ETV Bharat / state

भागलपुर: वन्यजीव संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन

जिले में वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए और मानव जीवन में वन्यजीवों के महत्व को लेकर लोगों को जानकारी दी गई.

वन्यजीव संरक्षण पर कार्यशाला
author img

By

Published : Oct 5, 2019, 6:43 AM IST

भागलपुर: शुक्रवार को जिले में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए और मानव जीवन में वन्यजीवों के महत्व को लेकर लोगों को जानकारी दी गई.

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला वन पदाधिकारी एस. सुधाकर, अरविंद मिश्रा समेत कई लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया. काफी लंबे अरसे से गरुड़ पर शोध कर रहे अरविंद मिश्रा के मिशन को बिहार सरकार ने अपने कार्यक्रम से जोड़कर गरुड़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी की है.

भागलपुर
कार्यशाला का उद्घाटन करते अतिथि

स्थानीय लोगों की रही अहम भूमिका

बता दें भागलपुर में कई दुर्लभ वन्य जीव पाए जाते हैं. जिसमें गरुड़, डॉल्फिन, ऊदबिलाव और कछुआ प्रमुख हैं. गरुड़ की प्रजाति 2008 के आसपास विलुप्त होने के कगार पर थी लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से आज गरुड़ की संख्या लगभग पांच सौ से 600 के आसपास हो गई है.

वन्यजीव संरक्षण को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन

भारत और कंबोडिया में पाए जाते हैं गरुड़

पूरे विश्व में बड़े गरुड़ सिर्फ कंबोडिया और भारत के असम और बिहार के भागलपुर के कदवा दियारा में प्रजनन करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में 800 से 1200 गरुड़ पक्षी ही पूरी दुनिया में बचे हुए हैं. जिन्हें संरक्षित कर संख्या बढ़ाई जा सकती है.

akshay bajaj
अक्षय बजाज, रेस्क्यू रिसर्च

'वन्य जीवों का संरक्षण काफी जरूरी'

मौके पर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के अक्षय बजाज ने कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण बहुत जरूरी है. इसके जागरूकता के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं. वह काफी सराहनीय है. वहीं, भागलपुर डीएफओ एस. सुधाकर ने कहा कि बिहार सरकार की तरफ से स्थानीय लोगों की जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है. ताकि लोग वन्यजीवों के महत्व को समझकर उन्हें संरक्षित कर सकें.

s. sudhakar
एस. सुधाकर, डीएफओ

भागलपुर: शुक्रवार को जिले में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए और मानव जीवन में वन्यजीवों के महत्व को लेकर लोगों को जानकारी दी गई.

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला वन पदाधिकारी एस. सुधाकर, अरविंद मिश्रा समेत कई लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया. काफी लंबे अरसे से गरुड़ पर शोध कर रहे अरविंद मिश्रा के मिशन को बिहार सरकार ने अपने कार्यक्रम से जोड़कर गरुड़ों की संख्या में बढ़ोत्तरी की है.

भागलपुर
कार्यशाला का उद्घाटन करते अतिथि

स्थानीय लोगों की रही अहम भूमिका

बता दें भागलपुर में कई दुर्लभ वन्य जीव पाए जाते हैं. जिसमें गरुड़, डॉल्फिन, ऊदबिलाव और कछुआ प्रमुख हैं. गरुड़ की प्रजाति 2008 के आसपास विलुप्त होने के कगार पर थी लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से आज गरुड़ की संख्या लगभग पांच सौ से 600 के आसपास हो गई है.

वन्यजीव संरक्षण को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन

भारत और कंबोडिया में पाए जाते हैं गरुड़

पूरे विश्व में बड़े गरुड़ सिर्फ कंबोडिया और भारत के असम और बिहार के भागलपुर के कदवा दियारा में प्रजनन करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में 800 से 1200 गरुड़ पक्षी ही पूरी दुनिया में बचे हुए हैं. जिन्हें संरक्षित कर संख्या बढ़ाई जा सकती है.

akshay bajaj
अक्षय बजाज, रेस्क्यू रिसर्च

'वन्य जीवों का संरक्षण काफी जरूरी'

मौके पर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के अक्षय बजाज ने कहा कि वन्य जीवों का संरक्षण बहुत जरूरी है. इसके जागरूकता के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं. वह काफी सराहनीय है. वहीं, भागलपुर डीएफओ एस. सुधाकर ने कहा कि बिहार सरकार की तरफ से स्थानीय लोगों की जागरूकता के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया है. ताकि लोग वन्यजीवों के महत्व को समझकर उन्हें संरक्षित कर सकें.

s. sudhakar
एस. सुधाकर, डीएफओ
Intro:bh_bgp_02_vanyajeevon_ke_sanrakshan_ko_lekar_karyshala_avbb_7202641

वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर कार्यशाला गरुड़ को संरक्षित करने वाले कदवा के लोगों ने किया संरक्षित

आज भागलपुर में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया इस कार्यशाला में वन्यजीवों को संरक्षित करने के लिए और मानव जीवन में वन्यजीवों के महत्व को लेकर लोगों को जानकारी दी गई । इस कार्यक्रम का उद्घाटन जिला वन पदाधिकारी एस सुधाकर अरविंद मिश्रा समेत कई लोगों ने दीप प्रज्वलित कर किया ।

पूरे विश्व में सिर्फ कंबोडिया और भारत में ही गरुड़ का प्रजनन क्षेत्र है जिसमें भागलपुर के कदवा एवं असम राज्य में हैं

आपको बता दें कि भागलपुर में कई दुर्लभ वन्य जीव पाए जाते हैं जिसमें गरुड़ डॉल्फिन ऊदबिलाव एवं कछुआ प्रमुख हैं गरुड़ पूरे विश्व में सिर्फ कंबोडिया एवं भारत में ही पाए जाते हैं गरुड़ की प्रजाति 2008 के आसपास विलुप्त होने के कगार पर थे लेकिन स्थानीय लोगों की मदद से आज जरूर की संख्या लगभग साडे पांच सौ से 600 के आसपास हो गई है पूरे विश्व में बड़े गरुड़ सिर्फ कंबोडिया और भारत के असम और बिहार के भागलपुर के कदवा दियारा में प्रजनन करते हैं आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान समय में 800 से 1200 गरुड़ पक्षी ही दुनिया में बचे हुए हैं जिन्हें संरक्षित कर संख्या बढ़ाई जा सकती है।


Body:इससे कार्यशाला के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विलुप्त हो रहे वन्यजीवों को संरक्षित कर उनके अस्तित्व को मिटने से बचाना है मौके पर वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट के अक्षय बजाज भी आए जो कछुओं के रेस्क्यू के लिए काम कर रहे हैं और भागलपुर पहुंचे हैं उन्होंने कहा कि वन्य जीवो का संरक्षण बहुत जरूरी है और इसके लिए जो जागरूकता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं वह काफी सराहनीय है क्यों कि प्रकृति को पूरी तरह से बचाकर रखती है । उन्होंने कहा कि भागलपुर एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर डॉल्फिन सेंचुरी भी है साथ ही साथ जरूर का बड़ा प्रजनन क्षेत्र कदवा दियारा है वर्तमान समय में ऐसे जीवो का संरक्षण काफी जरूरी है जोकि विलुप्त हो रहे हैं काफी लंबे अरसे से गरुड़ पर शोध कर रहे अरविंद मिश्रा के मिशन को बिहार सरकार ने अपने कार्यक्रम से जोड़कर गरुड़ के संख्या में बढ़ोतरी की है और साथ ही साथ भागलपुर के कस्बा दियारा के लोगों को गरुड़ को संरक्षित करने के लिए सम्मानित भी किया जाता है


Conclusion:इस कार्यशाला में कदवा दियारा के काफी ज्यादा लोग आए हुए थे जो कि सरकार के साथ जुड़कर गरुड़ के संरक्षण में सरकार की मदद कर रहे हैं भागलपुर के डीएफओ एस सुधाकर ने कहा कि वन्य जीव का संरक्षण काफी जरूरी है इसी उद्देश्य को लेकर जागरूकता के लिए इस कार्यशाला का स्थानीय लोगों के साथ बिहार सरकार की तरफ से आयोजन किया गया है ताकि लोग वन्यजीवों के महत्व को समझ सके और उन्हें संरक्षित कर सकें। इस मौके पर वन्यजीवों से जुड़े डाक टिकट की भी प्रदर्शनी लगाई गई थी जो कि कई देशों की थी ।

बाइट एस सुधाकर, डीएफओ, वन एवं पर्यावरण विभाग भागलपुर ब्लू शर्ट में
बाइट अक्षय बजाज, रेस्क्यू रिसर्च, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया खाकी शर्ट एवं दाढ़ी में
बाइट अरविंद मिश्रा, स्टेट कोऑर्डिनेटर इंडियन बर्ड्स कंजर्वेशन नेटवर्क ,भागलपुर टोपी में
बाइट दीपक कुमार गंगा प्रहरी उजले टीशर्ट में
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.