भोजपुर: सरकारी अनदेखी का शिकार केवल आमजन ही नहीं बल्कि महकमे के अधिकारी भी हैं. इसका उदाहरण भोजपुर जिले के चांदी थाना में देखने को मिलता है. इस थाने की स्थिति बदतर है. खपरैलनुमा छत, मिट्टी की दीवार और बरसात के रिसते पानी के बीच यहां बहाल पुलिसकर्मी किसी तरह गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
बीते 39 सालों से चांदी थाना का हाल-बेहाल है. कई बार शिकायत के बावजूद वरीय अधिकारी केवल आश्वासन के अलावे कुछ और नहीं कर रहे हैं. नतीजतन, यहां जवान किसी तरह अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. जिन पुलिस जवानों के भरोसे जनता की जिम्मेदारी है, वह यहां खौफ में जीने को मजबूर हैं.
जानिए क्या कहते हैं पुलिसकर्मी?
यहां तैनात पुलिसकर्मी कहते हैं कि उन्हें यहां डर लगता है. सिर पर छत नहीं है. जिस कारण साल भर समस्या होती है. कभी तेज धूप का दंश तो कभी बरसात का पानी. जिस बैरक में जवान सोते हैं, वह मिट्टी की है. जिस कारण हर क्षण उसके धसने का भय बना रहता है. आए दिन कीड़े-मकौड़े, सांप-बिच्छु निकलते रहते हैं जिससे समस्या और दोगुनी हो जाती है.
एफआईआर की कॉपी तक रखने की जगह नहीं
पुलिसकर्मी बताते हैं कि थाना में बैठना-रहना तो दूर एफआईआर की कॉपी और जरूरी कागजात तक रखने की जगह नहीं है. जिस दिन बारिश होती है, उस दिन बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है. आलम यह है कि थाना में शौच की जगह तक नहीं है. जब्त सामानों को भी सड़क किनारे रखना पड़ता है. 6 पंचायतों वाला यह चांदी थाना सालों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
एसपी को नहीं है जानकारी
जब इस बारे में भोजपुर एसपी से जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. कार्रवाई की जाएगी. चांदी थाना भवन को लेकर प्रारुप तैयार कर विभाग को भेजा जा चुका है. राज्य सरकार इसको लेकर चिंतित है. जल्द नया भवन थाना को सुपुर्द किया जाएगा.