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भोजपुरः वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर स्कूलों में शोक सभा का आयोजन

स्कूल के निदेशक ने बताया कि डॉ वशिष्ठ नारायण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान पाया. वे पढ़ने लिखने में इतने तेज थे कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके कॉलेज ने अपने नियम बदल दिए थे.

शोक सभा का किया गया आयोजनशोक सभा का किया गया आयोजन
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Published : Nov 15, 2019, 8:47 PM IST

भोजपुरः देश के महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर भोजपुर के कई स्कूलों में शोकसभा का आयोजन किया गया. वहीं, कोईलवर के आरपीपीएस स्कूल में भी शोकसभा आयोजित की गई. इस दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उनकी फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की. वहीं, सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर उनके आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.

स्कूलों में शोकसभा का आयोजन
शोकसभा को सम्बोधित करते हुए स्कूल के निदेशक रविकांत राय ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. बच्चों को उनके जीवनी के बारे में बताते हुए कहा कि डॉ वशिष्ठ नारायण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान पाया. वे पढ़ने लिखने में इतने तेज थे कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके कॉलेज ने अपने नियम बदल दिए थे.

महान गणितज्ञ के निधन स्कूल में शोक सभा का आयोजन

स्कूल के प्राचार्य रहे उपस्थित
निदेशक ने कहा कि वे अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय से पीएचडी की और प्रोफेसर बने. देश प्रेम की वजह से वे स्वदेश लौटे और भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया. लेकिन बाद में सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए. लगभग 40 वर्षों तक बीमारी और उपेक्षा का शिकार रहने के बाद 14 नवम्बर को उनका देहांत हो गया.

भोजपुरः देश के महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर भोजपुर के कई स्कूलों में शोकसभा का आयोजन किया गया. वहीं, कोईलवर के आरपीपीएस स्कूल में भी शोकसभा आयोजित की गई. इस दौरान उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने उनकी फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की. वहीं, सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर उनके आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.

स्कूलों में शोकसभा का आयोजन
शोकसभा को सम्बोधित करते हुए स्कूल के निदेशक रविकांत राय ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला. बच्चों को उनके जीवनी के बारे में बताते हुए कहा कि डॉ वशिष्ठ नारायण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे. शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान पाया. वे पढ़ने लिखने में इतने तेज थे कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके कॉलेज ने अपने नियम बदल दिए थे.

महान गणितज्ञ के निधन स्कूल में शोक सभा का आयोजन

स्कूल के प्राचार्य रहे उपस्थित
निदेशक ने कहा कि वे अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय से पीएचडी की और प्रोफेसर बने. देश प्रेम की वजह से वे स्वदेश लौटे और भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया. लेकिन बाद में सिजोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए. लगभग 40 वर्षों तक बीमारी और उपेक्षा का शिकार रहने के बाद 14 नवम्बर को उनका देहांत हो गया.

Intro:महान गणितज्ञ के निधन पर स्कूल में शोकसभा का आयोजन

देश के महान गणितज्ञ डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर भोजपुर के कई स्कूलों में शोकसभा का आयोजन किया गया. वही कोइलवर के आरपीपीएस स्कूल में भी शोकसभा आयोजित किया गया. शोकसभा के दौरान उपस्थित छात्र छात्राओं व शिक्षकों ने उनके तैल्यचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की.वही सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर उनके आत्मा की शान्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.Body:शोकसभा को सम्बोधित करते हुए स्कूल के निदेशक रविकांत राय ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला.बच्चों को उनके जीवनी के बारे में बताते हुए कहा कि डॉ वसिष्ठ नारायण विलक्षण प्रतिभा के धनी थे.शिक्षा ग्रहण करने के दौरान उन्होंने हमेशा प्रथम स्थान पाया.वे पढ़ने लिखने में इतने तेज़ थे कि उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके कॉलेज ने अपने नियम बदल दिए थे.बाद में उन्होंने अमेरिका के बर्कले विश्वविद्यालय से पीएचडी की और प्रोफेसर बने।देशप्रेम की वजह से वे स्वदेश लौटे औऱ भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य किया लेकिन बाद में सिज़ोफ्रेनिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए.लगभग 40 वर्षों तक बीमारी व उपेक्षा का शिकार रहने के बाद 14 नवम्बर को उनका देहांत हो गया.मौके पर स्कूल के प्राचार्य प्रवीण सिंह,संतोष, नितेश उपस्थित थे.

बाइट-स्कूल के निदेशक(रविकांत राय)Conclusion:
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