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भागलपुरः यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए छापेमारी दल का गठन

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Published : Jun 18, 2020, 5:14 PM IST

भागलपुर में यूरिया के कालाबाजारी को रोकने के लिए एक छापेमारी दल का गठन किया गया है. जो खरीफ के मौसम में निगरानी करेगी. जिले में यूरिया व अन्य उर्वरकों की कमी नहीं है. कमी होने पर बिहार के कृषि निदेशक से उर्वरक की मांग की जाएगी.

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भागलपुरः जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक होने के बाद उर्वरक की कालाबाजारी को रोकने के लिए एक टीम का गठन किया गया है. खरीफ के मौसम में यह टीम लगातार निगरानी करेगी. साथ ही उर्वरक की जांच के लिए सैंपल एकत्रित करेगी.

छापेमारी दल का गठन
बता दें कि बीते दिनों जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में की गई थी. बैठक में सांसद अजय कुमार मंडल ने यूरिया की कालाबाजारी और यूरिया की उपयोग ईट-भट्ठे और शराब बनाने आदि में करने की बात कही थी. इसको लेकर सावधान रहने की भी आवश्यकता जताई थी और कहा था कि खरीफ मौसम में उर्वरक के कालाबाजारी की अधिक संभावना है. ऐसे में उन्हें रोकने के लिए एक टीम गठन करने की बात उन्होंने कही थी. जिसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी ने छापेमारी दल का गठन किया.

देखें पूरी रिपोर्ट

यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए किया गया गठन
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने कहा कि जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में सांसद अजय कुमार मंडल ने ईट-भट्टे और शराब बनाने में यूरिया के उपयोग होने का मामला उठाया था. जिसके बाद जिलाधिकारी ने उस पर छापेमारी टीम का गठन करने का निर्देश दिया था. अभी खरीफ का मौसम शुरू नहीं हुआ है, फिर भी छापेमारी दल का गठन कर लिया गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि रबि के मौसम में 83 खाद दुकानों में छापेमारी की गई. जिसमें तीन खाद दुकानों का लाइसेंस रद्द भी किया गया. यदि यूरिया की कालाबाजारी की कहीं से शिकायत मिलती है तो वहां पर भी हम लोग कार्रवाई करेंगे.

बिहार में यूरिया व अन्य उर्वरकों की नहीं है कमी
कृष्णकांत झा ने बैठक में यह जानकारी दिया कि जिले में यूरिया व अन्य उर्वरकों की कमी नहीं है. कमी होने पर बिहार के कृषि निदेशक से उर्वरक की मांग की जाएगी. उर्वरक की कमी और अधिक मूल्य पर बिक्री की शिकायत अभी तक कहीं से नहीं मिला है, मिलने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

भागलपुरः जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक होने के बाद उर्वरक की कालाबाजारी को रोकने के लिए एक टीम का गठन किया गया है. खरीफ के मौसम में यह टीम लगातार निगरानी करेगी. साथ ही उर्वरक की जांच के लिए सैंपल एकत्रित करेगी.

छापेमारी दल का गठन
बता दें कि बीते दिनों जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक जिलाधिकारी प्रणव कुमार की अध्यक्षता में की गई थी. बैठक में सांसद अजय कुमार मंडल ने यूरिया की कालाबाजारी और यूरिया की उपयोग ईट-भट्ठे और शराब बनाने आदि में करने की बात कही थी. इसको लेकर सावधान रहने की भी आवश्यकता जताई थी और कहा था कि खरीफ मौसम में उर्वरक के कालाबाजारी की अधिक संभावना है. ऐसे में उन्हें रोकने के लिए एक टीम गठन करने की बात उन्होंने कही थी. जिसके बाद जिला कृषि पदाधिकारी ने छापेमारी दल का गठन किया.

देखें पूरी रिपोर्ट

यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए किया गया गठन
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने कहा कि जिला उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में सांसद अजय कुमार मंडल ने ईट-भट्टे और शराब बनाने में यूरिया के उपयोग होने का मामला उठाया था. जिसके बाद जिलाधिकारी ने उस पर छापेमारी टीम का गठन करने का निर्देश दिया था. अभी खरीफ का मौसम शुरू नहीं हुआ है, फिर भी छापेमारी दल का गठन कर लिया गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि रबि के मौसम में 83 खाद दुकानों में छापेमारी की गई. जिसमें तीन खाद दुकानों का लाइसेंस रद्द भी किया गया. यदि यूरिया की कालाबाजारी की कहीं से शिकायत मिलती है तो वहां पर भी हम लोग कार्रवाई करेंगे.

बिहार में यूरिया व अन्य उर्वरकों की नहीं है कमी
कृष्णकांत झा ने बैठक में यह जानकारी दिया कि जिले में यूरिया व अन्य उर्वरकों की कमी नहीं है. कमी होने पर बिहार के कृषि निदेशक से उर्वरक की मांग की जाएगी. उर्वरक की कमी और अधिक मूल्य पर बिक्री की शिकायत अभी तक कहीं से नहीं मिला है, मिलने पर कार्रवाई भी की जाएगी.

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