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पंचायत चुनाव प्रचार में नियमों की उड़ी धज्जियां, कहीं बाइक रैली तो कहीं बिना अनुमति उड़ाया गया ड्रोन - Campaigning in Sanahola Block Panchayat Election

भागलपुर के सनहौला प्रखंड में पंचायत चुनाव के प्रचार के दौरान आचार संहिता और कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. डीएम ने शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की बात कही है. पढ़ें पूरी खबर..

पंचायत चुनाव प्रचार में नियमों की उड़ी धज्जियां
पंचायत चुनाव प्रचार में नियमों की उड़ी धज्जियां
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Published : Oct 6, 2021, 10:14 PM IST

भागलपुर: बिहार पंचायत चुनाव ( Panchayat Election ) चल रहा है. वोटरों का ध्यान अपनी ओर खींचने और वोट मांगने के अलग-अलग तरीके भी सामने आने लगे हैं. इन सबके बीच प्रचार के दौरान नियम कायदे भी जमकर तोड़े जा रहे हैं. इसी कड़ी में भागलपुर (Bhagalpur) के सनहौला प्रखंड में पंचायत चुनाव के नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार तक सभी नियमों की धज्जियां जमकर उड़ाई जा रही हैं. डीएम ने कहा कि जहां कहीं से भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आएगा, उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की जाएगी.

इसे भी पढ़ें : एम्बुलेंस से चुनाव प्रचार करने वाले मुखिया प्रत्याशी पर FIR, आचार संहिता उल्लंघन का चलेगा केस

सनहौल प्रखंड में चुनाव प्रचार के दौरान कोविड बचाव नियमों की बात हो या आचार संहिता नियमों के पालन करने की बात हो, दोनों नियमों की पंचायत के सभी पदों के प्रत्याशियों ने धज्जियां उड़ाई जा रही और प्रशासन मूकदर्शक बना देख रहा है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी से पूछे जाने पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही जा रही है. लेकिन कितने प्रत्याशियों पर नियमों का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज किए गए, उस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

देखें वीडियो

बता दें कि पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ आयोग ने स्पष्ट कहा था कि नामांकन से लेकर प्रचार और फिर मतदान तक से लेकर मतगणना तक कोविड बचाव के सभी नियमों का अनुपालन शत प्रतिशत कराई जाएगी और आचार संहिता के नियमों का भी उल्लंघन ना हो उसका ध्यान प्रशासनिक अमला रखेगी, लेकिन सनहौला प्रखंड में भारी भीड़ प्रखंड कार्यालय और थाने के आगे से गुजरती रही नियमों का उल्लंघन होता रहा.

वहीं, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ वीडियोग्राफी कराकर एफआईआर दर्ज करने की बात कही. जबकि नियमों के अनुसार तत्काल कार्रवाई करते हुए बिना लाइसेंस के घूम रहे मोटरसाइकिल या चार चक्का वाहन आदि को जब्त करना चाहिए लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. किसी का चालान भी नहीं काटा गया.

बात यहीं खत्म नहीं हुई, संवेदनशील स्थलों के पास प्रत्याशियों द्वारा खुलेआम ड्रोन से वीडियोग्राफी करवाया गया कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिम्मेदार अंचल अधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी को तो प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी से बात करने की बात कहते रहे. बता दें कि खुलेआम बिना लाइसेंस के रैलियां निकाली गई, जनसभा किए गए और जनसंपर्क किया गया, जमकर भोज का आयोजन हुआ. इस दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के साथ कोविड नियमों का पालन नहीं हो रहा है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि कोविड नियमों का अनुपालन सभी लोगों को करना चाहिए. कोविड के प्रसार को रोकने के लिए हम लोगों ने रोजाना 5 हजार से अधिक टेस्टिंग की व्यवस्था की है. जहां कहीं से भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आएगा, उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की जाएगी. इसको लेकर जिले के सभी थानाध्यक्ष, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि जहां भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला हो उसके ऊपर मुकदमा दर्ज करें.

बता दें कि सनहौला प्रखंड में 15 सितंबर को चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हुई थी. 16 तारीख से लेकर 22 तारीख तक नामांकन की प्रक्रिया चली. 25 तारीख तक नामांकन पत्रों की समीक्षा हुई और 27 को चुनाव चिन्ह के साथ ही नाम वापसी हुई. चुनाव प्रचार 6 अक्टूबर तक चला. इस दौरान सभी नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.

इसे भी पढ़ें : बिहार पंचायत चुनाव: नवगछिया में छठे चरण के पहले दिन 152 प्रत्याशियों ने किया नामांकन

भागलपुर: बिहार पंचायत चुनाव ( Panchayat Election ) चल रहा है. वोटरों का ध्यान अपनी ओर खींचने और वोट मांगने के अलग-अलग तरीके भी सामने आने लगे हैं. इन सबके बीच प्रचार के दौरान नियम कायदे भी जमकर तोड़े जा रहे हैं. इसी कड़ी में भागलपुर (Bhagalpur) के सनहौला प्रखंड में पंचायत चुनाव के नामांकन से लेकर चुनाव प्रचार तक सभी नियमों की धज्जियां जमकर उड़ाई जा रही हैं. डीएम ने कहा कि जहां कहीं से भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आएगा, उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की जाएगी.

इसे भी पढ़ें : एम्बुलेंस से चुनाव प्रचार करने वाले मुखिया प्रत्याशी पर FIR, आचार संहिता उल्लंघन का चलेगा केस

सनहौल प्रखंड में चुनाव प्रचार के दौरान कोविड बचाव नियमों की बात हो या आचार संहिता नियमों के पालन करने की बात हो, दोनों नियमों की पंचायत के सभी पदों के प्रत्याशियों ने धज्जियां उड़ाई जा रही और प्रशासन मूकदर्शक बना देख रहा है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी से पूछे जाने पर एफआईआर दर्ज करने की बात कही जा रही है. लेकिन कितने प्रत्याशियों पर नियमों का उल्लंघन करने पर एफआईआर दर्ज किए गए, उस बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है.

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बता दें कि पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ आयोग ने स्पष्ट कहा था कि नामांकन से लेकर प्रचार और फिर मतदान तक से लेकर मतगणना तक कोविड बचाव के सभी नियमों का अनुपालन शत प्रतिशत कराई जाएगी और आचार संहिता के नियमों का भी उल्लंघन ना हो उसका ध्यान प्रशासनिक अमला रखेगी, लेकिन सनहौला प्रखंड में भारी भीड़ प्रखंड कार्यालय और थाने के आगे से गुजरती रही नियमों का उल्लंघन होता रहा.

वहीं, कार्रवाई के नाम पर सिर्फ वीडियोग्राफी कराकर एफआईआर दर्ज करने की बात कही. जबकि नियमों के अनुसार तत्काल कार्रवाई करते हुए बिना लाइसेंस के घूम रहे मोटरसाइकिल या चार चक्का वाहन आदि को जब्त करना चाहिए लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाई गई. किसी का चालान भी नहीं काटा गया.

बात यहीं खत्म नहीं हुई, संवेदनशील स्थलों के पास प्रत्याशियों द्वारा खुलेआम ड्रोन से वीडियोग्राफी करवाया गया कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिम्मेदार अंचल अधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी को तो प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी से बात करने की बात कहते रहे. बता दें कि खुलेआम बिना लाइसेंस के रैलियां निकाली गई, जनसभा किए गए और जनसंपर्क किया गया, जमकर भोज का आयोजन हुआ. इस दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के साथ कोविड नियमों का पालन नहीं हो रहा है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि कोविड नियमों का अनुपालन सभी लोगों को करना चाहिए. कोविड के प्रसार को रोकने के लिए हम लोगों ने रोजाना 5 हजार से अधिक टेस्टिंग की व्यवस्था की है. जहां कहीं से भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आएगा, उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की जाएगी. इसको लेकर जिले के सभी थानाध्यक्ष, प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचल पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि जहां भी आचार संहिता उल्लंघन का मामला हो उसके ऊपर मुकदमा दर्ज करें.

बता दें कि सनहौला प्रखंड में 15 सितंबर को चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हुई थी. 16 तारीख से लेकर 22 तारीख तक नामांकन की प्रक्रिया चली. 25 तारीख तक नामांकन पत्रों की समीक्षा हुई और 27 को चुनाव चिन्ह के साथ ही नाम वापसी हुई. चुनाव प्रचार 6 अक्टूबर तक चला. इस दौरान सभी नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई.

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