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जर्जर भवन में चल रहा बाल विकास परियोजना का कार्यालय, कभी भी हो सकता है हादसा

भोजपुर जिले के बाल विकास परियोजना का कार्यालय का एक जर्जर भवन में चल रहा है. जिसके कारण कार्यरत कर्मचारियों में हर समय डर माहौैल बना हुआ है. साथ ही कार्यालय का कार्य भी बाधित हो रहा है.

भोजपुर
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Published : Jun 16, 2020, 2:09 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 7:06 AM IST

भोजपुर: जिले के बड़हरा प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय कई सालों से पुराने और जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. यदि समय रहते भवन की मरम्मत नहीं की गई तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. यही नहीं कर्मी बताते हैं कि बरसात में छत से पानी टपकने लगता है. इससे नौनिहालों को सेहदमंद पोषाहार के खराब होने का अंदेशा है.

देखें रिपोर्ट

टूट-टूट कर गिरने लगी है सीलिंग
इसके बावजूद जर्जर भवन में परियोजना का संचालन एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर रहा है. परियोजना कार्यालय के स्टोर रूम की छत भी बारिश में टपकती है. वहीं, लेंटर और दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. छत के ऊपर सीलिंग भी अब टूट-टूट कर गिरने लगा है. बाल विकास परियोजना कार्यालय में कुल 10 कर्मी नियुक्त हैं. कर्मी से बात करने के दौरान बताया गया कि आए दिन भवन के छत से चट्टान गिरता रहता है, जिससे हमेशा डर सताता रहता है.

जर्जर हालत में सीलिंग
जर्जर हालत में सीलिंग

कार्यालय का कार्य हो रहा बाधित
वहीं, कमरे की कमी के कारण सामान भी इधर-उधर रखना पड़ता है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने के कारण कार्यालय का कार्य करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. सरकारी संचिका को भी क्षति पहुंचती है.

बाल विकास परियोजना का कार्यालय
बाल विकास परियोजना का कार्यालय

सीडीपीओ से अभी तक नहीं मिला कोई लिखित आवेदन
इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. बड़हरा सीडीपीओ ने अभी तक कोई लिखित आवेदन नहीं दिया है. सीडीपीओ से बात कर इस मामले का निपटारा किया जाएगा. बरहाल अब देखने वाली बात होगी कि जर्जर भवन की कब तक मरम्मत का काम हो पाता है.

भोजपुर: जिले के बड़हरा प्रखंड के बाल विकास परियोजना कार्यालय कई सालों से पुराने और जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. यदि समय रहते भवन की मरम्मत नहीं की गई तो किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है. यही नहीं कर्मी बताते हैं कि बरसात में छत से पानी टपकने लगता है. इससे नौनिहालों को सेहदमंद पोषाहार के खराब होने का अंदेशा है.

देखें रिपोर्ट

टूट-टूट कर गिरने लगी है सीलिंग
इसके बावजूद जर्जर भवन में परियोजना का संचालन एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही को उजागर कर रहा है. परियोजना कार्यालय के स्टोर रूम की छत भी बारिश में टपकती है. वहीं, लेंटर और दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं. छत के ऊपर सीलिंग भी अब टूट-टूट कर गिरने लगा है. बाल विकास परियोजना कार्यालय में कुल 10 कर्मी नियुक्त हैं. कर्मी से बात करने के दौरान बताया गया कि आए दिन भवन के छत से चट्टान गिरता रहता है, जिससे हमेशा डर सताता रहता है.

जर्जर हालत में सीलिंग
जर्जर हालत में सीलिंग

कार्यालय का कार्य हो रहा बाधित
वहीं, कमरे की कमी के कारण सामान भी इधर-उधर रखना पड़ता है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने के कारण कार्यालय का कार्य करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. सरकारी संचिका को भी क्षति पहुंचती है.

बाल विकास परियोजना का कार्यालय
बाल विकास परियोजना का कार्यालय

सीडीपीओ से अभी तक नहीं मिला कोई लिखित आवेदन
इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है. बड़हरा सीडीपीओ ने अभी तक कोई लिखित आवेदन नहीं दिया है. सीडीपीओ से बात कर इस मामले का निपटारा किया जाएगा. बरहाल अब देखने वाली बात होगी कि जर्जर भवन की कब तक मरम्मत का काम हो पाता है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 7:06 AM IST
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