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निश्चय योजना में गड़बड़ी की जांच करने पहुंची पंचायती राज की टीम, कई दिनों से मिल रही थी शिकायत - पंचायती राज की टीम

बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग के मुख्यालय से आई एक टीम ने बुधवार को भागलपुर के सन्हौला प्रखंड के सनोखर पंचायत का जायजा लिया. जहां टीम ने नल-जल और गली-नाली योजना में हुई गड़बड़ियों के मामले का निरिक्षण किया.

Panchayati Raj team
पंचायती राज की टीम
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Published : Sep 24, 2020, 3:37 PM IST

भागलपुर: जिले के सनहौला प्रखंड के सनोखर पंचायत में मुखिया की ओर से अवैध तरीके से किए गए निकासी और विकास योजना में हुई लापरवाही को लेकर मिले शिकायत की जांच करने पंचायती राज विभाग टीम पहुंची. टीम ने सनोखर पंचायत में पहले से हुई जांच के फाइलों का अवलोकन किया और पंचायत का निरीक्षण किया. पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव ओमप्रकाश यादव और विभाग के अभियंता धीरज कुमार की 2 सदस्य टीम भागलपुर के सनोखर पंचायत में जांच कर रही है.

सनोखर पंचायत में जांच
बता दें कि पंचायत के मुखिया के खिलाफ पंचायत के वार्ड सदस्यों ने पंचायती राज विभाग से शिकायत किया था. शिकायत में बताया था कि नल जल और गली नाली योजना को सही तरीके से नहीं किया गया है और राशि का अवैध तरीके से निकासी कर लापरवाही बरती गई है. हालांकि, जांच टीम से पंचायत के प्रतिनिधि संतुष्ट नहीं थे और जांच के तौर-तरीके पर पंचायत के प्रतिनिधि ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर वापस चले गये. सनोखर पंचायत के उप मुखिया रविंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जांच टीम की ओर से जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है. जांच टीम ने ना वार्ड सदस्य और न ही हम लोगों से कोई पूछताछ किया. उन्होंने कहा कि जांच टीम केवल खानापूर्ति करने के लिए यहां पहुंची थी, न कोई कागजात देखा और ना ही सड़क की स्थिति का अवलोकन किया.

अनियमितता के सवाल पर साधी चुप्पी
मुखिया ने कहा कि नल जल योजना में जिस तरफ से अनियमितता बरती गई है. उससे भी देखना मुनासिब नहीं समझा. उन्होंने कहा कि जांच टीम से हम लोग संतुष्ट नहीं हैं हम लोग कोर्ट में भी याचिका दायर करेंगे.वहीं, पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव ओमप्रकाश यादव ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर जांच करने आए हैं. सनोखर पंचायत के नल जल और गली नाली योजना की जांच किया गया है. पूर्व में पंचायती राज अधिकारी की ओर से भी यहां पर जांच की गई थी. पंचायती राज कार्यालय से जांच की संचिका मंगा कर दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट को विभाग को सौपेंगे. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि पंचायत में अनियमितता बरती गई है या नहीं उस पर वह चुप्पी साध गए.

राशि निकासी और गबन करने की शिकायत
बता दें कि सनोखर पंचायत के वार्ड नंबर 10 के वार्ड सदस्य वीणा देवी ने मुखिया और पंचायत सचिव पर राशि की निकासी और गबन करने की शिकायत की थी. जिसकी जांच जिला लेखा अधिकारी, डीआरडीए के जिला वित्तीय प्रबंधक और लेखा अधिकारी की ओर से की गई. जांच प्रतिवेदन में 47 लाख 86 जहार रुपये के अवैध निकासी की बात कही गई है. वित्तीय अनियमितता के मामले में डीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सनोखर पंचायत के मुखिया को पदच्युत करने की अनुशंसा पंचायती राज विभाग से की है और साथ ही पंचायत के सचिव को निलंबित कर दिया है. इसी सिलसिले में जांच टीम सनोखर पंचायत पहुंची थी. इससे पहले भी 25 मई को सनोखर के मुखिया के ऊपर 53 लाख रुपये गबन करने का मामला भी सामने आया था. जिसकी जांच तत्कालीन पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने की थी और डीएम से मुखिया के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा की थी.

भागलपुर: जिले के सनहौला प्रखंड के सनोखर पंचायत में मुखिया की ओर से अवैध तरीके से किए गए निकासी और विकास योजना में हुई लापरवाही को लेकर मिले शिकायत की जांच करने पंचायती राज विभाग टीम पहुंची. टीम ने सनोखर पंचायत में पहले से हुई जांच के फाइलों का अवलोकन किया और पंचायत का निरीक्षण किया. पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव ओमप्रकाश यादव और विभाग के अभियंता धीरज कुमार की 2 सदस्य टीम भागलपुर के सनोखर पंचायत में जांच कर रही है.

सनोखर पंचायत में जांच
बता दें कि पंचायत के मुखिया के खिलाफ पंचायत के वार्ड सदस्यों ने पंचायती राज विभाग से शिकायत किया था. शिकायत में बताया था कि नल जल और गली नाली योजना को सही तरीके से नहीं किया गया है और राशि का अवैध तरीके से निकासी कर लापरवाही बरती गई है. हालांकि, जांच टीम से पंचायत के प्रतिनिधि संतुष्ट नहीं थे और जांच के तौर-तरीके पर पंचायत के प्रतिनिधि ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर वापस चले गये. सनोखर पंचायत के उप मुखिया रविंद्र कुमार सिंह ने कहा कि जांच टीम की ओर से जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई है. जांच टीम ने ना वार्ड सदस्य और न ही हम लोगों से कोई पूछताछ किया. उन्होंने कहा कि जांच टीम केवल खानापूर्ति करने के लिए यहां पहुंची थी, न कोई कागजात देखा और ना ही सड़क की स्थिति का अवलोकन किया.

अनियमितता के सवाल पर साधी चुप्पी
मुखिया ने कहा कि नल जल योजना में जिस तरफ से अनियमितता बरती गई है. उससे भी देखना मुनासिब नहीं समझा. उन्होंने कहा कि जांच टीम से हम लोग संतुष्ट नहीं हैं हम लोग कोर्ट में भी याचिका दायर करेंगे.वहीं, पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव ओमप्रकाश यादव ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर जांच करने आए हैं. सनोखर पंचायत के नल जल और गली नाली योजना की जांच किया गया है. पूर्व में पंचायती राज अधिकारी की ओर से भी यहां पर जांच की गई थी. पंचायती राज कार्यालय से जांच की संचिका मंगा कर दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट को विभाग को सौपेंगे. हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि पंचायत में अनियमितता बरती गई है या नहीं उस पर वह चुप्पी साध गए.

राशि निकासी और गबन करने की शिकायत
बता दें कि सनोखर पंचायत के वार्ड नंबर 10 के वार्ड सदस्य वीणा देवी ने मुखिया और पंचायत सचिव पर राशि की निकासी और गबन करने की शिकायत की थी. जिसकी जांच जिला लेखा अधिकारी, डीआरडीए के जिला वित्तीय प्रबंधक और लेखा अधिकारी की ओर से की गई. जांच प्रतिवेदन में 47 लाख 86 जहार रुपये के अवैध निकासी की बात कही गई है. वित्तीय अनियमितता के मामले में डीएम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सनोखर पंचायत के मुखिया को पदच्युत करने की अनुशंसा पंचायती राज विभाग से की है और साथ ही पंचायत के सचिव को निलंबित कर दिया है. इसी सिलसिले में जांच टीम सनोखर पंचायत पहुंची थी. इससे पहले भी 25 मई को सनोखर के मुखिया के ऊपर 53 लाख रुपये गबन करने का मामला भी सामने आया था. जिसकी जांच तत्कालीन पंचायती राज अधिकारी राजेश कुमार ने की थी और डीएम से मुखिया के ऊपर प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा की थी.

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