भागलपुर: नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था में लगी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी रखरखाव के अभाव में खराब हो रही है. यह स्थिति तब है जब निगम प्रशासन ने भागलपुर शहर को साफ सफाई रखने के लिए चार जोन में बांटा गया है. वहीं, चारों जोन में अलग-अलग मैनेजर को मॉनिटरिंग करने के लिए लगाया है.
वहीं प्रत्येक जोन में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी खराब होने पर तत्काल उसे दुरूस्त कर लिया जाए. इसके लिए प्रत्येक जोनल स्तर के उच्च अधिकारी को एक लाख रुपए तक खर्च करने की अनुमति दी है. बावजूद इसके ततारपुर स्थित नगर निगम के गोदाम में दर्जनों की संख्या में कूड़ा उठाने वाली गाड़ी खराब पड़ी हुई है. दर्जनों की संख्या में छोटी बड़ी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी कबाड़े में फेंक दी गई हैं. जिस कारण शहर भर में गंदगी का अंबार लगा रहता है.
निगम प्रशासन का मॉनिटरिंग फेल
निगम प्रशासन का मॉनिटरिंग पूरी तरह फेल नजर आ रहा है. ततारपुर जोन में खराब पड़ी गाड़ियो को ठीक करने का निर्देश भी अब अधिकारियों के ऊपर कोई असर नहीं डाल रहा है. ततारपुर अधिकारी आयुक्त के निर्देश की भी नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्हें ठीक करवाने की दिशा में भी कोई पहल नहीं कर रहे हैं.
नगर आयुक्त के दावों का पोल खोलती ततारपुर का निगम गोदाम
नगर आयुक्त जे प्रियदर्शनी ने ईटीवी भारत से बातचीत में दावा किया है कि भागलपुर में कचरा उठाने के लिए चार जोन में बांटा है. जितनी भी गाड़ियां हैं वह मोटा मोटी ठीक हैं. उन्होंने यह भी बताया कि जरूरत पड़ने पर नई गाड़ी की खरीद भी की जा सकती है. खराब गाड़ी को दुरुस्त करने के लिए सभी जोन में एक लाख रुपैया खर्च करने की जिम्मेदारी जोन के मैनेजर को दिया है. वहीं नगर आयुक्त के दावों का पोल ततारपुर का निगम गोदाम खोल रही हैं. जहां कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां मेंटेनेन्स के अभाव में जंग खा रही है.
कई गाड़िया रखे रखे बेकार पड़ चुकी हैं
नगर निगम गोदाम में शौचालय साफ करने वाली टंकी , जेसीबी मशीन ,छोटी गाड़ियां ,ठेला आदि बेकार पड़ा हुआ है. बता दें कि शौचालय साफ कराने के लिए शहरवासियों को प्रतिदिन निगम कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. जबकि नगर निगम कि उदासीनता की वजह से ऐसे टंकर खराब और बेकार पड़ा हुआ है.