भागलपुर: जिले के बहादुरपुर स्थित बिहार स्पन सिल्क मिल परिसर को सिल्क सिटी के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है. इसी को लेकर फैक्ट्री में पड़े पुराने मशीन और सामान को हटाया जा रहा है, लेकिन वहीं विरोध भी शुरू हो गया है.
फैक्ट्री में काम करने वाले रिटायर्ड फोर्थ ग्रेड के कर्मचारियों ने सामान ले जाने से रोक दिया. कर्मचारियों ने मांग किया कि पहले उनका बकाया वेतन का भुगतान किया जाए. इसके बाद यहां से कोई भी सामान को ले जाने दिया जाएगा. बता दें कि सिल्क फैक्ट्री को प्राइवेट कंपनी के हाथ लीज पर दे दिया गया है.
'कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हुआ भुगतान'
रिटायर्ड कर्मचारी जय नारायण सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि यहां के कर्मचारी का भुगतान किया जाए. 2018 मार्च तक का पेमेंट बनाकर देने का निर्देश दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी यहां के अधिकारी वेतन का भुगतान नहीं कर रहे है. कर्मचारियों ने मिल के जनरल मैनेजर को लिखित आवेदन दिया और मांग किया है कि पहले बकाया वेतन का भुगतान करवाया जाए. इसके बाद यहां से समान ले जाने दिया जाएगा.
रिटायर्ड कर्मचारी विजय कुमार ने कहा कि मुझे जानकारी मिली कि मील से सारा सामान और मशीन हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि किसी प्राइवेट कंपनी को यह फैक्ट्री लीज पर दे दिया गया है. अब हम लोगों को डर है कि हमारा बकाया भुगतान नहीं होगा. इसलिए हम लोगों ने यहां से ले जा रहे सामान को रोक दिया.
'पैसा नहीं मिलने की आशंका'
बता दें कि सिल्क फैक्ट्री में करीबन 375 कर्मचारी काम करते थे, आधे से ज्यादा कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से 25 की संख्या में अभी भी वेतनभोगी हैं. 10 कर्मचारी अभी तक कंपनी में कार्यरत हैं. फैक्ट्री को लीज पर दिए जाने के बाद कर्मचारियों को आशंका है कि उनको पैसा नहीं मिलेगा और उनका वेतन का पैसा डूब जाएगा. इसलिए विरोध करते हुए उन्होंने यहां से सामान ले जाने से रोक दिया.