गोड्डा/भागलपुर: झारखंड के गोड्डा में कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccine) को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. झारखंड के कोटे का वैक्सीन बिहार में शिविर लगाकर देने का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया. पूरे मामले की जांच के लिए जुटी एक टीम ने मेहरमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और बिहार के कहलगांव थाना (Kahalgaon Police Station) क्षेत्र के रामपुर पंचायत (Rampur Panchayat) का दौरा कर सच्चाई जानने की कोशिश की. जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं.
यह भी पढ़ें - युवक की मोबाइल पर बिना वैक्सीन लगे ही आया मैसेज, लिखा है- 'बधाई हो आपका हो गया वैक्सीनेशन'
गोड्डा जिले के डीडीसी चंदन कुमार और सिविल सर्जन डॉक्टर मंटू अग्रवाल की जांच में ये बात सामने आयी है कि मेहरमा के स्वास्थ्यकर्मी ही बिहार के वैक्सीनेशन कैंप में भी मौजूद थे. साथ ही रजिस्टर से भी छेड़छाड़ की गई है. डीडीसी चंदन कुमार के मुताबिक पहली नजर में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं. उन्होंने कहा सभी बिंदुओं पर जांच के बाद ही पूरे मामले का पता चल पाएगा.
बता दें कि 21 अगस्त को गोड्डा जिले के मेहरमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर अरविंद सिन्हा ने बिहार के कहलगांव के रामपुर पंचायत में शिविर लगाकर कोविड वैक्सीन लोगों को लगाई गई थी. जिसके बाद ये बात सामने आई थी कि उसने अपने एक रिश्तेदार के रसूख को दिखाने के लिए शिविर लगाया था.
झारखंड में 27 अगस्त को कुल 01 लाख 04 हजार 510 लोगों ने वैक्सीन लगवाई, जिसमें 78 हजार 983 लोगों ने पहली डोज और 25 हजार 527 लोगों ने दूसरा डोज लगवाई. पहली डोज लेने वाले 78 हजार 983 लोगों में से 61 हजार 745 लोग 18 प्लस के ,13 हजार 937 लोग 45 प्लस के और 3 हजार 299 लोग 60 प्लस के रहे. वहीं दूसरा डोज लेने वाले 25 हजार 527 लोगों में 15 हजार 111 लोग 18 प्लस के,7 हजार 685 लोग 45 प्लस के और 2 हजार 202 लोग 60 प्लस के रहे.
यह भी पढ़ें - संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी पूरी, बच्चों के साथ व्यस्क भी हो सकते हैं प्रभावित: IMA