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विवाद बढ़ा तो विधायक ललन पासवान बोले- 'मैं सनातनी हूं, देवी-देवताओं में मेरी गहरी आस्था'

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Published : Oct 21, 2022, 2:40 PM IST

बिहार के भागलपुर के पीरपैंती के बीजेपी विधायक ललन पासवान के विवादित बयान पर सियासी हंगामा मच गया. बीजेपी विधायक ने खहा था कि क्या मुस्लिम लक्ष्मी नहीं पूजते तो क्या धनवान नहीं है. दूसरी तरफ उन्होंने मां का मृत्यु भोज कराने से इनकार किया था लेकिन एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें घर पर श्राद्ध कर्म के दिन भोज का आयोजन किया गया. अब श्राद्ध भोज के विरोध में प्रण लेकर खुद ललन पासवान घिर गए है. हालांकि उन्होंने इसे विरोधियों की साजिश बताया है. पढ़ें पूरी खबर

lalan paswan
lalan paswan

भागलपुर: पीरपैंती के बीजेपी विधायक ललन पासवान (BJP MLA Lalan Paswan) ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से मुझ पर हिंदू देवी देवताओं के विरोध में बयान देने का आरोप लगाते हुए मेरे कुछ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मेरी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. मैं जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करता हूं उसी बीजेपी व आरएसएस के कारण कल तक अछूत कहकर संबोधित किये जाने वाले दलितों व महादलितों को सनातन धर्म के साथ आत्मसात कराने में अहम भूमिका निभायी है.

ये भी पढ़ें - BJP विधायक बोले- 'मुस्लिम देवी लक्ष्मी को नहीं मानते, तो क्या वे करोड़पति-अरबपति नहीं हैं'

बीजेपी विधायक गुरुवार को अपनी मां के पिंडदान के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान ललन पासवान ने कहा कि बीजेपी ने हिंदू समाज में व्याप्त जाति-पाती, छुआ-छूत व वर्णभेद को समाप्त किया है. उन्होंने कहा कि मैंने यह कहा था कि मैं मृत्युभोज को एक सामाजिक बोझ समझता हूं, लेकिन मुझसे कर्मकांड और पिंडदान को भी सामाजिक बुराई बताते हुए इसका बहिष्कार करने को कहा. उसी दौरान मां लक्ष्मी, मां सरस्वती व बजरंगबली का उद्धरण देते हुए कहा था कि जो इन्हें नहीं मानते हैं, वे भी धनी, विद्वान व बलशाली होते हैं.

''यह उनकी आस्था है. मानने वालों के लिए देव और नहीं मानने वालों के लिए पत्थर है. मैं अपने मृत परिजनों के पिंडदान व अन्य कर्मकांड को अपनी आस्था का विषय मानता हूं. अपनी मां के श्राद्ध पर सिर्फ घाट पर जानेवालों और अपने परिजनों व स्वजनों को ही भोज में आमंत्रित किया और धार्मिक कर्मकांड पूरा किया.'' - ललन पासवान, बीजेपी विधायक, पीरपैंती

'मैं पूरी तरह से सनातनी हूं' : बीजेपी विधायक ने कहा कि वायरल वीडियो में मेरे बयान का आंशिक भाग पोस्ट कर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई है. मैं पूरी तरह से सनातनी हूं ओर देवी-देवताओं में मेरी गहरी आस्था है. यह ऐसे लोगों की करतूत है, जिन्होंने मुझे विधानसभा चुनाव में हराने के लिए हरसंभव प्रयास किया था.

ललन पासवान इस बयान पर हुआ था विवाद : पीरपैंती विधायक ललन पासवान ने अपने बयान में कहा था कि अगर मुस्लिम लक्ष्मी को नहीं मानते (lalan paswan controversy on hindu god) हैं, तो क्या वह करोड़पति-अरबपति नहीं हैं. यह बयान ललन पासवान ने अपनी मां की मृत्यु के पश्चात श्राद्ध कर्म के मुद्दे पर दी. उन्होंने मृत्यु भोज को समाज की कुरीति (Lalan Paswan boycotted death feast) कहकर इसके बहिष्कार करने आह्वान किया.

''ऐसी मान्यता है कि सरस्वती पूजा की देवी है. अब ये बताएं कि क्या मुसलमान विद्वान नहीं होते. क्या वो आईएएस-आईपीएस नहीं बनते. ये मान्यता है कि लक्ष्मी की पूजा करने से धन होता है. दीपावली अभी आ रही है. अब ये बताएं क्या मुसलमान के पास धन नहीं होता. क्या वो अरबपति-खरबपति नहीं होते? ये मान्यता है कि बजरंगबली शक्ति वाले देवता हैं और ताकत प्रदान करते हैं. मुसलमान या क्रिश्चन लोग पूजा नहीं करते तो क्या ताकत नहीं है. जिस दिन आप मानना बंद कर देंगे ये सब बीमारी खत्म हो जाएगी.'' - ललन पासवान, बीजेपी विधायक, पीरपैंती

भोजन के लिए जुटी भीड़, उठे सवाल : ललन कुमार ने श्राद्ध भोज को गलत बताया था और इसे इसे आयोजित नहीं करने का प्रण लिया था. लेकिन एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है कि जिसमें ललन पासवान की मां की तेरहवीं के दिन उनके यहां भोजन के लिए भीड़ जुटी हुई है. ऐसे में अब सोशल मीडिया पर उन तस्वीरों को लेकर लोग सवाल पूछ रहे हैं.

भागलपुर: पीरपैंती के बीजेपी विधायक ललन पासवान (BJP MLA Lalan Paswan) ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों से मुझ पर हिंदू देवी देवताओं के विरोध में बयान देने का आरोप लगाते हुए मेरे कुछ राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मेरी छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं. मैं जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व करता हूं उसी बीजेपी व आरएसएस के कारण कल तक अछूत कहकर संबोधित किये जाने वाले दलितों व महादलितों को सनातन धर्म के साथ आत्मसात कराने में अहम भूमिका निभायी है.

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बीजेपी विधायक गुरुवार को अपनी मां के पिंडदान के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान ललन पासवान ने कहा कि बीजेपी ने हिंदू समाज में व्याप्त जाति-पाती, छुआ-छूत व वर्णभेद को समाप्त किया है. उन्होंने कहा कि मैंने यह कहा था कि मैं मृत्युभोज को एक सामाजिक बोझ समझता हूं, लेकिन मुझसे कर्मकांड और पिंडदान को भी सामाजिक बुराई बताते हुए इसका बहिष्कार करने को कहा. उसी दौरान मां लक्ष्मी, मां सरस्वती व बजरंगबली का उद्धरण देते हुए कहा था कि जो इन्हें नहीं मानते हैं, वे भी धनी, विद्वान व बलशाली होते हैं.

''यह उनकी आस्था है. मानने वालों के लिए देव और नहीं मानने वालों के लिए पत्थर है. मैं अपने मृत परिजनों के पिंडदान व अन्य कर्मकांड को अपनी आस्था का विषय मानता हूं. अपनी मां के श्राद्ध पर सिर्फ घाट पर जानेवालों और अपने परिजनों व स्वजनों को ही भोज में आमंत्रित किया और धार्मिक कर्मकांड पूरा किया.'' - ललन पासवान, बीजेपी विधायक, पीरपैंती

'मैं पूरी तरह से सनातनी हूं' : बीजेपी विधायक ने कहा कि वायरल वीडियो में मेरे बयान का आंशिक भाग पोस्ट कर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई है. मैं पूरी तरह से सनातनी हूं ओर देवी-देवताओं में मेरी गहरी आस्था है. यह ऐसे लोगों की करतूत है, जिन्होंने मुझे विधानसभा चुनाव में हराने के लिए हरसंभव प्रयास किया था.

ललन पासवान इस बयान पर हुआ था विवाद : पीरपैंती विधायक ललन पासवान ने अपने बयान में कहा था कि अगर मुस्लिम लक्ष्मी को नहीं मानते (lalan paswan controversy on hindu god) हैं, तो क्या वह करोड़पति-अरबपति नहीं हैं. यह बयान ललन पासवान ने अपनी मां की मृत्यु के पश्चात श्राद्ध कर्म के मुद्दे पर दी. उन्होंने मृत्यु भोज को समाज की कुरीति (Lalan Paswan boycotted death feast) कहकर इसके बहिष्कार करने आह्वान किया.

''ऐसी मान्यता है कि सरस्वती पूजा की देवी है. अब ये बताएं कि क्या मुसलमान विद्वान नहीं होते. क्या वो आईएएस-आईपीएस नहीं बनते. ये मान्यता है कि लक्ष्मी की पूजा करने से धन होता है. दीपावली अभी आ रही है. अब ये बताएं क्या मुसलमान के पास धन नहीं होता. क्या वो अरबपति-खरबपति नहीं होते? ये मान्यता है कि बजरंगबली शक्ति वाले देवता हैं और ताकत प्रदान करते हैं. मुसलमान या क्रिश्चन लोग पूजा नहीं करते तो क्या ताकत नहीं है. जिस दिन आप मानना बंद कर देंगे ये सब बीमारी खत्म हो जाएगी.'' - ललन पासवान, बीजेपी विधायक, पीरपैंती

भोजन के लिए जुटी भीड़, उठे सवाल : ललन कुमार ने श्राद्ध भोज को गलत बताया था और इसे इसे आयोजित नहीं करने का प्रण लिया था. लेकिन एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है कि जिसमें ललन पासवान की मां की तेरहवीं के दिन उनके यहां भोजन के लिए भीड़ जुटी हुई है. ऐसे में अब सोशल मीडिया पर उन तस्वीरों को लेकर लोग सवाल पूछ रहे हैं.

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