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भोजपुर: यहां 'रखवालों' के सिर पर ही नहीं है सुरक्षित छत, 6 पंचायतों की कैसे करेंगे सुरक्षा?

बीते 39 सालों से चांदी थाना का हाल-बेहाल है. कई बार शिकायत के बावजूद वरीय अधिकारी केवल आश्वासन के अलावे कुछ और नहीं कर रहे हैं.

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Published : Oct 18, 2019, 3:15 PM IST

भोजपुर: सरकारी अनदेखी का शिकार केवल आमजन ही नहीं बल्कि महकमे के अधिकारी भी हैं. इसका उदाहरण भोजपुर जिले के चांदी थाना में देखने को मिलता है. इस थाने की स्थिति बदतर है. खपरैलनुमा छत, मिट्टी की दीवार और बरसात के रिसते पानी के बीच यहां बहाल पुलिसकर्मी किसी तरह गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.

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जर्जर हाल में चांदी थाना
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बदहाल है थाना का हाल

बीते 39 सालों से चांदी थाना का हाल-बेहाल है. कई बार शिकायत के बावजूद वरीय अधिकारी केवल आश्वासन के अलावे कुछ और नहीं कर रहे हैं. नतीजतन, यहां जवान किसी तरह अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. जिन पुलिस जवानों के भरोसे जनता की जिम्मेदारी है, वह यहां खौफ में जीने को मजबूर हैं.

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बरसात में छत से टपकता है पानी
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थाना में सामान रखने की जगह नहीं

जानिए क्या कहते हैं पुलिसकर्मी?
यहां तैनात पुलिसकर्मी कहते हैं कि उन्हें यहां डर लगता है. सिर पर छत नहीं है. जिस कारण साल भर समस्या होती है. कभी तेज धूप का दंश तो कभी बरसात का पानी. जिस बैरक में जवान सोते हैं, वह मिट्टी की है. जिस कारण हर क्षण उसके धसने का भय बना रहता है. आए दिन कीड़े-मकौड़े, सांप-बिच्छु निकलते रहते हैं जिससे समस्या और दोगुनी हो जाती है.

देखें वीडियो

एफआईआर की कॉपी तक रखने की जगह नहीं
पुलिसकर्मी बताते हैं कि थाना में बैठना-रहना तो दूर एफआईआर की कॉपी और जरूरी कागजात तक रखने की जगह नहीं है. जिस दिन बारिश होती है, उस दिन बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है. आलम यह है कि थाना में शौच की जगह तक नहीं है. जब्त सामानों को भी सड़क किनारे रखना पड़ता है. 6 पंचायतों वाला यह चांदी थाना सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

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पुलिसकर्मियों ने सुनाई आपबीती

एसपी को नहीं है जानकारी
जब इस बारे में भोजपुर एसपी से जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. कार्रवाई की जाएगी. चांदी थाना भवन को लेकर प्रारुप तैयार कर विभाग को भेजा जा चुका है. राज्य सरकार इसको लेकर चिंतित है. जल्द नया भवन थाना को सुपुर्द किया जाएगा.

भोजपुर: सरकारी अनदेखी का शिकार केवल आमजन ही नहीं बल्कि महकमे के अधिकारी भी हैं. इसका उदाहरण भोजपुर जिले के चांदी थाना में देखने को मिलता है. इस थाने की स्थिति बदतर है. खपरैलनुमा छत, मिट्टी की दीवार और बरसात के रिसते पानी के बीच यहां बहाल पुलिसकर्मी किसी तरह गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.

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जर्जर हाल में चांदी थाना
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बदहाल है थाना का हाल

बीते 39 सालों से चांदी थाना का हाल-बेहाल है. कई बार शिकायत के बावजूद वरीय अधिकारी केवल आश्वासन के अलावे कुछ और नहीं कर रहे हैं. नतीजतन, यहां जवान किसी तरह अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. जिन पुलिस जवानों के भरोसे जनता की जिम्मेदारी है, वह यहां खौफ में जीने को मजबूर हैं.

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बरसात में छत से टपकता है पानी
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थाना में सामान रखने की जगह नहीं

जानिए क्या कहते हैं पुलिसकर्मी?
यहां तैनात पुलिसकर्मी कहते हैं कि उन्हें यहां डर लगता है. सिर पर छत नहीं है. जिस कारण साल भर समस्या होती है. कभी तेज धूप का दंश तो कभी बरसात का पानी. जिस बैरक में जवान सोते हैं, वह मिट्टी की है. जिस कारण हर क्षण उसके धसने का भय बना रहता है. आए दिन कीड़े-मकौड़े, सांप-बिच्छु निकलते रहते हैं जिससे समस्या और दोगुनी हो जाती है.

देखें वीडियो

एफआईआर की कॉपी तक रखने की जगह नहीं
पुलिसकर्मी बताते हैं कि थाना में बैठना-रहना तो दूर एफआईआर की कॉपी और जरूरी कागजात तक रखने की जगह नहीं है. जिस दिन बारिश होती है, उस दिन बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है. आलम यह है कि थाना में शौच की जगह तक नहीं है. जब्त सामानों को भी सड़क किनारे रखना पड़ता है. 6 पंचायतों वाला यह चांदी थाना सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.

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पुलिसकर्मियों ने सुनाई आपबीती

एसपी को नहीं है जानकारी
जब इस बारे में भोजपुर एसपी से जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. कार्रवाई की जाएगी. चांदी थाना भवन को लेकर प्रारुप तैयार कर विभाग को भेजा जा चुका है. राज्य सरकार इसको लेकर चिंतित है. जल्द नया भवन थाना को सुपुर्द किया जाएगा.

Intro:जर्जर थाना

भोजपुर।

भोजपुर जिले के चांदी थाना आज भी 39 वर्षों के बाद अपने नए भवन के इंतजार में उसी खपरैलनुमा मकान में चलता आ रहा है. वर्तमान समय में स्थिति बद से बदतर हो गई है पुलिस के जवान किसी तरह अपने आपको उसी जर्जर भवन में असुरक्षित महसूस करते हैं.,जिस बैरक में जवान सोते हैं उसकी दीवार मिट्टी की है, ऊपर से बरसात का पानी रिसता है तो वही नीचे बरसात के पानी लग जाने से पुलिसकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


Body:पुलिसकर्मी अपने बिस्तर पर जरूरी कागजात को लेकर लिखा पढ़ी करते हैं. आलम यह है की किसी दिन मूसलाधार बारिश या फिर तेज हवा के झोंके के साथ ये धराशाई हो सकता है और बड़ा हादसा होने की भी आशंका जताई जा रही है. चांदी थाना के अस्तित्व में आने के इतने सालों बाद भी चांदी थाना को हाजत नसीब हुआ. आम लोगों को सुरक्षा देने का जज्बा रखने वाले पुलिसकर्मी अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं. वहीं थाना का मलखाना नहीं होने के कारण सड़क के किनारे जैसे तैसे जप्त सामानों को रखा जाता है. 6 पंचायतों वाला चांदी थाना अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. पुलिसकर्मी बताते हैं बीते दिनों हुए मुश्लाधार बारिश से पुराना थाना जलमग्न हो गया था वही हम रात को जाग जाग कर बिताने को मजबूर थे. पर हम कर भी क्या सकते हैं हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं इसलिए अपना काम इमानदारी पूर्वक किसी भी परिस्थिति में करने के लिए तैयार रहते हैं. वही जब इस संबंध में भोजपुर के एसपी सुशील कुमार से बात की गई उन्होंने बताया कि चांदी थाना का जमीन चिन्हित कर लिया गया जल्द है चांदी थाना का अपना भवन बनकर तैयार हो जाएगा.

बाइट-पुलिसकर्मी
बाइट-युवा चौकीदार( चांदी थाना)
बाइट-एसपी भोजपुर(सुशील कुमार)


Conclusion:
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