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PUBG खेलते-खेलते बेटे ने लगा ली फांसी, सुसाइड नोट में लिखा-'Sorry मम्मी-पापा'

आज शायद ही ऐसा कोई घर बचा हो जहां पर बच्चे ऑनलाइन गेम्स ना खेलते हो. मां-बाप भी बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें मोबाइल में व्यस्त कर देते हैं. लेकिन, इसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है.

पब्जी
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Published : Jun 8, 2019, 9:07 PM IST

भागलपुर: भारतीय बच्चों में इन दिनों मोबाइल गेम और कंप्यूटर गेम का जबरदस्त क्रेज है. इन ऑनलाइन गेम्स में पब्जी का नाम बेशुमार है. इस गेम की दीवानगी युवाओं के बीच चरम पर है. गेम में हारने के बाद बच्चे अपनी जान तक दे रहे हैं. देश के कई हिस्सों में इस गेम का शिकार होने की खबरें रोज छप रही हैं.

चाइनीज मेड गेम पब्जी भारत के बच्चे और युवाओं के जिंदगी में जहर घोल रहा है. बीते दिन भागलपुर में भी इस किलर गेम पब्जी ने एक बच्चे की जान ले ली. बताया जा रहा है कि भागलपुर के दाऊदबाट निवासी रामविलास यादव का इकलौता पुत्र पीयूष कुमार ने इस गेम की खातिर फांसी लगा ली.

एसएसपी और गेम डेवलपर का बयान

ताजा मामला
मृतक गेम एडिक्ट पीयूष ने अस साल प्रथम श्रेणी से इंटर पास किया था. घटना की सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की तो कारणों का खुलासा हुआ. पीयूष दिन भर पब्जी खेलने में ही मशगूल रहता था. घटना के दिन पीयूष छत पर पब्जी खेल रहा था. उसकी मां ने कई बार पीयूष को खाना खाने के लिए आवाज दिया. लेकिन, पीयूष नहीं आया. बाद में पीयूष के पिता ने भी उसे फटकारा और गेम नहीं खेलने की नसीहत दी. परेशान होकर पीयूष सोने चला गया और बाद में उसने फांसी लगा ली. पीयूष ने खुदकुशी करने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उसने लिखा सॉरी मम्मी पापा. अपने खुदकुशी के लिए उसने किसी को जिम्मेदार नहीं बताया. इस तरह एक मां-बाप की इकलौती औलाद ने मोबाइल गेम की वजह से अपनी जान दे दी.

गेम डेवलपर हर्ष का बयान
पिछले 2 वर्षों से पब्जी गेम खेल रहे हर्ष कहते हैं कि गेम को गेम की तरह ही खेलना चाहिए. इसे बहुत दिल पर लेने की जरूरत नहीं है. लेकिन, यह गेम एक ऐसा गेम है जिसमें आप अपने दोस्तों के साथ बात करते हुए गेम खेलते हैं. अगर दोस्त का सैनिक मर जाता है और उसे उसका दोस्त रिवाइव नहीं करता है तो उसके बदले में दोस्त काफी गंदी-गंदी गालियां देता है. साथ ही पागल की तरह करने लगता है. ऐसे में प्लेयर गेम को अपनी जिंदगी से जोड़ कर देखने लगता है.

bhagalpur
चाइनीज मेड गेम पब्जी

माता-पिता को बच्चे पर ध्यान देने की जरूरत
आज शायद ही ऐसा कोई घर बचा हो जहां पर बच्चे ऑनलाइन गेम्स ना खेलते हो. मां-बाप भी बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें मोबाइल में व्यस्त कर देते हैं. लेकिन, इसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है. बच्चा इस कदर गेम में डूब जाता है कि वह खुद को गेम का करैक्टर समझने लगता है.

SSP ने की अभिभावकों से अपील
ज्ञात हो कि पब्जी गेम से गेम बनाने वाले को तो लाखों करोड़ों रुपए की कमाई रोज करते हैं. लेकिन, भारत में अपने बच्चे को मोबाइल देकर पीछा छुड़ाने वाले मां-बाप की जिंदगी सुनी हो रही है. ताजा सुसाइड के मामले में भागलपुर एसएसपी आशीष भारती ने सभी लोगों से अपील की है कि वह अपने बच्चों पर नजर रखें और इस तरह की घटनाओं के रोकथाम के लिए बच्चों को इन किलर गेम्स से दूर रखें.

भागलपुर: भारतीय बच्चों में इन दिनों मोबाइल गेम और कंप्यूटर गेम का जबरदस्त क्रेज है. इन ऑनलाइन गेम्स में पब्जी का नाम बेशुमार है. इस गेम की दीवानगी युवाओं के बीच चरम पर है. गेम में हारने के बाद बच्चे अपनी जान तक दे रहे हैं. देश के कई हिस्सों में इस गेम का शिकार होने की खबरें रोज छप रही हैं.

चाइनीज मेड गेम पब्जी भारत के बच्चे और युवाओं के जिंदगी में जहर घोल रहा है. बीते दिन भागलपुर में भी इस किलर गेम पब्जी ने एक बच्चे की जान ले ली. बताया जा रहा है कि भागलपुर के दाऊदबाट निवासी रामविलास यादव का इकलौता पुत्र पीयूष कुमार ने इस गेम की खातिर फांसी लगा ली.

एसएसपी और गेम डेवलपर का बयान

ताजा मामला
मृतक गेम एडिक्ट पीयूष ने अस साल प्रथम श्रेणी से इंटर पास किया था. घटना की सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की तो कारणों का खुलासा हुआ. पीयूष दिन भर पब्जी खेलने में ही मशगूल रहता था. घटना के दिन पीयूष छत पर पब्जी खेल रहा था. उसकी मां ने कई बार पीयूष को खाना खाने के लिए आवाज दिया. लेकिन, पीयूष नहीं आया. बाद में पीयूष के पिता ने भी उसे फटकारा और गेम नहीं खेलने की नसीहत दी. परेशान होकर पीयूष सोने चला गया और बाद में उसने फांसी लगा ली. पीयूष ने खुदकुशी करने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उसने लिखा सॉरी मम्मी पापा. अपने खुदकुशी के लिए उसने किसी को जिम्मेदार नहीं बताया. इस तरह एक मां-बाप की इकलौती औलाद ने मोबाइल गेम की वजह से अपनी जान दे दी.

गेम डेवलपर हर्ष का बयान
पिछले 2 वर्षों से पब्जी गेम खेल रहे हर्ष कहते हैं कि गेम को गेम की तरह ही खेलना चाहिए. इसे बहुत दिल पर लेने की जरूरत नहीं है. लेकिन, यह गेम एक ऐसा गेम है जिसमें आप अपने दोस्तों के साथ बात करते हुए गेम खेलते हैं. अगर दोस्त का सैनिक मर जाता है और उसे उसका दोस्त रिवाइव नहीं करता है तो उसके बदले में दोस्त काफी गंदी-गंदी गालियां देता है. साथ ही पागल की तरह करने लगता है. ऐसे में प्लेयर गेम को अपनी जिंदगी से जोड़ कर देखने लगता है.

bhagalpur
चाइनीज मेड गेम पब्जी

माता-पिता को बच्चे पर ध्यान देने की जरूरत
आज शायद ही ऐसा कोई घर बचा हो जहां पर बच्चे ऑनलाइन गेम्स ना खेलते हो. मां-बाप भी बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें मोबाइल में व्यस्त कर देते हैं. लेकिन, इसका दुष्प्रभाव धीरे-धीरे बच्चों को अपना शिकार बना रहा है. बच्चा इस कदर गेम में डूब जाता है कि वह खुद को गेम का करैक्टर समझने लगता है.

SSP ने की अभिभावकों से अपील
ज्ञात हो कि पब्जी गेम से गेम बनाने वाले को तो लाखों करोड़ों रुपए की कमाई रोज करते हैं. लेकिन, भारत में अपने बच्चे को मोबाइल देकर पीछा छुड़ाने वाले मां-बाप की जिंदगी सुनी हो रही है. ताजा सुसाइड के मामले में भागलपुर एसएसपी आशीष भारती ने सभी लोगों से अपील की है कि वह अपने बच्चों पर नजर रखें और इस तरह की घटनाओं के रोकथाम के लिए बच्चों को इन किलर गेम्स से दूर रखें.

Intro:CHINA NE BHARAT KE YVAON KI JINDAGI ME GHOLA JAHAR PUBG GAME BANA KILLER GAME BHAGALPUR KE BACHHE NE KI KHUDKHUSHI SSP NE KAHA ABHIBHAWAK RAKHEN APNE BACHHE PAR NAZAR

इन दिनों भारत में मोबाइल गेम और कंप्यूटर गेम को लेकर जबरदस्त क्रेज़ बच्चे और युवाओं के बीच में देखने को मिला है गेम की दीवानगी इस कदर है कि गेम में हारने के बाद बच्चे अपनी जान तक दे रहे हैं जी हां ताजा मामला चाइना मेड गेम पब्जी को लेकर है किस तरह से चाइना भारत के बच्चे और युवाओं के जिंदगी में जहर घोल रहा है और बड़े आराम से मौत की नींद सुला रहा है और बच्चे के मां बाप अपने बिजी लाइफ में मशगूल हैं बीते दिन भागलपुर में भी चाइना निर्मित किलर गेम पब्जी ने एक बच्चे की जान ले ली है बताया जा रहा है कि भागलपुर के दाऊदबाट इलाके के रामविलास यादव का इकलौता पुत्र पियूष कुमार ने गले में फंदा डालकर अपनी जान दे दी है इसी साल पीयूष ने प्रथम श्रेणी से इंटर पास किया था घटना की सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की तो पता चला की पियूष बी पब्जी गेम को लेकर काफी क्रेज़ी था और दिन भर पब्जी गेम खेलने में ही मशगूल रहता था बीते रात पियूष छत पर पब्जी गेम खेल रहा था मां ने कई बार पीयूष को आवाज देकर खाना खाने के लिए बुलाया लेकिन क्यों इस कदर गेम में मशगूल था उसने मां को सीधे तौर पर कह दिया कि मेरा मूड नहीं है अभी मैं काफी टेंशन में हूं खाना नहीं खाऊंगा पीयूष के इस बात की जानकारी जैसे ही उसके पिता को लगी तो पिता ने भी पियूष को डाटा और इस तरह से क्रेजी बनकर गेम नहीं खेलने की नसीहत भी दी फिर वह अपने कमरे में सोने चला गया और पीयूष ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी कर लिया पीयूष ने खुदकुशी करने के पहले सुसाइड नोट भी लिखा जिसमें अपने खुदकुशी के लिए उसने किसी को जिम्मेदार नहीं बताया उसने अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि वह अपने पूरे होशो हवास में आत्महत्या कर रहा है । आप सोच सकते हैं जिस मां-बाप की इकलौती औलाद एक मोबाइल गेम की वजह से सुसाइड कर ले वैसे मां बाप की क्या हालत हो रही होगी यह कोई नई बात नहीं है शायद ही ऐसा कोई घर बचा हो जहां पर मोबाइल में बच्चे गेम नहीं खेल रहे हैं मां-बाप बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उसे मोबाइल पकड़ा कर गेम में व्यस्त कर देते हैं लेकिन इसका जानलेवा असर धीरे धीरे बच्चों को अपने आगोश में लेना शुरू कर देता है वह इस कदर गेम में डूब जाता है कि खुद को गेम का करैक्टर समझने लगता है और इसी तरह से भी उसके साथ भी हुआ पब्जी गेम में सैनिक के मरने के बाद पीयूष काफी दुखी था और इसी वजह से उसने आत्महत्या कर ली ।



Body:पिछले 2 वर्षों से पब्जी गेम खेल रहे हर्ष कहते हैं कि गेम को गेम की तरह ही खेलना चाहिए इसे बहुत दिल पर लेने की जरूरत नहीं है लेकिन यह गेम एक ऐसा गेम है जिसमें अपने दोस्तों के साथ बात करते हुए इस गेम को खेला जा सकता है और इस गेम में ऐसा भी होता है कि अगर दोस्त का सैनिक मर जाता है और उसे उसका दोस्त रिवाइव नहीं करता है तो उसके बदले में दोस्त का भी गंदी गंदी गालियां देता है और पागल की तरह करने लगता है गेम को पूरी तरह से अपनी जिंदगी के से भावनाओं से जुड़कर इन दिनों युवा वर्ग चाइना के किलर गेम पब्जी में समा चुका है जिसका असर आए दिन देखने को मिलता है यह कोई नया मामला नहीं है कि गेम की वजह से बच्चे ने सुसाइड किया है ऐसा गेम पहले भी आ चुका है इसमें जरूरत है अभिभावकों के जागरूक रहने की और अपने बच्चों पर विशेष निगाह रखने की और साथ ही साथ बच्चों को मोबाइल देकर पीछा छुड़ाने के बजाय बच्चों के साथ रहने की कोशिश करें ताकि बच्चों की जिंदगी पब्जी जैसे किलर गेम के वजह से खत्म ना हो जाए ।


Conclusion:इन दिनों आधुनिक जीवन शैली में हर एक घर में मोबाइल फोन होने की वजह से सभी लोग टाइम पास करने के लिए मोबाइल में गेम का इस्तेमाल करते हैं खासकर बच्चे और युवा तू पूरी तरह से क्रेज़ी की तरह गेम को खेलते हैं और पूरी तरह से गेम के कैरेक्टर में समा जाते हैं चाइना के द्वारा निर्मित किया हुआ पब्जी गेम से गेम बनाने वाले को तो लाखों करोड़ों रुपए की कमाई रोज हो जाती है लेकिन भारत में अपने बच्चे को मोबाइल देकर पीछा छुड़ाने वाले मां-बाप की जिंदगी सुनी हो रहे हैं गेम की वजह से बच्चे सुसाइड कर रहे हैं यूज के सुसाइड के मामले में भागलपुर के एसएसपी आशीष भारती ने सभी लोगों से एक अपील की है कि अपने बच्चों पर नजर रखें और इस तरह कि घटना ना हो इसलिए बच्चों को ऐसे किलर गेम से दूर रखें ।

बाइट: आशीष भारती एसएससी भागलपुर
बाइट :हर्ष गेम डेवलपर एंड पब्जी गेम प्लेयर
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