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छठ पूजा: भक्तिमय माहौल में डूबा भोजपुर, छठ व्रतियों ने खरना प्रसाद किया ग्रहण

लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर भोजपुर भक्तिमय माहौल में डूबा हुआ है. शुक्रवार को छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इसके बाद वे निर्जल होकर शनिवार और रविवार को भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करेंगे. छठ पर्व को लेकर घाटों की सफाई जोरों पर है.

खरना
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Published : Nov 1, 2019, 7:53 PM IST

भोजपुर: 4 दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. छठ व्रतियों ने सोन नदी, शहर के पोखर, तालाब, कुआं आदि में स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की. छठ पर्व को लेकर भोजपुर के सोन नदी घाट को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है.

हर ओर भक्तिमय माहौल
छठ महापर्व के दूसरे दिन छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इसके बाद छठ व्रती निर्जल रहते हुए नेक और निष्ठापूर्वक शनिवार को भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे. वहीं, रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देंगे. छठ पर्व को लेकर भोजपुर भक्तिमय माहौल में डूबा हुआ है. घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश की व्यवस्था से लेकर व्रतियों की सुविधाओं को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही है.

bhojpur
CRPF के जवान तैनात

छठ की तैयारी में जुटे लोग
कोईलवर सोन नदी घाट पर व्रतियों की अच्छी-खासी भीड़ रहती है. यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीआरपीएफ, एनडीआरएफ और बिहार पुलिस की टीम तैनात है. सूर्य मंदिर को भी सजाने-संवारने का काम शुरू कर दिया गया है. नहाय-खाय के बाद पूजा सामग्रियों की खरीददारी जोरों पर है. स्थानीय लोग बांस का सूप-दौरा, आम की लकड़ी, मिट्टी के चूल्हे, गेहूं, अरवा चावल और अन्य सामानों की खरीददारी करते दिखे.

छठ पूजा का दूसरा दिन

भोजपुर: 4 दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के दूसरे दिन छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. छठ व्रतियों ने सोन नदी, शहर के पोखर, तालाब, कुआं आदि में स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की. छठ पर्व को लेकर भोजपुर के सोन नदी घाट को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है.

हर ओर भक्तिमय माहौल
छठ महापर्व के दूसरे दिन छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. इसके बाद छठ व्रती निर्जल रहते हुए नेक और निष्ठापूर्वक शनिवार को भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे. वहीं, रविवार की सुबह उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य देंगे. छठ पर्व को लेकर भोजपुर भक्तिमय माहौल में डूबा हुआ है. घाटों की साफ-सफाई, प्रकाश की व्यवस्था से लेकर व्रतियों की सुविधाओं को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही है.

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CRPF के जवान तैनात

छठ की तैयारी में जुटे लोग
कोईलवर सोन नदी घाट पर व्रतियों की अच्छी-खासी भीड़ रहती है. यहां सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सीआरपीएफ, एनडीआरएफ और बिहार पुलिस की टीम तैनात है. सूर्य मंदिर को भी सजाने-संवारने का काम शुरू कर दिया गया है. नहाय-खाय के बाद पूजा सामग्रियों की खरीददारी जोरों पर है. स्थानीय लोग बांस का सूप-दौरा, आम की लकड़ी, मिट्टी के चूल्हे, गेहूं, अरवा चावल और अन्य सामानों की खरीददारी करते दिखे.

छठ पूजा का दूसरा दिन
Intro:भोजपुर
चार दिवसीय लोक आस्था छठ व्रत के दूसरे दिन खरना की तैयारियां जोरों पर है. खरना को लेकर छठव्रती सोन नदी, पोखर, तालाब, कुआँ और अन्य जलस्त्रो में व्रती स्नान कर भगवान सूर्य की पूजा अर्चना किये. छठवर्त को लेकर सोन नदी छठघाट को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है.Body:आज छठ व्रती खरना करेंगे. खरना का प्रसाद ग्रहण कर व्रती निर्जल रहते हुए नेक एवं निष्ठा पूर्वक शनिवार को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अ‌र्घ्य अर्पित करेंगे. रविवार को उदीयमान सूर्य को दूसरा अ‌र्घ्य देंगे। इसके साथ ही चार दिवसीय इस महापर्व का समापन हो जाएगा. पर्व को लेकर तालाब, नदी एवं विभिन्न जलाशयों के समीप व्रतियों की सुविधाओं को लेकर तैयारियां युद्ध स्तर की जा रही है. घाटों की साफ-सफाई एवं प्रकाश की व्यवस्था के लिए सरकारी महकमा के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएं, जन प्रतिनिधियों एवं संबंधित क्षेत्रों के युवक पूरी निष्ठा के साथ जुटे हुए हैं. पर्व शुरू होते ही उत्साह और उमंग का जोश भी परवान चढ़ने लगा है. सूर्योपासना के इस पर्व में चारों ओर पवित्रता का ध्यान रखा जा रहा है. छठ घाटों की साफ-सफाई का काम शनिवार से ही युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. शहर में मुख्य रूप से छठ पूजा पांच घाटों पर होती है. इनमें सर्वाधिक भीड़ छठ तालाब घाट पर होती है. शहर की साठ प्रतिशत से अधिक व्रतियां यहां अ‌र्घ्य अर्पित करते हैं.Conclusion:कोइलवर सोन नदी घाट पर भी व्रतियों की अच्छी-खासी भीड़ होती है. छठव्रती बताते हैं कि यहां पर साफ-सफाई बढ़िया रहता है. खुला व सुन्दर माहौल के साथ सीआरपीएफ, एनडीआरफ व बिहार पुलिस की टीम मुस्तैद रहती है. लोदीपुर तालाब घाट, कायमनगर व प्रखण्ड सहित जिले के अन्य तालाब पर भी भगवान भास्कर के अस्ताचलगामी और उदीयमान स्वरूप को अ‌र्घ्य दिया जाता है. छठ तालाब सूर्य मंदिर को रंग-रोगन कर सजाने और संवारने का काम भी प्रारंभ कर दिया गया है. नहाय-खाय के बाद पूजन सामग्रियों की खरीददारी जोर पकड़ रही है. बांस का सूप-दौरा, आम की लकड़ी, मिट्टी के चूल्हे, गेहूं, अरवा चावलं एवं अन्य सामग्रियों की खरीददारी शबाब पर है.

बाइट:- मन्दिर का पुजारी व छठव्रती
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