भागलपुर: व्यवहार न्यायालय के एडीजे 7 एमपी सिंह की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाया है. 2018 में नाबालिग छात्रा से शिक्षक मिथुन कुमार साह को दुष्कर्म करने के प्रयास के मामले में दोषी करार देते हुए 3 साल की श्रम कारावास और 10,000 जुर्माना की सजा सुनाई है. जुर्माना नहीं देने पर 3 महीने की अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगी.
जानें पूरा मामला
इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि मिथुन कुमार साह अपने घर पर निजी कोचिंग संस्थान चलाता था. उसके कोचिंग में 7 वर्षीय नाबालिक बच्ची पढ़ने आती थी. इसी दौरान 24 जून 2018 को पीड़ित बच्ची जब ट्यूशन के दौरान अपना होमवर्क का कॉपी दिखाने के लिए मिथुन के पास गई. तो उन्होंने नाबालिक बच्ची के साथ छेड़खानी करने लगा. बच्ची ने जब शोर मचाया तो स्थानीय लोग जमा हुए. इसके बाद शिक्षक ने बच्ची को छोड़ दिया. घटना के बाद बच्ची के माता-पिता द्वारा शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. 3 साल चले मुकदमे के बाद आज सजा सुनाई गई.
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पोक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक शंकर जयकिशन मंडल ने बताया कि दोषी मिथुन कुमार साह प्राइवेट शिक्षक है. अपने घर पर कोचिंग चलाता था और किराने का दुकान भी था. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आज मिथुन साह दुष्कर्म मामले में 3 साल की श्रम कारावास के साथ 10000 का अर्थदंड की सजा सुनाई है. शिक्षक मिथुन साह 5 जनवरी को दोषी करार दिया था. जिसमें पर आज सजा सुनाई गई.