भागलपुर: शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक ग्लोबल टीचर अवार्ड के लिए भागलपुर (Bhagalpur) के भीखमपुर गुमटी नंबर 3 के रहने वाले सत्यम मिश्रा का चयन हुआ है. वार्की फाउंडेशन (Varkey Foundation) की ओर से दिए जाने वाले अवार्ड के लिए भारत समेत 170 देशों के 50 शिक्षकों की सूची जारी की गई है.
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इसमें भारत के 2 शिक्षक (भागलपुर के सत्यम मिश्रा और तेलंगाना की मेघना मुसुनूरी) के नाम शामिल हैं. सत्यम ने बताया कि अक्टूबर में टॉप 10 शिक्षकों की सूची जारी होगी. नवंबर में 10 में से 1 शिक्षक का चयन कर उन्हें ग्लोबल टीचर अवार्ड दिया जाएगा. सत्यम गणित के शिक्षक हैं. हैदराबाद की मेघना मुसुनूरी सामाजिक अध्ययन, अंग्रेजी और गणित की शिक्षिका हैं. सत्यम ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर के वैश्विक शिक्षक पुरस्कार के लिए 50 शिक्षकों में जगह बनाई है. इसके लिए 121 देशों के 8000 से अधिक शिक्षकों का नामांकन आया था. वैश्विक शिक्षक पुरस्कार का आयोजन वार्की फाउंडेशन यूनेस्को के साथ मिलकर करता है.
सत्यम का चयण गणित को रुचिकर बनाने के चलते हुआ है. सत्यम ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद अंतरराष्ट्रीय एनजीओ 'टीच फॉर इंडिया' ज्वाइन किया था. उन्होंने पुणे में गरीब बच्चों को पढ़ाया. इस संस्था के लिए उन्होंने 2015 से 2017 तक काम किया. इसी बीच आईआईएम अहमदाबाद में 2016 में इंटर्नशिप के लिए ज्वाइन किया. आईआईएम में इन्होंने एक रिपोर्ट सबमिट किया, जिसके आधार पर लेबनान के मलाला यूसुफजई स्कूल में पढ़ाने के लिए बुलाया गया. 2017 में करीब 6 महीने तक सत्यम ने यहां बच्चों को पढ़ाया. सत्यम ने अंतरराष्ट्रीय एनजीओ 'टीचिंग फॉर ऑल' के 17 सहयोगी देशों में भी काम किया है. वह टीचिंग फॉर ऑल एनजीओ से जुड़कर वंचित और गरीब बच्चों के साक्षरता अभियान में जुट गए थे. उन्होंने अपने देश के अलावा नेपाल, लेबनान और साउथ अफ्रीका में जाकर बच्चों को पढ़ाया.
सत्यम ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि केवल शिक्षा को प्राथमिकता देकर ही हम अपने कल को सुरक्षित कर सकते हैं. शिक्षा विश्वास के साथ भविष्य का सामना करने की कुंजी है. अगर हमें कोविड-19 के मद्देनजर बेहतर दुनिया का पुनर्निर्माण करना है तो हमें हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने को प्राथमिकता देनी होगी. पढ़ाई के नए तरीके विकसित कर गणित को रुचिकर बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए.
सत्यम ने कहा, 'मलाला यूसुफजई रिफ्यूजी कैंप के बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल चलाती हैं. 2017 में मलाला यूसुफजई के स्कूल से मुझे संपर्क किया गया. मैंने उनके स्कूल के बच्चों को 6 माह तक पढ़ाया. बच्चों को पढ़ाने के साथ मैं शिक्षकों को भी ट्रेंड करने लगा. यह साल मेरे लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ. 2018 में नेशनल कंसलटेंट के रूप में दोबारा 'टीच फॉर इंडिया' से जुड़ा. मैंने भारत के अलावा नेपाल, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, आर्मेनिया, स्पेन आदि देशों में काम किया.'
"अभी 'टीच फॉर आर्मेनिया' और 'टीच फॉर स्लोवाकिया' से जुड़ा हूं. 2020 में कोविड-19 के दौरान बच्चों को पढ़ाने और शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के चलते माइक्रोसॉफ्ट और नेशनल ज्योग्राफिक ने मुझे एजुकेशनिस्ट के रूप में प्रमाणित किया था. 50 शिक्षकों में से किसी एक को वैश्विक शिक्षक पुरस्कार 2021 के लिए नवंबर में चुना जाएगा. इस पुरस्कार को शिक्षा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार माना जाता है. अक्टूबर में टॉप 10 शिक्षकों की सूची जारी होगी. नवंबर में 10 में से 1 शिक्षक का चयन कर उन्हें ग्लोबल टीचर अवार्ड दिया जाएगा. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन वार्की फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं."- सत्यम मिश्रा, शिक्षक
सत्यम मिश्रा की दादी सावित्री मिश्रा स्वतंत्रता सेनानी हैं. सावित्री मिश्रा ने कहा, 'मुझे काफी खुशी है कि सत्यम दुनिया में नाम कमा रहा है. मेरा आशीर्वाद हमेशा पूरे परिवार को है. पूरा परिवार तरक्की करे.' सत्यम के पिता डॉ रविकांत मिश्रा जेएमएनएमसीएच भागलपुर के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा, 'सत्यम को स्कूल में प्रोजेक्ट मिलता था तो वह उसपर बहुत काम करता था. वह हमेशा प्रथम आया. आज का दिन मेरे लिए बहुत खास है. इस मौके पर मैंने पौधारोपण कर खुशी मनाई है. पौधा जैसे-जैसे बढ़ेगा मेरा बेटा उसी तरह तरक्की करता जाएगा.' सत्यम की मां विभा मिश्रा ने कहा, 'सत्यम शुरू से ही पढ़ने में काफी तेज था. घर के काम में भी हाथ बंटाता था. खेलने में ध्यान नहीं देता था. मैं अपने बेटे की तरक्की से काफी खुश हूं.'
सत्यम इन दिनों बच्चों की पढ़ाई के लिए अलग-अलग तरीके इजाद कर रहे हैं. उन्होंने आठ ऐसे फार्मूले बनाए हैं, जिन्हें अपनाकर बच्चों को आसानी से पढ़ाया जा सकता है. वह अलग-अलग चैप्टर के लिए अलग-अलग मेथड तैयार कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें 2019 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के तहत ग्लोबल सेपर्स कम्युनिटी में सेपर्स के रूप में चुना गया था. सत्यम ने भागलपुर के माउंट असीसी स्कूल में दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई की है. इसके बाद 2014 में मणिपाल विश्वविद्यालय कर्नाटक से इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
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