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भागलपुर में JDU के अजय मंडल ने कुछ इस तरह रचा इतिहास

कांग्रेस के दिग्गज नेता भागवत झा आजाद ने सबसे ज्यादा लंबे समय तक संसदीय चुनाव जीत कर भागलपुर का प्रतिनिधित्व किया था.

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Published : May 26, 2019, 9:38 AM IST

Updated : May 26, 2019, 9:44 AM IST

अजय कुमार मंडल

भागलपुर: इस बार के लोकसभा चुनाव में बिहार में नए-नए समीकरण बने. एनडीए के सहयोगी दलों ने आपसी सहमति के आधार पर सीटों की अदला-बदली कर महागठबंधन को करारी शिकस्त देने में सफलता हासिल की.

ajay mandal bhagalpur
अजय कुमार मंडल

नीतीश ने बीजेपी से छिनी परम्परागत सीट
नीतीश कुमार के नए समीकरण का चर्चा उस सीट को लेकर सबसे ज्यादा है जहां बीजेपी के परम्परागत सीट को छिनकर अपनी झोली में डाला. भागलपुर संसदीय सीट का एक अलग राजनीतिक पहचान है. बीजेपी से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता भागवत झा आजाद अभी तक के सबसे ज्यादा लंबे समय तक संसदीय चुनाव जीत कर भागलपुर का प्रतिनिधित्व किया था. हालांकि उसके बाद भागलपुर की संसदीय सीट राजद के पाले में चली गई थी. राजद से बीजेपी ने यह सीट छिनकर अपने कब्जे में कर लिया. यह सीट भाजपा के खाते में लगातार रही. हालांकि 2014 की मोदी लहर में भी भागलपुर सीट राजद के खाते में चली गई. भागलपुर से सांसद राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल बने.

वरिष्ठ पत्रकार राजीव सिद्धार्थ
धुर विरोधी बुलो-अजय मंडल आमने-सामने
सीट शेयरिंग में जेडीयू प्रमुख सीएम नीतीश कुमार ने बन रहे नए जातीय समीकरण को देकते हुए बुलो मंडल के खिलाफ लगातार जदयू के से तीन बार विधायक रहे अजय कुमार मंडल को मैदान में उतार कर चुनाव को दिलचस्प बना दिया.
राष्ट्रवाद के नाम पर वोटिंग
हालांकि भागलपुर सीट से अजय मंडल का नाम प्रत्याशी के तौर पर घोषित किए जाने के बाद भागलपुर के 10 आयु वर्ग में नाराजगी सी छा गई थी जिसे देखते हुए बीजेपी के आला नेताओं द्वारा लगातार मनााने की कोशिश जारी रही जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई. पुरे देश की तरह भागलपुर में भी लोगों ने सभी मुद्दों को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रवाद के नाम पर मोदी के नाम मुहर लगा दी.
चुनाव में बना ऐतिहासिक आंकड़ा
जेडीयू के प्रत्याशी अजय कुमार मंडल को 6,18,254 मत मिले जो संसदीय चुनाव में एक ऐतिहासिक आंकड़ा है. यहां किसी भी सांसद को इतने मत प्राप्त नहीं हुए थे जबकि बुलो मंडल को कुल 3,40,624 मत प्राप्त हुए. इस तरह अजय कुमार मंडल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 2,72,630 मतों से पराजित किया. इस जादुई आंकड़े के साथ जीत के बाद लोगों ने जमकर मोदी-मोदी नाम के नारे जमकर लगाए. एनडीए उम्मीदवार की इतनी बड़ी जीत की कल्पना शायद किसी ने नहीं की थी. राजनीतिक पंडित भी इतने बड़े आंकड़े की उम्मीद नहीं कर रहे थे जितना बड़ा आंकड़ा मतगणना के बाद सामने आया.
क्या कहते हैं राजनीतिक पंडित
स्थानीय राजनीति की समझ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजीव सिद्धार्थ कहते हैं कि लोगों ने कहीं न कहीं मोदी की नेतृत्व क्षमता को देखते हुए लिया बतौर प्रधानमंत्री मोदी पसंद किया है. भागलपुर बांका और आसपास के अन्य संसदीय सीट को काफी महत्वपूर्ण समझते हुए मोदी ने भागलपुर में चुनावी रैली कर लोगों को अपने ऊपर भरोसा दिलाने की कोशिश की. जिसका नतीजा यह हुआ कि भागलपुर और बांका समेत आसपास के अन्य संसदीय सीट पर भी एनडीए ने जीत हासिल की.
निशिकांत दुबे और अश्विनी चौबे ने तैयार की रणनीति
अजय मंडल को जीताने के लिए गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे और बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे समेत कई नेताओं ने रणनीति तैयार की थी. भागलपुर में मतदान के दौरान भी पहले वोटर्स की च्वाइस भी मोदी ही थे.

भागलपुर: इस बार के लोकसभा चुनाव में बिहार में नए-नए समीकरण बने. एनडीए के सहयोगी दलों ने आपसी सहमति के आधार पर सीटों की अदला-बदली कर महागठबंधन को करारी शिकस्त देने में सफलता हासिल की.

ajay mandal bhagalpur
अजय कुमार मंडल

नीतीश ने बीजेपी से छिनी परम्परागत सीट
नीतीश कुमार के नए समीकरण का चर्चा उस सीट को लेकर सबसे ज्यादा है जहां बीजेपी के परम्परागत सीट को छिनकर अपनी झोली में डाला. भागलपुर संसदीय सीट का एक अलग राजनीतिक पहचान है. बीजेपी से पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता भागवत झा आजाद अभी तक के सबसे ज्यादा लंबे समय तक संसदीय चुनाव जीत कर भागलपुर का प्रतिनिधित्व किया था. हालांकि उसके बाद भागलपुर की संसदीय सीट राजद के पाले में चली गई थी. राजद से बीजेपी ने यह सीट छिनकर अपने कब्जे में कर लिया. यह सीट भाजपा के खाते में लगातार रही. हालांकि 2014 की मोदी लहर में भी भागलपुर सीट राजद के खाते में चली गई. भागलपुर से सांसद राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल बने.

वरिष्ठ पत्रकार राजीव सिद्धार्थ
धुर विरोधी बुलो-अजय मंडल आमने-सामने
सीट शेयरिंग में जेडीयू प्रमुख सीएम नीतीश कुमार ने बन रहे नए जातीय समीकरण को देकते हुए बुलो मंडल के खिलाफ लगातार जदयू के से तीन बार विधायक रहे अजय कुमार मंडल को मैदान में उतार कर चुनाव को दिलचस्प बना दिया.
राष्ट्रवाद के नाम पर वोटिंग
हालांकि भागलपुर सीट से अजय मंडल का नाम प्रत्याशी के तौर पर घोषित किए जाने के बाद भागलपुर के 10 आयु वर्ग में नाराजगी सी छा गई थी जिसे देखते हुए बीजेपी के आला नेताओं द्वारा लगातार मनााने की कोशिश जारी रही जिसमें उन्हें सफलता हासिल हुई. पुरे देश की तरह भागलपुर में भी लोगों ने सभी मुद्दों को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रवाद के नाम पर मोदी के नाम मुहर लगा दी.
चुनाव में बना ऐतिहासिक आंकड़ा
जेडीयू के प्रत्याशी अजय कुमार मंडल को 6,18,254 मत मिले जो संसदीय चुनाव में एक ऐतिहासिक आंकड़ा है. यहां किसी भी सांसद को इतने मत प्राप्त नहीं हुए थे जबकि बुलो मंडल को कुल 3,40,624 मत प्राप्त हुए. इस तरह अजय कुमार मंडल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 2,72,630 मतों से पराजित किया. इस जादुई आंकड़े के साथ जीत के बाद लोगों ने जमकर मोदी-मोदी नाम के नारे जमकर लगाए. एनडीए उम्मीदवार की इतनी बड़ी जीत की कल्पना शायद किसी ने नहीं की थी. राजनीतिक पंडित भी इतने बड़े आंकड़े की उम्मीद नहीं कर रहे थे जितना बड़ा आंकड़ा मतगणना के बाद सामने आया.
क्या कहते हैं राजनीतिक पंडित
स्थानीय राजनीति की समझ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजीव सिद्धार्थ कहते हैं कि लोगों ने कहीं न कहीं मोदी की नेतृत्व क्षमता को देखते हुए लिया बतौर प्रधानमंत्री मोदी पसंद किया है. भागलपुर बांका और आसपास के अन्य संसदीय सीट को काफी महत्वपूर्ण समझते हुए मोदी ने भागलपुर में चुनावी रैली कर लोगों को अपने ऊपर भरोसा दिलाने की कोशिश की. जिसका नतीजा यह हुआ कि भागलपुर और बांका समेत आसपास के अन्य संसदीय सीट पर भी एनडीए ने जीत हासिल की.
निशिकांत दुबे और अश्विनी चौबे ने तैयार की रणनीति
अजय मंडल को जीताने के लिए गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे और बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे समेत कई नेताओं ने रणनीति तैयार की थी. भागलपुर में मतदान के दौरान भी पहले वोटर्स की च्वाइस भी मोदी ही थे.
Intro:KABHI BJP KE GARH RAHE BHAGALPUR SANSADIYA KSHETRA SE NDA KHEME KE JDU SE LOK SABHA CHUNAW JEETKAR AJAY KUMAR MANDAL NE RACHA ITIHAAS

भागलपुर संसदीय सीट का इस देश में अपनी एक अलग राजनीतिक पहचान है क्योंकि देश में जब कांग्रेस की सरकार थी।
लगातार कांग्रेस के दिग्गज नेता भागवत झा आजाद अभी तक के सबसे ज्यादा लंबे समय तक संसदीय चुनाव जीत कर भागलपुर का प्रतिनिधित्व किया था उसके बाद भागलपुर की संसदीय सीट राजद के पाले में चली गई थी इसके बाद फिर लगातार भाजपा के खाते में रही फिर 2014 में जब पूरे देश में मोदी की लहर दौड़ रही थी उस लहर का असर भागलपुर के संसदीय सीट पर नहीं रहा और भागलपुर के सीट राजद के खाते में चली गई और भागलपुर के सांसद राजद के शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल बने इस बार सीट शेयरिंग के मद्देनजर भागलपुर के सीट पहली बार जदयू के खाते में गई और बिहार के राजनीतिक अचानक के माने जाने वाले नीतीश कुमार ने जातीय समीकरण देखते हुए ब्लू मंडल के खिलाफ लगातार जदयू के से तीन बार विधायक रहे अजय कुमार मंडल को प्रतिद्वंदी के तौर पर खड़ा किया ।



Body: भागलपुर में अजय मंडल का नाम प्रत्याशी के तौर पर घोषित किए जाने के बाद भागलपुर के 10 आयु वर्ग में नाराजगी सी छा गए लेकिन उसे मनाने की कोशिश लगातार भाजपा के आला नेताओं द्वारा लगातार जारी रहा और अंततः नाराज व्यवसायियों को भाजपा के नेताओं ने मना लिया नतीजतन जिस तरह से पूरे देश में राष्ट्रवाद के नाम पर एक माहौल तैयार हो गया था वही माहौल लोकसभा चुनाव में भागलपुर में भी देखने को मिला भागलपुर की जनता ने भी सभी मुद्दों पर से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद के नाम पर मोदी के नाम मुहर लगा दी राष्ट्रवाद का माहौल ऐसा तैयार हुआ था जिसका अंदाजा मतगणना के दिन पता चला कि किस तरह से जदयू प्रत्याशी अजय कुमार मंडल भारी बहुमत मिला । भागलपुर संसदीय सीट से एनडीए के जदयू खेमे से चुनाव अजय कुमार मंडल को 618254 मत मिले जो कि भागलपुर के संसदीय चुनाव में एक ऐतिहासिक आंकड़ा है आज से पहले किसी सांसद को इतने मत प्राप्त नहीं हुए थे जबकि अजय कुमार मंडल के नजदीकी प्रतिद्वंदी जो कि राजद खेमे से थे उन्हें कुल 340624 मत प्राप्त हुए जदयू के अजय कुमार मंडल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 272630 मतों से पराजित किया इस जादुई आंकड़े के बाद भागलपुर में जमकर मोदी मोदी के नारे लगे भागलपुर में लोग यह तो अनुमान लगा रहे थे कि राष्ट्रवाद के नाम पर एनडीए के उम्मीदवार की जीत होगी लेकिन आंकड़ा इतना बड़ा होगा इसका अनुमान लोगों ने नहीं लगाया था।


Conclusion:इतने बड़े आंकड़े के बाद भागलपुर में मानो एनडीए कार्यकर्ताओं और भागलपुर की जनता में गजब का आत्मविश्वास दिखा और खुशी में जश्न में डूब गए और जमकर गुलाल खेला राजनीतिक पंडित भी इतने बड़े आंकड़े की उम्मीद नहीं कर रहे थे जितना बड़ा आंकड़ा मतगणना के बाद सामने आया भागलपुर से काफी दिनों से राजनीति की समझ रखने वाले और पत्रकारिता से जुड़े हुए वरिष्ठ पत्रकार राजीव सिद्धार्थ कहते हैं कि लोगों ने कहीं न कहीं मोदी मैं उस क्षमता को देख लिया जो एक नेतृत्व करने वाले नेता में होनी चाहिए और बतौर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों के मिजाज को समझ कर राष्ट्रवाद से इस चुनाव को जो जिसका नतीजा उन्हें इतने बड़े बहुमत के रूप में मिला। भागलपुर बांका और आसपास के अन्य संसदीय सीट को काफी महत्वपूर्ण समझते हुए मोदी ने भागलपुर में चुनावी रैली कर लोगों को अपने ऊपर भरोसा दिलाने की कोशिश की इसका नतीजा यह हुआ भागलपुर और बांका समेत आसपास के अन्य संसदीय सीट पर भी एनडीए ने जीत हासिल की। अगर बात की जाए तो इसके पीछे गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे और बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे समेत कई नेताओं ने अजय कुमार मंडल को जिताने के लिए रणनीति तैयार की थी भागलपुर में मतदान के दौरान भी पहले वोटर्स की चॉइस भी मोदी ही थी इसलिए तो पूरे देश के बड़े हिस्से का बहुमत नरेंद्र मोदी को मिला ।
Last Updated : May 26, 2019, 9:44 AM IST
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