी से तीन दिनों के लिए बंद रहेंगी. दरअसल, बिहार केमिस्ट और ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पूरे सूबे में बंद का ऐलान किया है. इसके समर्थन में भोजपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने भी जिले में सभी दवा दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है.

'बंद रहेंगी जिले की सभी दवा दुकानें'
इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए भोजपुर जिला ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतेंद्र सिंह ने कहा कि फार्मासिस्ट को लेकर विभाग नें एक नियम बनाई है. जिसकी आड़ में लाइसेंसधारी दुकानदारों के साथ विभागीय उत्पीड़न और शोषण किया जाता हैं. उन्होंने कहा कि एसोसिएशन की कुछ मांगे हैं. मांगे पूरी नहीं होने पर इस बंद के बाद आगे की कार्रवाई को लेकर एसोसिएशन निर्णय करेगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'खुला रहेगा जन औषधि केंद्र'
वहीं, इस मामले पर औषधि निरीक्षक कुमार संजय ने कहा कि जिले में 14 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुले रहेंगे. इसको लेकर दुकानदारों और एसोसिएशन से बात चल रही है.

प्रमुख मांगें:-
1. फार्मासिस्ट समस्या के सामाधान होने तक निरीक्षण के दौरान विभाग दवा दुकानदारों को परेशान नहीं करे
2. दुकान का निरीक्षण परिभाषित फॉर्म 35 के अनुसार हो
3. निरीक्षण के लिए जारी किए गए विभागीय ज्ञापन 262 (15) को निरस्त किया जाए
4. निरीक्षण के दौरान पहली बार तकनीकी गलतियों के ऊपर विभागीय दंड नहीं किया जाए.
5. राज्य के दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता और पारदर्शिता कायम रखने के लिए नियमानुसार एक मापदंड निर्धारित किया जाए
6. अनुज्ञप्ति के नवीकरण में केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि नियंत्रण द्वारा चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाए.

Intro:भोजपुर में 3 दिन बंद रहेगी दवा दुकानें

भोजपुर।

राज्य के थोक एवं खुदरा दवा दुकानों को फार्मासिस्ट की उपलब्धता एवं तकनीकी गलती के नाम पर विभागीय उत्पीड़न एवं शोषण के विरोध में भोजपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने 22, 23 एवं 24 जनवरी 2020 को दबा दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है.


Body:उनकी मांगों में
1.फार्मासिस्ट समस्या का जब तक सरकार के द्वारा समाधान नहीं हो जाता तब तक विभाग द्वारा जारी किए गए सभी अनुज्ञप्तिधारी के साथ निरीक्षण के दौरान इस नियम के आड़ में विभागीय उत्पीड़न एवं शोषण को बंद किया जाए. 2. दवा दुकानों में निरीक्षण ड्रॉबैक में परिभाषित फॉर्म 35 के अनुसार ही होना चाहिए. 3.निरीक्षण के लिए जारी किए गए विभागीय ज्ञापन 262 (15) दिनांक 29.03.2019 को अविलंब निरस्त किया जाए. 4.निरीक्षण के क्रम में पहली बार तकनीकी गलतियों के ऊपर यदि दवा दुकानदार द्वारा उस गलती को सुधारने का प्रमाण प्रस्तुत किया जाता है तो विभागीय दंड नहीं दिया जाए. 5. राज्य के दवा दुकानों में विभागीय निरीक्षण में एकरूपता एवं पारदर्शिता कायम रखने के लिए नियमानुसार एक मापदंड निर्धारित किया जाए. 6.अनुज्ञप्ति के नवीकरण में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के आलोक में राज्य औषधि
नियंत्रण द्वारा चालान जमा करने में एक स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया जाए. 7. विभागीय निरीक्षण का उद्देश्य सुधार होना चाहिए न कि उसके नाम पर उत्पीड़न एवं शोषण किया जाए. इन 7 मांगों को लेकर कल भोजपुर में दवा दुकानदार हड़ताल पर रहेंगे जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.


Conclusion:वही औषधि निरीक्षक ने बताया कि जिले के 14 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खुले रहेंगे प्रयासरत हैं लोगों को समझा-बुझाकर और अधिक से अधिक दुकान खुलवा सके ताकि मरीजों को किसी तरह की परेशानी ना उठानी पड़े.

बाइट-दीपक श्रीवास्तव(दवा दुकानदार)
बाइट-सतेंद्र सिंह( अध्यक्ष केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन,भोजपुर)
बाइट-कुमार संजय (औषधि निरीक्षक)
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