ETV Bharat / state

बिहार के एक कांस्टेबल का बेटा बना सेना में अधिकारी - भागलपुर के लिए गर्व का क्षण

भागलपुर के रहने वाले एक कांस्टेबल के बेटे रूपक सेना में अफसर बन गए हैं. उन्हें इस मकाम तक पहुंचाने में उनके पिता ने काफी जद्दोजहद किया. कक्षा 6 से ही रूपक मिलिट्री स्कूल में पढ़े. एनडीए में तीन साल कड़ी मेहनत की. भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) शनिवार को हुए पासिंग आउट परेड का वे हिस्सा बने. उन्हें असम रेजीमेंट मिला है.

भागलपुर का रूपक
भागलपुर का रूपक
author img

By

Published : Dec 12, 2020, 9:01 PM IST

Updated : Dec 12, 2020, 9:11 PM IST

देहरादून/भागलपुरः बिहार के भागलपुर में रहने वाले रूपक का परिवार आज अपने बेटे की कामयाबी से फूला नहीं समा रहा है. माता-पिता को आसपास के लोगों और परिजनों के फोन आ रहे हैं. हर किसी के मुंह पर रूपक का नाम है. हर कोई रूपक की कामयाबी पर उन्हें बधाई दे रहा है. रूपक के पिता सेना में सिपाही थे और रिटायरमेंट के बाद वे चाहते थे कि उनका बेटा सेना का अफसर बने. उनके बेटे ने उनके सपने को सच कर दिखाया है.

पिता ने चाहा था बेटा बने अफसर
रूपक को अफसर बनाने के लिए उनके पिता ने काफी जद्दोजहद किया. रूपक को कक्षा 6 में ही मिलिट्री स्कूल में भर्ती करवा दिया. इसके बाद से ही रूपक में बदलाव आना शुरू हो गया. अब रूपक भी वही सपना देखने लगा था जो उनके पिता ने देखा था. लेकिन यह सपना इतना आसान नहीं था. लिहाजा रूपक ने इसके लिए जमकर मेहनत की और फिर एनडीए निकालकर पहले कदम को सेना की तरफ बढ़ा दिया.

देखें रिपोर्ट

रूपक को मिला है असम रेजीमेंट
एनडीए में 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद रूपक ऐतिहासिक भारतीय सैन्य अकादमी में आ गए. इसके बाद शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह ट्रेंड होने का प्रशिक्षण लिया. नतीजतन अब रूपक ने अपने उस सपने को पूरा भी कर लिया है. ईटीवी भारत की टीम ने रूपक उनके पिता और उनकी माता से बात की. रूपक ने बताया कि उन्हें असम रेजीमेंट मिला है. उन्होंने कहा, मैं आनेवाली चुनौतियों का पूरी ताकत के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार हूं.

सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर हुआ परेड
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को पासिंग आउट परेड (पीओपी) का आयोजन किया गया. आईएमए में परेड पूरा होते ही 325 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. आईएमए की गीत 'भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम', पर सभी कैडेटों ने कदमताल किया. सभी कैडेटों के ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचते ही लोगों ने उनका खड़े होकर स्वागत किया. बता दें कि सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर मार्क्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने परेड की सलामी ली.

देहरादून/भागलपुरः बिहार के भागलपुर में रहने वाले रूपक का परिवार आज अपने बेटे की कामयाबी से फूला नहीं समा रहा है. माता-पिता को आसपास के लोगों और परिजनों के फोन आ रहे हैं. हर किसी के मुंह पर रूपक का नाम है. हर कोई रूपक की कामयाबी पर उन्हें बधाई दे रहा है. रूपक के पिता सेना में सिपाही थे और रिटायरमेंट के बाद वे चाहते थे कि उनका बेटा सेना का अफसर बने. उनके बेटे ने उनके सपने को सच कर दिखाया है.

पिता ने चाहा था बेटा बने अफसर
रूपक को अफसर बनाने के लिए उनके पिता ने काफी जद्दोजहद किया. रूपक को कक्षा 6 में ही मिलिट्री स्कूल में भर्ती करवा दिया. इसके बाद से ही रूपक में बदलाव आना शुरू हो गया. अब रूपक भी वही सपना देखने लगा था जो उनके पिता ने देखा था. लेकिन यह सपना इतना आसान नहीं था. लिहाजा रूपक ने इसके लिए जमकर मेहनत की और फिर एनडीए निकालकर पहले कदम को सेना की तरफ बढ़ा दिया.

देखें रिपोर्ट

रूपक को मिला है असम रेजीमेंट
एनडीए में 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद रूपक ऐतिहासिक भारतीय सैन्य अकादमी में आ गए. इसके बाद शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह ट्रेंड होने का प्रशिक्षण लिया. नतीजतन अब रूपक ने अपने उस सपने को पूरा भी कर लिया है. ईटीवी भारत की टीम ने रूपक उनके पिता और उनकी माता से बात की. रूपक ने बताया कि उन्हें असम रेजीमेंट मिला है. उन्होंने कहा, मैं आनेवाली चुनौतियों का पूरी ताकत के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार हूं.

सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर हुआ परेड
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में शनिवार को पासिंग आउट परेड (पीओपी) का आयोजन किया गया. आईएमए में परेड पूरा होते ही 325 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए. आईएमए की गीत 'भारत माता तेरी कसम तेरे रक्षक बनेंगे हम', पर सभी कैडेटों ने कदमताल किया. सभी कैडेटों के ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचते ही लोगों ने उनका खड़े होकर स्वागत किया. बता दें कि सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर मार्क्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ. उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी ने परेड की सलामी ली.

Last Updated : Dec 12, 2020, 9:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.