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भागलपुर: सेक्टर पदाधिकारियों को दिया गया ईवीएम का प्रशिक्षण

डीआरडीए निदेशक पंचायती राज पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि आगामी चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की भूमिका महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें ईवीएम और वीवीपैट की प्रणाली से अवगत कराया जा रहा है.

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Published : Sep 1, 2020, 5:53 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 5:25 PM IST

Bhagalpur
सेक्टर पदाधिकारियों को दिया गया ईवीएम का प्रशिक्षण

भागलपुर: विधानसभा चुनाव को लेकर भागलपुर जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. इस कड़ी में भागलपुर समाहरणालय परिसर स्थित समीक्षा भवन में कहलगांव के जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट को जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रशिक्षण दिया है. इस दौरान अधिकारियों ने ईवीएम और वीवीपैट के प्रचालन की बारीकियां भी समझाई, जिसके बाद मॉक परीक्षा भी ली गयी.

बैलट यूनिट और कंट्रोल यूनिट की दी गई जानकारी

वहीं, निर्वाचन अधिकारी ने जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट को विस्तृत जानकारी के साथ बैलट यूनिट और कंट्रोल यूनिट की कार्यप्रणाली से भी अवगत कराया. इसके अलावा सभी जोनल और सेक्टर अधिकारियों को मतदान के दिन पारदर्शिता के लिए चुनाव आयोग की हाईटेक पारदर्शी व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी गई है.

सेक्टर पदाधिकारियों को दिया गया ईवीएम का प्रशिक्षण

एडवांस में दी जा रही सेक्टर मजिस्ट्रेट को जानकारी

इस दौरान डीआरडीए निदेशक पंचायती राज पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि आगामी चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की भूमिका महत्वपूर्ण है, इसलिए आज उन्हें ईवीएम और वीवीपैट की प्रणाली से अवगत कराया जा रहा है, ताकि मतदान के दिन किसी भी तरह की होने वाली समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके, उन्होंने कहा कि इस बार एडवांस में सेक्टर मजिस्ट्रेट को वीवीपैट की जानकारी दी जा रही है.

सेक्टर मजिस्ट्रेट को प्रशिक्षण देने का क्या है उद्देश्य

दरअसल, कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और वीवीपैट की कार्यप्रणाली की जानकारी सेक्टर मजिस्ट्रेट को देने का उद्देश्य यह है कि मतदान के दिन कोई भी समस्या होने पर वह पोलिंग पार्टी का मार्गदर्शन करेंगे, सेक्टर मजिस्ट्रेट मतदान को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वालों पर पैनी नजर रखेंगे, साथ ही कोई व्यक्ति, संगठन या परिवार निर्वाचन की प्रक्रिया को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा होगा तो सेक्टर मजिस्ट्रेट इसकी सूची बनाएंग.

वहीं, सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्रों में बूथों में मिनिमम फैसिलिटी की व्यवस्था पर ध्यान देंगे. इसके अलावा दिव्यांगों के लिए रैप की व्यवस्था, चलायमान शौचालय, पीने का पानी और फर्नीचर की व्यवस्था सेक्टर मजिस्ट्रेट ही सुनिश्चित करेंगे, साथ ही कलेक्टर से बूथ तक जाने का रास्ता ठीक है या नहीं उसे भी सेक्टर मजिस्ट्रेट ही सुनिश्चित करेंगे.

भागलपुर: विधानसभा चुनाव को लेकर भागलपुर जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. इस कड़ी में भागलपुर समाहरणालय परिसर स्थित समीक्षा भवन में कहलगांव के जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट को जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रशिक्षण दिया है. इस दौरान अधिकारियों ने ईवीएम और वीवीपैट के प्रचालन की बारीकियां भी समझाई, जिसके बाद मॉक परीक्षा भी ली गयी.

बैलट यूनिट और कंट्रोल यूनिट की दी गई जानकारी

वहीं, निर्वाचन अधिकारी ने जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट को विस्तृत जानकारी के साथ बैलट यूनिट और कंट्रोल यूनिट की कार्यप्रणाली से भी अवगत कराया. इसके अलावा सभी जोनल और सेक्टर अधिकारियों को मतदान के दिन पारदर्शिता के लिए चुनाव आयोग की हाईटेक पारदर्शी व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी गई है.

सेक्टर पदाधिकारियों को दिया गया ईवीएम का प्रशिक्षण

एडवांस में दी जा रही सेक्टर मजिस्ट्रेट को जानकारी

इस दौरान डीआरडीए निदेशक पंचायती राज पदाधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि आगामी चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की भूमिका महत्वपूर्ण है, इसलिए आज उन्हें ईवीएम और वीवीपैट की प्रणाली से अवगत कराया जा रहा है, ताकि मतदान के दिन किसी भी तरह की होने वाली समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके, उन्होंने कहा कि इस बार एडवांस में सेक्टर मजिस्ट्रेट को वीवीपैट की जानकारी दी जा रही है.

सेक्टर मजिस्ट्रेट को प्रशिक्षण देने का क्या है उद्देश्य

दरअसल, कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और वीवीपैट की कार्यप्रणाली की जानकारी सेक्टर मजिस्ट्रेट को देने का उद्देश्य यह है कि मतदान के दिन कोई भी समस्या होने पर वह पोलिंग पार्टी का मार्गदर्शन करेंगे, सेक्टर मजिस्ट्रेट मतदान को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वालों पर पैनी नजर रखेंगे, साथ ही कोई व्यक्ति, संगठन या परिवार निर्वाचन की प्रक्रिया को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा होगा तो सेक्टर मजिस्ट्रेट इसकी सूची बनाएंग.

वहीं, सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने-अपने क्षेत्रों में बूथों में मिनिमम फैसिलिटी की व्यवस्था पर ध्यान देंगे. इसके अलावा दिव्यांगों के लिए रैप की व्यवस्था, चलायमान शौचालय, पीने का पानी और फर्नीचर की व्यवस्था सेक्टर मजिस्ट्रेट ही सुनिश्चित करेंगे, साथ ही कलेक्टर से बूथ तक जाने का रास्ता ठीक है या नहीं उसे भी सेक्टर मजिस्ट्रेट ही सुनिश्चित करेंगे.

Last Updated : Sep 22, 2020, 5:25 PM IST
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