भागलपुरः पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार झारखंड और अन्य राज्यों से जोड़ने वाली लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु खतरे की स्थिति में पहुंच गई है. यह पुल कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है, जिससे यहां भीषण हादसे हो सकता हैं.
रोज होता है ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन
दरअसल विक्रमशिला सेतु पर ओवरलोडेड ट्रकों का रोजाना हजारों की संख्या में परिचालन होता है. फिलहाल ओवरलोड ट्रकों के कारण विक्रमशिला पुल पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है. इस सेतु के कई बार क्षतिग्रस्त होने के बाद मरम्मत करवाया जा चुका है. रिपेयरिंग के दौरान सभी भारी वाहनों का परिचालन रोक दिया जाता है. जब मरम्मत पूरी हो जाती है तो भारी मालवाहक ओवरलोडेड ट्रकों का परिचालन को शुरू हो जाता है.
डीएम के आदेश की हो रही अवहेलना
बिहार में गंगा नदी पर बनाए गए कई सारे पुलों को बंद होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों को बिहार से जोड़ने वाला यही एक मात्र पुल है. जिसकी सुरक्षा की पूर्ण रूप से जिम्मेदारी जिलाअधिकारी की है. जिन्होंने सिर्फ बैनर में ही सूचना देकर खुद को जिम्मेदारी से बरी कर लिया है. ओवरलोडेड वाहनों का परिचालन पूर्ण रूप से बंद का बैनर विक्रमशिला सेतु के पास लगा दिया गया है. लेकिन व्यावहारिक तौर पर आदेश का अनुपालन कोई नहीं कर रहा है. जिसकी वजह से सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों का परिचालन सेतु पर किया जा रहा है. इस पर अंकुश लगाने के लिए यहां पर किसी भी पदाधिकारी की तैनाती नहीं की गई है.
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डीएम के निर्देश का कोई असर नहीं
ओवरलोडेड वाहनों के कारण लगे जाम को अक्सर सामान्य करने में पुलिस बलों के पसीने छूट जाते हैं. लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद भी ओवरलोडेड वाहनों पर अधिकारियों का कोई नियंत्रण दिखाई नहीं दे रहा है. इस संबंध में डीएम प्रणव कुमार का कहना है कि सड़क सुरक्षा को लेकर कई बार वाहनों की जांच की जाती है. पुल के दोनों छोर पर चेक पोस्ट भी बनाए गए हैं. लेकिन बता दें कि विक्रमशिला सेतु के दोनों चेक पोस्ट पर निरीक्षण करने वाले अधिकारी पर डीएम के निर्देश का कोई असर होता नहीं दिख रहा है.