भागलपुर: जिले में जलापूर्ति को दुरुस्त करने की योजना से मिनी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की शुरुआत की जा रही है. अगले महीने से प्लांट शुरू हो जाएगा. यह जिले के 225 जगहों पर एक साथ शुरू होगा. जिसके बाद से जल संकट की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए एफआरपी 90 फीसदी तक पश्चिम बंगाल और झारखंड से आ गया है. इसकी उपलब्धता से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के रुके कार्य दोबारा शुरू हो गए हैं.
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ने कहा कि सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को 15 सितंबर तक जल आपूर्ति के लिए तैयार कर लिया जाएगा. यह उपकरण चाइना से आयात होता था. लेकिन कोरोना के बाद चाइनीज सामानों पर रोक लगने के बाद से ट्रीटमेंट प्लांट का काम रुक गया था. लेकिन पश्चिम बंगाल और झारखंड से उपकरण आने के बाद अब कार्य शुरू हो गया है.
की जा रही युद्ध स्तर पर तैयारी
लोक स्वास्थ्य प्रमंडल पूर्वी भागलपुर के इंजीनियर रंजीत कुमार ने कहा कि भागलपुर के नवगछिया सुल्तानगंज और कहलगांव अनुमंडल के करीब 12 प्रखंड के 225 जगहों पर जो आर्सेनिक पोलेराइड और आयरन युक्त पानी लोग पीते थे. वहां अब इससे निजात मिलेगा. वहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सितंबर के अंत तक शुरू किया जाएगा. जिससे लोगों को दूषित पानी से छुटकारा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसके पार्ट्स बंगाल और झारखंड से आ गए हैं.
80 फीसदी तक काम हो चुका है पूरा
बता दें कि जिलेभर में 250 के करीब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट निर्माणाधीन हैं. इस पर 100 करोड़ के करीब खर्च किया जा रहा है. 80% कार्य पहले ही पूरा हो चुका है. केवल एफआरपी नहीं आने की वजह से अधूरा पड़ा था. एफआरपी उपकर्म का उपयोग मिनी जलापूर्ति प्लांट के लिए होता है यह ऐसा उपकरण है जिसके स्रोत से पानी पास होता है. जिसमें केमिकल रहता और पानी शुद्ध होता है.