भागलपुरः सैंडिस कंपाउंड में उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान केंद्र की ओर से 6 दिवसीय मंजूषा महोत्सव सह प्रदर्शनी आयोजित की गई है. इसमें बिहार की लोक कलाओं से जुड़ी चिजों को जगह दी गई है. प्रदर्शनी में अंग प्रदेश की मशहूर चित्र कथा और लोक कला मंजूषा को ज्यादा तवज्जो दी गई है.
मंजूषा कला रही चर्चा का विषय
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय प्राचीन इतिहास विभाग के छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को महोत्सव में लगे प्रदर्शनी का अवलोकन किया. प्रोफेसर लाल चौधरी के नेतृत्व में छात्र-छात्रओं ने लोक कलाओं का अवलोकन किया. प्रोफेसर ने छात्र-छात्रओं को लोक कला से जुड़ी और प्रदर्शनी में लगी वस्तुओं के बारे में जानकारी सांझा की. प्रदर्शनी में शीशे से बने हुए शिल्प की वस्तुएं और अंग प्रदेश की मशूहर लोक चित्र गाथा मंजूषा काफी चर्चीत रही. बता दें की मंजूषा कला को अंग प्रदेश के लोग अपने घर के शुभ अवसर में उकेर कर अपनी संस्कृति और सभ्यता से जोड़कर खुशियां मनाते थे.
छात्र-छात्रओं ने किया महोत्सव का अवलोकन
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की छात्रा नेहा कुमारी ने बताया की उन्हें उन्हें प्राचीन इतिहास और पुरात्तव विभाग की ओर से मंजूषा महोत्सव का अवलोकन कराने के लिए लाया गया. उन्होंने बताया कि महोत्सव में लोक कला से जुड़ी चिजों की प्रदर्शनी लगाई गई. जो काफी आकर्षक है. विश्वविद्यालय से काफी संख्या में छात्र-छात्राएं महोत्सव का अवलोकन करने के लिए आए थे.