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ओवरलोडिंग के कारण खतरे में पुल का अस्तित्व, महाजाम से आमजन परेशान

बिहटा से कोइलवर पुल की तरफ धड़ल्ले से भारी वाहनों का परिचालन शुरू हो गया, जिससे नए और पुराने पुल पर महाजाम लगना शुरू हो गया. अभी कुछ ऐसी ही स्थिति दोनों पुल पर देखने को मिल रही है. जहां सैकड़ो वाहन पुल पर रेंगते नजर आते हैं.

Bhojpur
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Published : Nov 30, 2020, 4:38 PM IST

भोजपुर(कोइलवर): जिले में आए दिन बालू के ओवरलोड वाहनों से भीषण जाम लग रहा है. जाम की स्थिति इतनी भयावह है कि कई मरीज जाम में फंसकर दम तोड़ चुके हैं. लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया है. वहीं, ओवरलोडिंग के कारण पुल की स्थिति खराब हो रही है.

पुल पर महाजाम लगना शुरू
बिहटा से कोइलवर पुल की तरफ धड़ल्ले से भारी वाहनों का परिचालन शुरू हो गया, जिससे नए और पुराने पुल पर महाजाम लगना शुरू हो गया. अभी कुछ ऐसी ही स्थिति दोनों पुल पर देखने को मिल रही है. जहां सैकड़ों वाहन पुल पर रेंगते नजर आते हैं. इस दौरान पुलिस भी परेशान दिख रही है. इधर जाम के कारण सकड्डी-नासरीगंज सड़क भी बालू ओवरलोड ट्रकों से पटा पड़ा रह रहा है. बता दें कि पुरानी अब्दुलबारी पुल पहले से ही जर्जर स्थिति में है.

20 नवम्बर 2019 को कोइलवर पुल होकर बालू वाले ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगाए जाने के बाद अब्दुलबारी पुल को भी बड़ी राहत मिली थी. इससे न केवल आरा-पटना मुख्य मार्ग पर जाम से निजात मिली थी, बल्कि आरा-छपरा मुख्य मार्ग समेत वीर कुंवर सिंह सेतु पर भी जाम से काफी हद तक छुटकारा मिला था. साथ ही पुल को भारी दबाव से बड़ी राहत थी.

ओवरलोडिंग के कारण पुल की स्थिति दयनीय
एक तरफ जनता जाम से और दुर्घटनाओं से हलकान होती आ रही है, तो दूसरी तरफ ओवरलोडिंग वाले भारी बालू वाहन ऐतिहासिक अब्दुलबारी पुल को निगल जाने को तैयार हैं. इस मामले में रेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की चुप्पी ने इस बालू के खेल में जनता के सामने कई प्रश्न खड़े किये हैं. प्रशासन को जाम और दुर्घटना रोकने की कार्य योजना बनाने और पुल को संरक्षित करने हेतु भारी वाहन संचालन रोक लगाने की आवश्यकता है.

भोजपुर(कोइलवर): जिले में आए दिन बालू के ओवरलोड वाहनों से भीषण जाम लग रहा है. जाम की स्थिति इतनी भयावह है कि कई मरीज जाम में फंसकर दम तोड़ चुके हैं. लेकिन स्थानीय प्रशासन की ओर से इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला गया है. वहीं, ओवरलोडिंग के कारण पुल की स्थिति खराब हो रही है.

पुल पर महाजाम लगना शुरू
बिहटा से कोइलवर पुल की तरफ धड़ल्ले से भारी वाहनों का परिचालन शुरू हो गया, जिससे नए और पुराने पुल पर महाजाम लगना शुरू हो गया. अभी कुछ ऐसी ही स्थिति दोनों पुल पर देखने को मिल रही है. जहां सैकड़ों वाहन पुल पर रेंगते नजर आते हैं. इस दौरान पुलिस भी परेशान दिख रही है. इधर जाम के कारण सकड्डी-नासरीगंज सड़क भी बालू ओवरलोड ट्रकों से पटा पड़ा रह रहा है. बता दें कि पुरानी अब्दुलबारी पुल पहले से ही जर्जर स्थिति में है.

20 नवम्बर 2019 को कोइलवर पुल होकर बालू वाले ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगाए जाने के बाद अब्दुलबारी पुल को भी बड़ी राहत मिली थी. इससे न केवल आरा-पटना मुख्य मार्ग पर जाम से निजात मिली थी, बल्कि आरा-छपरा मुख्य मार्ग समेत वीर कुंवर सिंह सेतु पर भी जाम से काफी हद तक छुटकारा मिला था. साथ ही पुल को भारी दबाव से बड़ी राहत थी.

ओवरलोडिंग के कारण पुल की स्थिति दयनीय
एक तरफ जनता जाम से और दुर्घटनाओं से हलकान होती आ रही है, तो दूसरी तरफ ओवरलोडिंग वाले भारी बालू वाहन ऐतिहासिक अब्दुलबारी पुल को निगल जाने को तैयार हैं. इस मामले में रेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन की चुप्पी ने इस बालू के खेल में जनता के सामने कई प्रश्न खड़े किये हैं. प्रशासन को जाम और दुर्घटना रोकने की कार्य योजना बनाने और पुल को संरक्षित करने हेतु भारी वाहन संचालन रोक लगाने की आवश्यकता है.

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