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ग्राउंड रिपोर्ट : कमर से ज्याद पानी पार कर आने-जाने को मजबूर हैं लोग

जिले के गड़हनी प्रखंड का एक गांव बारिश के बाद पानी से घिर चुका है. लोगों को अपनी जरूरत की चीजों के लिए कमर से ज्यादा पानी पार कर बाजार के लिए जाना होता है. वहीं गांव के इस हालात के बाद भी प्रशासन एक नांव की व्यवस्था नहीं करा सका है.

पानी पार कर आते-जाते लोग
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Published : Oct 2, 2019, 9:17 AM IST

Updated : Oct 2, 2019, 10:45 AM IST

भोजपुर: जिले के गड़हनी प्रखंड का तीनघरवा टोला भारी बारिश के बाद अपने बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. लगातार भारी बारिश से गांव पानी के बीच घिर चुका है. मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए इस गांव के पास एक भी पुल नहीं है. हालिया स्थिति में लोग यहां कमर से ज्यादा पानी में तैरकर अपने जरूरत का सामान ला रहे हैं.

भोजपुर
पानी पार कर आते-जाते लोग

बारिश होने पर आवागमन हो जाता है ठप
इस गांव के लोग बरसात के दिनों में किसी तरह अपने समय को काटते हैं. बारिश होने पर गांव का आवागमन ठप हो जाता है. इस वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. ऐसी स्थिति में अगर गांव में किसी को कोई बीमारी हो गई तो रोगी को खाट पर लेकर नदी पार कराया जाता है. कोई भी पुल नहीं होने की वजह से यहां के लोगों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

बारिश के बाद पानी से यह गांव घिर चुका है

प्रशासन नहीं ले रहा सुध
ऐसा लगता है जैसे सरकार की सारी योजनाएं इस गांव में आकर दम तोड़ देती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि इस गांव के लोग परेशानियों के साथ दोस्ती कर के रहते हैं. गांव से निकलने का रास्ता पानी के कारण बंद हो चुका है. लेकिन प्रशासन के तरफ से कोई भी सुध लेने वाला नहीं है. गांव के लोग ने बताया कि नांव की व्यवस्था के लिए कई बार एसडीओ और बीडीओ को सूचना दी गई है. लेकिन अभी तक नाव की व्यवस्था नहीं हो सकी है.

भोजपुर
सर पर बोझ लेकर पानी पार कर आते लोग

नाव की व्यवस्था की बाट जोह रहे ग्रामीण
गांव के एक बुजुर्ग बताते हैं कि मंगलवार को गांव में किसी तबीयत खराब हो गई थी. तब इलाज के लिए रात में कमर भर पानी पार कर जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि दैनिक जरूरत के सामान के लिए अगर बाजार जाना हो तो पानी को पार करके जाना पड़ता है. सरकार की तरफ से अगर नाव की व्यवस्था हो जाती तो परेशानियों में कमी आती.

भोजपुर: जिले के गड़हनी प्रखंड का तीनघरवा टोला भारी बारिश के बाद अपने बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. लगातार भारी बारिश से गांव पानी के बीच घिर चुका है. मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए इस गांव के पास एक भी पुल नहीं है. हालिया स्थिति में लोग यहां कमर से ज्यादा पानी में तैरकर अपने जरूरत का सामान ला रहे हैं.

भोजपुर
पानी पार कर आते-जाते लोग

बारिश होने पर आवागमन हो जाता है ठप
इस गांव के लोग बरसात के दिनों में किसी तरह अपने समय को काटते हैं. बारिश होने पर गांव का आवागमन ठप हो जाता है. इस वजह से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं. ऐसी स्थिति में अगर गांव में किसी को कोई बीमारी हो गई तो रोगी को खाट पर लेकर नदी पार कराया जाता है. कोई भी पुल नहीं होने की वजह से यहां के लोगों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

बारिश के बाद पानी से यह गांव घिर चुका है

प्रशासन नहीं ले रहा सुध
ऐसा लगता है जैसे सरकार की सारी योजनाएं इस गांव में आकर दम तोड़ देती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि इस गांव के लोग परेशानियों के साथ दोस्ती कर के रहते हैं. गांव से निकलने का रास्ता पानी के कारण बंद हो चुका है. लेकिन प्रशासन के तरफ से कोई भी सुध लेने वाला नहीं है. गांव के लोग ने बताया कि नांव की व्यवस्था के लिए कई बार एसडीओ और बीडीओ को सूचना दी गई है. लेकिन अभी तक नाव की व्यवस्था नहीं हो सकी है.

भोजपुर
सर पर बोझ लेकर पानी पार कर आते लोग

नाव की व्यवस्था की बाट जोह रहे ग्रामीण
गांव के एक बुजुर्ग बताते हैं कि मंगलवार को गांव में किसी तबीयत खराब हो गई थी. तब इलाज के लिए रात में कमर भर पानी पार कर जाना पड़ा. उन्होंने कहा कि दैनिक जरूरत के सामान के लिए अगर बाजार जाना हो तो पानी को पार करके जाना पड़ता है. सरकार की तरफ से अगर नाव की व्यवस्था हो जाती तो परेशानियों में कमी आती.

Intro:बरसात में टापू में तब्दील हुआ तीन घरवा टोला

ग्रामीणों ने डीएम से की है नाव की माँग,तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई खबर लेने नहीं पहुँचे आलाधिकारी

भोजपुर
70 वर्ष बाद भी गड़हनी प्रखंड का ये तीनघरवा टोला आज भी बुनियादी सुविधाओं से बिल्कुल बंचित है. हर गाँव को सड़क से जोड़ना सरकार की घोषणा को मुह चिढ़ा रहा है.प्रखंड अंतर्गत गड़हनी पंचायत के वार्ड नम्बर 1 में अवस्थित है टोला. ये गांव तीन साईड से नदियों से घिरा हुआ है. गर्मियों के दिनों में नदी में पानी कम रहने के कारण लोग नदी में किसी तरह जाते है. वर्षात आते ही ये गांव का आवागमन बिल्कुल ठप हो जाता है. बच्चे सब का स्कूल जाना बंद हो जाता है. गांव में किसी की तबियत खराब हो गई तो जान जोखिम में डाल कर खाट पर रोगी को लेकर नदी पार कर गड़हनी लाते है.Body:इस खबर को पहले भी etv भारत प्रमुखता से चलाई है. भारी वर्षात व बाढ़ से इस टोला के लोग भयभीत हैं गाँव के सामाजित कार्य कर्ता व युवा नेता अविनाश राव ने बताया कि गांव से निकलने का रास्ता चारो तरफ से पानी के वजह से बन्द हो चुका है इसलिए डीएम साहेब से नाव का मांग किये है तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुध लेने नही पहुँचा. SDO साहब और BDO साहब को बार बार इसके संदर्भ में सूचना दी जा रही है लेकिन सान्तवना के आलावे कुछ नहीं मिल पा रहा है.Conclusion:वीडियो में स्पस्ट देखा जा सकता है कि ग्रामीण कैसे जान जोखिम में डालकर अपनी जरूरत की चीजों को बाजार से खरीदकर गाँव नदी तैर कर लौट रहे हैं. विकास को मुह चिढ़ाता यह टोला सरकार की बनावटी विकास की पोल खोलता है. ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड़ कार्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर होने के बावजूद आजतक इस टोले में सरकार की एक ईंट नहीं लगी है. सड़क व पुलिया निर्माण के लिए समय समय पर जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन को सूचित किया जाता है लेकिन आजतक किसी ने कुछ नहीं किया.

बाइट :- ग्रामीण
Last Updated : Oct 2, 2019, 10:45 AM IST
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