भोजपुरः सीनियर आईएएस केके पाठक अपने बयान के कारण मुश्किल में पड़ गये हैं. उनके बयान का बासा और विपक्षी दल के नेता विरोध कर रहे थे, वहीं आज शनिवार को आरा के सीजेएम कोर्ट में उनके विरुद्ध परिवाद पत्र दायर किया गया. बता दें कि एक मीटिंग में केके पाठक ने बिहारियों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसका वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा.
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परिवाद दायर कियाः आरा कोर्ट में केके पाठक के खिलाफ एक परिवाद दायर किया गया है. जिसमें उन पर बिहारियों को अपमानित करने का आरोप लगाया गया है. आरा सीजेएम कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 14 फरवरी को सुनिश्चित की है. आरा कोर्ट में इस परिवाद पत्र के दाखिल होने के बाद मद्य निषेध विभाग के सचिव और सीनियर आईएएस केके पाठक की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
विरोध प्रदर्शनः आपको बता दें कि कुछ दिन पहले आईएएस केके पाठक ने पटना में बिहार प्रशानिक सेवा के अधिकारियों के साथ बैठक में बिहारियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. दो फरवरी को यह वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा. जिसके बाद बिहार प्रशासनिक सेवा संगठन बासा से जुड़े पदाधिकारियों ने केके पाठक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. शुक्रवार को बासा से जुड़े अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था.
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बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने खोला मोर्चा: बिहार के सीनियर आईएएस अधिकारी केके पाठक के वायरल वीडियो सामने आने के बाद बवाल मचा हुआ है. बासा यानी Bihar Administrative Service Association ने वायरल वीडियो के आधार पर मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक के खिलाफ पटना के सचिवालय थाने में शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अपने ही विभाग के अधिकारियों को अपशब्द बोलते हैं.
"केके पाठक ने बिहार के लोगों का अपमान किया है. उनको गाली दी है. इसके खिलाफ आरा सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर कराया है. इस मामले में अगली तारीख 14 फरवरी को सुनिश्चित की गयी है"- सत्यव्रत कुमार, वकील, आरा सिविल कोर्ट