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भागलपुर में अस्पताल की लापरवाही: कोरोना पॉजिटिव को बना दिया निगेटिव

अस्पताल के एक कोरोना संक्रमित कर्मचारी की रिपोर्ट पॉजिटिव के बजाय निगेटिव लिखने पर निजी एजेंसी के अन्य कर्मचारी हड़ताल पर चले गये. मायागंज अस्पताल में कार्यरत ट्रॉलीमेन और मानव बल इस हड़ताल में शामिल रहे. कर्मचारियों ने इसके विरोध में जमकर विरोध-प्रदर्शन भी किया.

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कोरोना पॉजिटिव को बना दिया निगेटि
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Published : Apr 26, 2021, 6:24 AM IST

भागलपुर: मायागंज अस्पताल में लापरवाही का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कार्यरत एक कर्मचारी की कोरोना से मौत हुई तो डॉक्टर ने बेड हेड टिकट पर निगेटिव लिख कर दे दिया. डॉक्टर की इस लापरवाही से नाराज निजी एजेंसी के कर्मचारी हड़ताल पर चले गये. इस दौरान मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग में ले जाने में काफी परेशानी हुई.

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हड़ताल की जानकारी मिलने पर सदर एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन मानव बल तैयार नहीं हुए. जिसके बाद आईसीयू इंचार्ज डॉ. महेश कुमार मौके पर पहुंचे और नेगेटिव रिपोर्ट को पॉजिटिव लिखने का आश्वासन दिया. इसके बाद कर्मचारी हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटे.

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एजेंसी द्वारा प्रतिमाह चार सौ रुपये मेंटेनेंस के नाम पर काटा जाता है. पहले प्रतिदिन 480 रुपये मिलते थे, अब 385 रुपये मिल रहे हैं. एजेंसी के प्रतिनिधि ने भी राशि बढ़ाने का आश्‍वासन दिया है.

ये भी पढ़ें.. NMCH में ऑक्सीजन खत्म, 3 मरीजों की गई जान, IGIMS में सिर्फ 4 घंटे का बैकअप

'मेरा भाई यहां काम करते-करते पॉजिटिव हो गया था. पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर डॉक्टरी सलाह से होम आईसोलोशन में थे. लेकिन हालत बिगड़ने पर 2 दिन पहले ही जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया. जहां शनिवार रात उसकी मौत हो गई. लेकिन डॉक्टर ने निगेटिव लिख दिया. उनके रिपोर्ट पर पॉजिटिव लिखने को लेकर हड़ताल किया गया.'.-आभाष कुमार, मृतक मानव बल राजेश रंजन का भाई

हड़ताली मानव बल की मांग थी कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद होम आईसोलेशन के दौरान भी वेतन दिया जाए. इसके अलावा एक मानव बल की मौत हो गई थी. जिसकी रिपोर्ट निगेटिव थी. उसे भी ठीक कर दिया गया है. सभी मांगें मान ली गई और हड़ताल समाप्त हो गया है.- डॉ. महेश कुमार, आईसीयू इंचार्ज

भागलपुर: मायागंज अस्पताल में लापरवाही का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां कार्यरत एक कर्मचारी की कोरोना से मौत हुई तो डॉक्टर ने बेड हेड टिकट पर निगेटिव लिख कर दे दिया. डॉक्टर की इस लापरवाही से नाराज निजी एजेंसी के कर्मचारी हड़ताल पर चले गये. इस दौरान मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग में ले जाने में काफी परेशानी हुई.

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हड़ताल की जानकारी मिलने पर सदर एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर लोगों को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन मानव बल तैयार नहीं हुए. जिसके बाद आईसीयू इंचार्ज डॉ. महेश कुमार मौके पर पहुंचे और नेगेटिव रिपोर्ट को पॉजिटिव लिखने का आश्वासन दिया. इसके बाद कर्मचारी हड़ताल समाप्त कर काम पर लौटे.

कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि एजेंसी द्वारा प्रतिमाह चार सौ रुपये मेंटेनेंस के नाम पर काटा जाता है. पहले प्रतिदिन 480 रुपये मिलते थे, अब 385 रुपये मिल रहे हैं. एजेंसी के प्रतिनिधि ने भी राशि बढ़ाने का आश्‍वासन दिया है.

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'मेरा भाई यहां काम करते-करते पॉजिटिव हो गया था. पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर डॉक्टरी सलाह से होम आईसोलोशन में थे. लेकिन हालत बिगड़ने पर 2 दिन पहले ही जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया. जहां शनिवार रात उसकी मौत हो गई. लेकिन डॉक्टर ने निगेटिव लिख दिया. उनके रिपोर्ट पर पॉजिटिव लिखने को लेकर हड़ताल किया गया.'.-आभाष कुमार, मृतक मानव बल राजेश रंजन का भाई

हड़ताली मानव बल की मांग थी कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद होम आईसोलेशन के दौरान भी वेतन दिया जाए. इसके अलावा एक मानव बल की मौत हो गई थी. जिसकी रिपोर्ट निगेटिव थी. उसे भी ठीक कर दिया गया है. सभी मांगें मान ली गई और हड़ताल समाप्त हो गया है.- डॉ. महेश कुमार, आईसीयू इंचार्ज

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