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भागलपुर: उदीयमान सूर्य को छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य, मांगी सुख और शांति की कामना - chhath puja in Bhagalpur

भागलपुर के कहलगांव भोलसर पंचायत के गंगा घाट हजारों के संख्या में छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य दिए. इस मौके पर गंगा नदी में लोगों ने आस्था की डूबकी भी लगाई.

भागलपुर
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Published : Nov 3, 2019, 8:13 AM IST

Updated : Nov 3, 2019, 2:10 PM IST

भागलपुर: लोक आस्था के महापर्व छठ पूरे प्रदेश में लोगों ने धूमधाम से मनाई. छठ को लेकर भागलपुर पूरी तरह से छठमय हो गया था. जिले के विभिन्न घाटों पर भारी संख्या में लोगों ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया.

छठ महापर्व चार दिनों तक चलने वाला पर्व है. रविवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के छठ महापर्व का समापन हो गया. जिले के कहलगांव भोलसर पंचायत के गंगा घाट हजारों के संख्या में छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य दिएं. इस मौके पर गंगा नदी में लोगों ने आस्था की डूबकी लगाई. इस मौके पर दूर- दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे.

छठ श्रद्धालु का बयान

'परिवार के सभी जुटते हैं'
घाट पर पहुंची श्रद्धालु रेशमी ने बताया कि बिहार में पहली बार आकर छठ पूजा देखी. लोग यहां बहुत उत्साह के साथ छठ मना रहे हैं. यहां काफी खुशी महसूस कर रही हूं. भगवान सूर्य को अर्घ्य देख कर अपने परिवार की सुख ,शांति और समृद्धि की कामना की. वहीं. देवघर से पहुंची श्रद्धालु भारती कुमारी ने बताया कि हर वर्ष अपने मां के घर छठ मनाने के लिए देवघर से आती हूं. यह एक ऐसा त्योहार है, जिसमें घर के सभी सदस्य एक साथ मिलते हैं.

भागलपुर: लोक आस्था के महापर्व छठ पूरे प्रदेश में लोगों ने धूमधाम से मनाई. छठ को लेकर भागलपुर पूरी तरह से छठमय हो गया था. जिले के विभिन्न घाटों पर भारी संख्या में लोगों ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही छठ महापर्व का समापन हो गया.

छठ महापर्व चार दिनों तक चलने वाला पर्व है. रविवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के छठ महापर्व का समापन हो गया. जिले के कहलगांव भोलसर पंचायत के गंगा घाट हजारों के संख्या में छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य दिएं. इस मौके पर गंगा नदी में लोगों ने आस्था की डूबकी लगाई. इस मौके पर दूर- दूर से श्रद्धालु पहुंचे थे.

छठ श्रद्धालु का बयान

'परिवार के सभी जुटते हैं'
घाट पर पहुंची श्रद्धालु रेशमी ने बताया कि बिहार में पहली बार आकर छठ पूजा देखी. लोग यहां बहुत उत्साह के साथ छठ मना रहे हैं. यहां काफी खुशी महसूस कर रही हूं. भगवान सूर्य को अर्घ्य देख कर अपने परिवार की सुख ,शांति और समृद्धि की कामना की. वहीं. देवघर से पहुंची श्रद्धालु भारती कुमारी ने बताया कि हर वर्ष अपने मां के घर छठ मनाने के लिए देवघर से आती हूं. यह एक ऐसा त्योहार है, जिसमें घर के सभी सदस्य एक साथ मिलते हैं.

Intro:भारत एक ऐसा देश है जहां कभी पर्व त्यौहार खत्म नहीं होते हर दिन किसी न किसी पावन पर्व से जुड़े उत्सव की धूम रहती है । रक्षाबंधन ,तीज , दशहरा अभी हाल ही में बीते दिवाली के बाद अब सूर्य साधना का महापर्व छठ मनाया जा रहा है , अभी उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जा रहा है । आपको बता दें कि सूर्य उपासना का महापर्व छठ में उगते और डूबते सूर्य की आराधना की जाती है । एक कहावत है की उगते हुए सूर्य को सभी प्रणाम करते हैं लेकिन डूबते हुए सूर्य को कोई नहीं करते लेकिन इस महापर्व में उस कहावत को पूरी तरह झुठला दिया जाता है । छठ पर्व में डूबते सूर्य और उगते हुए सूर्य की आराधना की जाती है ।


कहलगांव भोलसर पंचायत के गंगा घाट में व्रती पानी में खड़े होकर भगवान सूर्य की दर्शन होते ही अर्ध्य दिया जा रहा है हर कोई उत्साहित होकर हिस्सा ले रहे हैं ,उदयीमान सूर्य को अर्ध्य देने के साथ ही 4 दिनों तक चलने वाला इस महापर्व का समापन हो जाएगा । इसके बाद व्रती अन्य जल ग्रहण करेगी । इससे पहले
गंगा घाट के पानी में छठ व्रती हाथ जोड़कर सूर्य भगवान से आराधना कर की और उनसे दर्शन देने की प्रार्थना कर रही थी ।
अभी पूरा वातावरण भक्ति में बना हुआ है । चारों तरफ छठी माई के गीत बज रहे हैं । बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई इस महापर्व में भागीदारी कर रहे हैं । देर रात से ही घरों की महिलाएं और पुरुष माथे पर डाला लेकर विभिन्न घाटों पर पहुंचे । घर की महिलाएं गोईठा पर आग लिए सूती ,साड़ी , माथे पर सिंदूर का बड़ा सा टीका लगाए छठ गीत गाते हुए घाट पर पहुंची ,जहां वे पानी में खड़ा होकर पहले दिन डूबते हुए सूर्य को और आज उदयीमान सूर्य को अर्ध्य दे रही है ।





Body:पंजाब के भटिंडा से पहली बार छठ मनाने के लिए पहुंची रेशमी कुमारी ने बताया कि उन्होंने छठ के बारे में सुना था लेकिन वो पहली बार जब यह यहां आकर देख रही तो काफी एक्साइटमेंट महसूस कर रही है । उन्होंने कहा कि सब मिलकर यहां जिस तरह से त्यौहार को मना रहे हैं यह काफी उत्साहित करने वाली लग रही है । उन्होंने कहा कि आज भगवान सूर्य को अर्ध्य देखकर अपने परिवार की सुख ,शांति और समृद्धि की कामना की है ।


श्रद्धालु भारती कुमारी ने कहा कि वे हर वर्ष अपने मां के घर छठ मनाने के लिए देवघर से आती है । उन्होंने कहा कि यही एक त्यौहार है जिसमें घर के सारे सदस्य एक साथ इकट्ठा होते हैं और काफी धूमधाम से त्योहार को मनाते हैं । उन्होंने कहा कि आज भगवान सूर्य की आराधना कर देश सहित अपने परिवार की सुख-शांति की कामना की ।


Conclusion:visual ptc

byte - रेशमी कुमारी ( पंजाब की श्रद्धालु )
byte - भारती कुमारी ( श्रद्धालु )
Last Updated : Nov 3, 2019, 2:10 PM IST
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