भागलपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजना आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत कई उद्योग लगाए जाने हैं. इसी में एक सेनेटरी पैड का उद्योग भागलपुर में लगाया जाना है. इस उद्योग के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. इसके लिए जमीन चिन्हित कर लिया गया है. सैनिटरी पैड क्लस्टर बरारी स्थित बियाड़ा में उद्योग विभाग के लोह कार्यशाला के भवन में लगाया जाएगा.
उद्योग लगाने को लेकर काम शुरू
सैनिटरी पैड के उद्योग लगाने को लेकर काम शुरु हो गया है. दो दिन में मशीन को इंस्टॉल करने के लिए मध्य प्रदेश से टेक्निकल टीम भागलपुर आ जाएगी. जिसके बाद मशीन को स्टॉल किया जाएगा. इसके 7 दिन बाद सेनेटरी पैड बनाने का काम शुरू हो जाएगा. गौरतलब हो कि इससे पहले यह प्रस्तावित उद्योग सबौर के ममलखा में लगाया जाना था. लेकिन वहां लगाने में कुछ तकनीकी परेशानी के कारण जिला प्रशासन ने इस उद्योग को शहर के बरारी स्थित बियाड़ा में लगाने का फैसला किया. इसे लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से बियाड़ा से जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. इस सैनिटरी पैड उद्योग में महिलाओं की 50% भागीदारी रहेगी.
मध्य प्रदेश से पहुंचेगी टेक्निकल टीम
जिला उद्योग महाप्रबंधक राम शरण राम ने कहा कि सेनेटरी पैड का क्लस्टर को लेकर बरारी के बियाड़ा स्थित कार्यशाला के भवन में लगाने का निर्णय ले लिया गया है. अब वहां दो दिनों में मशीन इंस्टॉल करने के लिए मध्य प्रदेश से टेक्निकल टीम पहुंच रही है. जिसके 7 दिन बाद मशीन से सेनेटरी पैड का निर्माण शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि इसमें 34 कामगारों का समूह काम करेगा. जिसमें 17 प्रवासी हैं. उन्होंने बताया कि बियाड़ा में बरसों से उद्योग विभाग का लौह कार्यशाला खाली पड़ा हुआ था. इसमें कोई गतिविधि नहीं हो रही थी. इसमें अब उद्योग विभाग ने सेनेटरी पैड क्लस्टर लगाने का निर्णय लिया है.
सबसे पहले महिलाओं के समूह में किया जाएगा मार्केटिंग
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक राम शरण राम ने कहा कि इसकी मार्केटिंग पहले महिलाओं के समूह में किया जाएगा. यह सबसे पहले जीविका जैसी संस्था के बीच बेचा जाएगा. इसकी मांग बढ़ने पर जिला प्रशासन के माध्यम से लोगो तैयार कर दिया जाएगा. जिसके बाद क्वालिटी को लेकर अप्रूवल कराएंगे और मेडिकेटेड संबंधी ड्रग लाइसेंस लेंगे. उन्होंने कहा कि तत्काल उत्पादित सैनिटरी पैड को स्टरलाइज कर बेचा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन 2,000 सैनिटरी पैड उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. यदि मांग बढ़ेगा तो काम सिफ्ट लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सबौर शहर से दूर होने की वजह से वहां उद्योग का मॉनिटरिंग भी सही से नहीं हो पाती है.