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भोजपुर: हर्षोल्लास से मनाया गया भैया दूज, महिलाओं ने पारम्परिक गीत गाकर मनाया त्योहार

भाई बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक भैया दूज त्योहार को प्रखण्ड सहित जिले भर में श्रद्धा से मनाया गया. इस अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों को मंगल तिलक लगाया और उनकी दीर्घायु की कामना की.

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भोजपुर
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Published : Nov 16, 2020, 7:05 PM IST

भोजपुर (कोइलवर): भाई बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक भैया दूज त्योहार को प्रखण्ड सहित जिले भर में श्रद्धा से मनाया गया. इस अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों को मंगल तिलक लगाया और उनकी दीर्घायु की कामना की. भाइयों ने भी बहनों को रक्षा का वचन देने के साथ उन्हें उपहार भेंट किया. इस अवसर पर महिलाओं ने पारम्परिक गीत गाकर त्योहार मनाया.

बता दें कि प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है. भाई दूज को मनाने के लिए बहन भाइयों में खासा उत्साह दिखाई दिया. बहनें अपने भाइयों को तिलक करने के लिए मायके पहुंचीं. कुछ भाई अपनी बहनों से तिलक कराने के लिए उनके घर गए. सोमवार को सुबह से ही भाई बहनों का एक दूसरे के घरों में आना जाना लगा रहा.

सूर्य की पुत्री यमुना ने भाई यमराज को कराया था भोजन
मान्यता के अनुसार, इस दिन बहन अपने भाई को बजड़ी खिलाती हैं. कहते हैं कि बजड़ी खाने से भाई अमर हो जाता है. इस दिन बहन भाई की दीर्घायु होने के लिए पूजा करती है. इसी दिन सूर्य की पुत्री यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया था. इसलिए इस त्योहार को यम द्वितीया भी कहते हैं. इस दौरान चौक-चौराहे, बस स्टैंड आदि जगहों पर भीड़ रही.

भोजपुर (कोइलवर): भाई बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक भैया दूज त्योहार को प्रखण्ड सहित जिले भर में श्रद्धा से मनाया गया. इस अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों को मंगल तिलक लगाया और उनकी दीर्घायु की कामना की. भाइयों ने भी बहनों को रक्षा का वचन देने के साथ उन्हें उपहार भेंट किया. इस अवसर पर महिलाओं ने पारम्परिक गीत गाकर त्योहार मनाया.

बता दें कि प्रत्येक वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है. भाई दूज को मनाने के लिए बहन भाइयों में खासा उत्साह दिखाई दिया. बहनें अपने भाइयों को तिलक करने के लिए मायके पहुंचीं. कुछ भाई अपनी बहनों से तिलक कराने के लिए उनके घर गए. सोमवार को सुबह से ही भाई बहनों का एक दूसरे के घरों में आना जाना लगा रहा.

सूर्य की पुत्री यमुना ने भाई यमराज को कराया था भोजन
मान्यता के अनुसार, इस दिन बहन अपने भाई को बजड़ी खिलाती हैं. कहते हैं कि बजड़ी खाने से भाई अमर हो जाता है. इस दिन बहन भाई की दीर्घायु होने के लिए पूजा करती है. इसी दिन सूर्य की पुत्री यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन कराया था. इसलिए इस त्योहार को यम द्वितीया भी कहते हैं. इस दौरान चौक-चौराहे, बस स्टैंड आदि जगहों पर भीड़ रही.

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