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ओवरलोड बढ़ने से क्षतिग्रस्त होने के कगार पर विक्रमशिला सेतु, दे रहा बड़े हादसों को दावत - भागलपुर में ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन

गंगा नदी पर बने अन्य सेतु की तरह विक्रमशिला सेतु पर भी खतरा बढ़ने लगा है. पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार झारखंड और अन्य राज्यों से जोड़ने वाले इस पुल पर रोजाना ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन धड़ल्ले से होता है.

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विक्रमशिला सेतु
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Published : Jan 23, 2020, 10:33 AM IST

भागलपुरः पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार झारखंड और अन्य राज्यों से जोड़ने वाली लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु खतरे की स्थिति में पहुंच गई है. यह पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है, जिससे यहां भीषण हादसे हो सकता हैं.

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जाम में फंसे ट्रक

रोज होता है ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन
दरअसल विक्रमशिला सेतु पर ओवरलोडेड ट्रकों का रोजाना हजारों की संख्या में परिचालन होता है. फिलहाल ओवरलोड ट्रकों के कारण विक्रमशिला पुल पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस सेतु के कई बार क्षतिग्रस्त होने के बाद मरम्मत करवाया जा चुका है. रिपेयरिंग के दौरान सभी भारी वाहनों का परिचालन रोक दिया जाता है. जब मरम्मत पूरी हो जाती है तो भारी मालवाहक ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन को शुरू हो जाता है.

जानकारी देते संवाददाता

डीएम के आदेश की हो रही अवहेलना
बिहार में गंगा नदी पर बनाए गए कई सारे पुलों को बंद होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार से जोड़ने वाला यही एक मात्र पुल है. जिसकी सुरक्षा की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी जिलाअधिकारी की है. जिन्होंने सिर्फ बैनर में ही सूचना देकर खुद को जिम्मेदारी से बरी कर लिया है. ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन पूर्ण रूप से बंद का बैनर विक्रमशिला सेतु के पास लगा दिया गया है. लेकिन व्यावहारिक तौर पर आदेश का अनुपालन कोई नहीं कर रहा है. जिसकी वजह से सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों का परिचालन सेतु पर किया जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने के लिए यहां पर किसी भी पदाधिकारी की तैनाती नहीं की गई है.

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विक्रमशिला सेतु पर निगरानी करता पुलिसकर्मी

ये भी पढ़ेंः 'जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में हुआ इजाफा, व्यापार करनेवाले की संख्या भी बढ़ी'

डीएम के निर्देश का कोई असर नहीं
ओवरलोडेड वाहनों के कारण लगे जाम को अक्सर सामान्य करने में पुलिस बलों के पसीने छूट जाते हैं. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी ओवरलोडेड वाहनों पर अधिकारियों का कोई नियंत्रण दिखाई नहीं दे रहा है. इस संबंध में डीएम प्रणव कुमार का कहना है कि सड़क सुरक्षा को लेकर कई बार वाहनों की जांच की जाती है. पुल के दोनों छोर पर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं. लेकिन बता दें कि विक्रमशिला सेतु के दोनों चेक पोस्ट पर निरीक्षण करने वाले अधिकारी पर डीएम के निर्देश का कोई असर होता नहीं दिख रहा है.

भागलपुरः पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार झारखंड और अन्य राज्यों से जोड़ने वाली लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु खतरे की स्थिति में पहुंच गई है. यह पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है, जिससे यहां भीषण हादसे हो सकता हैं.

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जाम में फंसे ट्रक

रोज होता है ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन
दरअसल विक्रमशिला सेतु पर ओवरलोडेड ट्रकों का रोजाना हजारों की संख्या में परिचालन होता है. फिलहाल ओवरलोड ट्रकों के कारण विक्रमशिला पुल पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस सेतु के कई बार क्षतिग्रस्त होने के बाद मरम्मत करवाया जा चुका है. रिपेयरिंग के दौरान सभी भारी वाहनों का परिचालन रोक दिया जाता है. जब मरम्मत पूरी हो जाती है तो भारी मालवाहक ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन को शुरू हो जाता है.

जानकारी देते संवाददाता

डीएम के आदेश की हो रही अवहेलना
बिहार में गंगा नदी पर बनाए गए कई सारे पुलों को बंद होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार से जोड़ने वाला यही एक मात्र पुल है. जिसकी सुरक्षा की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी जिलाअधिकारी की है. जिन्होंने सिर्फ बैनर में ही सूचना देकर खुद को जिम्मेदारी से बरी कर लिया है. ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन पूर्ण रूप से बंद का बैनर विक्रमशिला सेतु के पास लगा दिया गया है. लेकिन व्यावहारिक तौर पर आदेश का अनुपालन कोई नहीं कर रहा है. जिसकी वजह से सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों का परिचालन सेतु पर किया जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने के लिए यहां पर किसी भी पदाधिकारी की तैनाती नहीं की गई है.

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विक्रमशिला सेतु पर निगरानी करता पुलिसकर्मी

ये भी पढ़ेंः 'जीएसटी लागू होने के बाद राजस्व में हुआ इजाफा, व्यापार करनेवाले की संख्या भी बढ़ी'

डीएम के निर्देश का कोई असर नहीं
ओवरलोडेड वाहनों के कारण लगे जाम को अक्सर सामान्य करने में पुलिस बलों के पसीने छूट जाते हैं. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी ओवरलोडेड वाहनों पर अधिकारियों का कोई नियंत्रण दिखाई नहीं दे रहा है. इस संबंध में डीएम प्रणव कुमार का कहना है कि सड़क सुरक्षा को लेकर कई बार वाहनों की जांच की जाती है. पुल के दोनों छोर पर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं. लेकिन बता दें कि विक्रमशिला सेतु के दोनों चेक पोस्ट पर निरीक्षण करने वाले अधिकारी पर डीएम के निर्देश का कोई असर होता नहीं दिख रहा है.

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भागलपुर की लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु पर रोजाना हजारों ओवरलोडेड भारी वाहनों के गुजरने से बढ़ा खतरा , विक्रमशिला सेतु क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में

खतरे की स्थिति में बिहार ,झारखंड एवं अन्य राज्य से पूर्वोत्तर राज्यों को जोड़ने वाली लाइफलाइन विक्रमशिला सेतु

वर्तमान में एकमात्र पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार झारखंड एवं अन्य राज्यों से जोड़ने वाली लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु फिलहाल खतरे की स्थिति में पहुंच गई है कभी भी पुल क्षतिग्रस्त होकर भीषण हादसे को अंजाम दे सकता है उसकी सबसे बड़ी वजह विक्रमशिला सेतु पर ओवरलोडेड ट्रकों का रोजाना हजारों की संख्या में परिचालन होना है फिलहाल ओवरलोड ट्रकों के कारण विक्रमशिला पुल पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है और विक्रमशिला सेतु का भी कई बार क्षतिग्रस्त होने के बाद मरम्मत करवाया जा चुका है रिपेयरिंग के दौरान सभी भारी वाहनों का परिचालन को रोक दिया जाता है । जब विक्रमशिला सेतु का मरम्मत पूरी तरह से हो जाता है तो भारी मालवाहक ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन को शुरू हो जाता है ।


Body:जिला पदाधिकारी शाह जिला सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष के आदेश की हो रही अवहेलना

बिहार में गंगा पर बनाए गए कई सारे पुलों को बंद होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार से जोड़ने वाला एकमात्र विक्रमशिला सेतु ही है जिसकी सुरक्षा की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी सरकार के पदाधिकारी की है जिन्होंने सिर्फ बैनर में ही सूचना देकर खुद को जिम्मेदारी से बरी कर लिया है ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन पूर्ण रूप से बंद है यह आदेश तो सरकार के जिला पदाधिकारी भागलपुर ने बैनर पर लिखकर विक्रमशिला सेतु के पहुंच पथ पर लगा दिया है लेकिन व्यावहारिक तौर पर आदेश का अनुपालन कोई पदाधिकारी नहीं करा रहे हैं जिसकी वजह से हजारों ट्रकों का परिचालन ओवरलोड कर किया जा रहा है जिस पर अंकुश लगाने के लिए कहीं पर कोई पदाधिकारी की तैनाती नहीं की गई है ।


Conclusion:ओवरलोडेड बा वाहन के अक्सर सामान्य करने में पुलिस बलों के पसीने छूट जाते हैं लेकिन तमाम विषम स्थिति के उत्पन्न होने के बावजूद भी ओवरलोडेड वाहनों पर सरकार के पदाधिकारी का कोई नियंत्रण दिखाई नहीं दे रहा है धड़ल्ले से ओवरलोड वाहन पुल पर गुजरते रहते हैं जबकि जिला पदाधिकारी भागलपुर प्रणव कुमार का कहना है कि सड़क सुरक्षा को लेकर कई बार वाहनों की जांच की जाती है पुल के दोनों छोर पर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं लेकिन जब विक्रमशिला सेतु के दोनों चेक पोस्ट निरीक्षण करने वाले अधिकारी पर जिला पदाधिकारी के निर्देश का कोई असर होता नहीं दिख रहा है धड़ल्ले से रोज लाखों ओवरलोड ट्रक विक्रमशिला सेतु से होकर गुजर रहे हैं जिसकी वजह से धीरे धीरे भागलपुर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले विक्रमशिला सेतु की स्थिति जर्जर होती जा रही है और वह दिन दूर नहीं है कि बिहार के अन्य गंगा नदी पर क्षतिग्रस्त पुल की तरह भागलपुर का गंगा सेतु भी क्षतिग्रस्त हो जाए ।


पीटीसी संतोष श्रीवास्तव संवाददाता भागलपुर
बाइट प्रणव कुमार जिला पदाधिकारी भागलपुर
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