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Pneumonia Case Increase: भागलपुर में डेंगू के बाद अब निमोनिया का खतरा बढ़ा, बच्चों को सावधान रखने की जरूरत

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 27, 2023, 7:47 PM IST

भागलपुर शहर में डेंगू के बाद अब निमोनिया का प्रकोप पूरे जिले भर में बढ़ता (Pneumonia Case Increase) ही जा रहा है. तेजी से बदलते मौसम के कारण निमोनिया मरीजों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बच्चों में इसका प्रकोप सबसे अधिक होता है.

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भागलपुर : निमोनिया एक ऐसा संक्रमण है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन बच्चों पर इस संक्रमण का प्रभाव ज्यादा नजर आता है. ऐसे में बिहार के भागलपुर जिले में भी निमोनिया का प्रकोप काफी बढ़ता जा रहा है. शहर में डेंगू के बाद अब निमोनिया पूरे शहर में तेजी फैल रहा है. तेजी से बदलते मौसम के कारण निमोनिया मरीजों में बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है.

इसे भी पढ़े- पटना में बढ़ते प्रदूषण से बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ा, अभिभावक बरतें यह सावधानी

क्या है निमोनिया: निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है, जो शरीर में एयरसैक को संक्रमित करता है. कारण चाहे जो भी ही निमोनिया के लिए बैक्टीरिया को जिम्मेदार माना जाता है. इस संक्रमण में संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों में मौजूद वायु थैली में पानी (द्रव्य) या मवाद भर जाता है, जिससे व्यक्ति को खांसी, सीने में दर्द होने के अलावा सांस लेने में भी समस्या होने लगती है. स्थिति गंभीर होने पर कई बार पीड़ित की जान तक चली जाती है. चिकित्सक बताते हैं कि सामान्य अवस्था में निमोनिया हमेशा घातक नहीं होता, लेकिन यदि इसके इलाज में देर हो तो इसके गंभीर प्रभाव नजर आने लगते हैं.

"निमोनिया होने पर आप गुनगुना पानी का प्रयोग करें एवं पंखा एसी का प्रयोग ना करें. चादर कंबल ढक कर ही रात में सोए. उन्होंने कहा कि अभी बच्चों को ज्यादा सुरक्षित रखने की जरूरत है. ठंडा पानी, आइस क्रीम, कोल्ड ड्रिंक से काफी दूर रखे. तब जाकर आप निमोनिया जैसे रोग से दूर रह सकते हैं." - डॉ अजय कुमार सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ, भागलपुर.

बच्चों में तेजी से बढ़ता निमोनिया केस: बता दें कि बच्चों में निमोनिया का प्रभाव काफी देखने में आता है. आंकड़ों की माने तो सिर्फ भारत में प्रत्येक एक मिनट में एक बच्चा निमोनिया का शिकार होता है, वहीं दुनिया भर में होने वाली बच्चों की मौतों में 18 फीसदी का कारण निमोनिया होता है. विश्व में हर साल 5 साल से कम उम्र के लगभग 20 लाख बच्चों की मौत निमोनिया से हो जाती है.

भागलपुर : निमोनिया एक ऐसा संक्रमण है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन बच्चों पर इस संक्रमण का प्रभाव ज्यादा नजर आता है. ऐसे में बिहार के भागलपुर जिले में भी निमोनिया का प्रकोप काफी बढ़ता जा रहा है. शहर में डेंगू के बाद अब निमोनिया पूरे शहर में तेजी फैल रहा है. तेजी से बदलते मौसम के कारण निमोनिया मरीजों में बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है.

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क्या है निमोनिया: निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है, जो शरीर में एयरसैक को संक्रमित करता है. कारण चाहे जो भी ही निमोनिया के लिए बैक्टीरिया को जिम्मेदार माना जाता है. इस संक्रमण में संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों में मौजूद वायु थैली में पानी (द्रव्य) या मवाद भर जाता है, जिससे व्यक्ति को खांसी, सीने में दर्द होने के अलावा सांस लेने में भी समस्या होने लगती है. स्थिति गंभीर होने पर कई बार पीड़ित की जान तक चली जाती है. चिकित्सक बताते हैं कि सामान्य अवस्था में निमोनिया हमेशा घातक नहीं होता, लेकिन यदि इसके इलाज में देर हो तो इसके गंभीर प्रभाव नजर आने लगते हैं.

"निमोनिया होने पर आप गुनगुना पानी का प्रयोग करें एवं पंखा एसी का प्रयोग ना करें. चादर कंबल ढक कर ही रात में सोए. उन्होंने कहा कि अभी बच्चों को ज्यादा सुरक्षित रखने की जरूरत है. ठंडा पानी, आइस क्रीम, कोल्ड ड्रिंक से काफी दूर रखे. तब जाकर आप निमोनिया जैसे रोग से दूर रह सकते हैं." - डॉ अजय कुमार सिंह, शिशु रोग विशेषज्ञ, भागलपुर.

बच्चों में तेजी से बढ़ता निमोनिया केस: बता दें कि बच्चों में निमोनिया का प्रभाव काफी देखने में आता है. आंकड़ों की माने तो सिर्फ भारत में प्रत्येक एक मिनट में एक बच्चा निमोनिया का शिकार होता है, वहीं दुनिया भर में होने वाली बच्चों की मौतों में 18 फीसदी का कारण निमोनिया होता है. विश्व में हर साल 5 साल से कम उम्र के लगभग 20 लाख बच्चों की मौत निमोनिया से हो जाती है.

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