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भागलपुर: अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस तो शव को 'जुगाड़ गाड़ी' से परिजन ले गए घर

कोरोना संक्रमितों के मरने के बाद शव ढोने के लिए जुगाड़ गाड़ी का सहारा लिया जा रहा है, इसी बात से समझा जा सकता है कि हमारा सिस्टम कितना खोखला हो गया है. भागलपुर के मायागंज अस्पताल में एक युवक की मौत के बाद शव को ले जाने के लिए वाहन तक मुहैया नहीं कराया गया.

Mayaganj Hospital in Bhagalpur
Mayaganj Hospital in Bhagalpur
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Published : May 4, 2021, 1:06 PM IST

Updated : May 4, 2021, 1:44 PM IST

भागलपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करने से नहीं थकती है. लेकिन मौजूदा हालात ठीक इसके उलट है. बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की हालत भी काफी खराब है. यहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं है. मजबूरी में परिजन जुगाड़ गाड़ी पर अपनों के शवों को ढोने के लिए मजबूर हैं.

यह भी पढ़ें- संकट में मरीजों की सांस: ऑक्सीजन नहीं मिलने पर तड़प-तड़पकर युवक की मौत

मरने के बाद भी जुगाड़
अस्पताल परिसर में एक जुगाड़ गाड़ी की तस्वीर नजर आई. पोस्टमार्टम के बाद मजबूर होकर मृतक के परिजन शव को जुगाड़ गाड़ी से लेकर जा रहे थे. जब ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे बात की तो उन्होंने अपनी परेशानी बतायी. परिजनों ने बताया कि काफी इंतजार के बाद भी उन्हें एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया.

शव वाहन नसीब नहीं
भागलपुर के नाथनगर में बाइक पर सवार होकर बारात जाने के क्रम में एक सड़क हादसे में दो युवकों (ममेरे और फुफेरे भाई) की मौत हो गई थी. पोस्टमोर्टम के बाद उनका शव ले जाने के लिए वाहन नसीब नहीं हुआ.

बताया जाता है कि जगदीशपुर निवासी 25 वर्षीय विनोद मंडल और 22 वर्षीय शिवम कुमार गांव के एक बारात में शामिल होने बाइक पर सवार होकर जा रहे थे. तभी नाथनगर थाना क्षेत्र के दोगछि के पास सड़क हादसे में बाइक सवार एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरा युवक गम्भीर रूप से घायल हो गया. स्थानीय लोगों की मदद से उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई.

'दोनों युवकों की मौत कुछ ही घंटे के अंतराल पर हुई थी. इसके चलते दोनों युवकों के शव का पोस्टमोर्टम एक साथ ही कराना था. पोस्टमोर्टम के लिए ले जान और वहां से शव को घर तक ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की गयी. अस्पताल प्रबंधन ने यह कह कर टाल दिया कि शव वाहन बुक है, नहीं हो पायेगा. आप व्यवस्था खुद कर लीजिए.'- मनोज कुमार, मृतक के परिजन

जिले में एंबुलेंस का हाल
पोस्टमार्टम के बाद शव को एंबुलेंस नहीं मिलना स्वास्थ्य महकमे के लिए काफी सामान्य बात है. मायागंज अस्पताल में कुल 5 एम्बुलेन्स हैं जिसमे दो शववाहन के लिए हैं जबकि 3 एंबुलेंस मरीजों को लाने-ले जाने के लिए है. इन तीन एंबुलेंस में दो बड़ा और एक छोटा है.

जिले में कोविड-19 से निपटने के लिए कुल 35 एम्बुलेंस (102) कार्यरत हैं. इनमें 18 एंबुलेंस पशुपतिनाथ सम्मान फाउंडेशन एवं 17 एंबुलेंस जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा हस्तगत कराई गई है. जिला स्वास्थ्य समिति भागलपुर द्वारा हस्तगत कराई गई दो एंबुलेंस BR10PF-0968 एवं BR10PD 11185 दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण ऑफ रोड हैं.

'जब शव ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हुई तब थक-हारकर जुगाड़ टेक्नोलॉजी वाला ठेला मंगवाकर दोनों लाशों को पहले नौलखा स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ले गए. वहां पोस्टमोर्टम के बाद शवों को जुगाड़ गाड़ी से ही घर ले गए'- मनोज कुमार, मृतक के परिजन

यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: बिहार में 15 मई तक पूर्ण लॉकडाउन, नीतीश कुमार ने ट्वीट कर दी जानकारी

भागलपुर: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करने से नहीं थकती है. लेकिन मौजूदा हालात ठीक इसके उलट है. बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की हालत भी काफी खराब है. यहां पोस्टमॉर्टम के बाद शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं है. मजबूरी में परिजन जुगाड़ गाड़ी पर अपनों के शवों को ढोने के लिए मजबूर हैं.

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मरने के बाद भी जुगाड़
अस्पताल परिसर में एक जुगाड़ गाड़ी की तस्वीर नजर आई. पोस्टमार्टम के बाद मजबूर होकर मृतक के परिजन शव को जुगाड़ गाड़ी से लेकर जा रहे थे. जब ईटीवी भारत संवाददाता ने उनसे बात की तो उन्होंने अपनी परेशानी बतायी. परिजनों ने बताया कि काफी इंतजार के बाद भी उन्हें एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया.

शव वाहन नसीब नहीं
भागलपुर के नाथनगर में बाइक पर सवार होकर बारात जाने के क्रम में एक सड़क हादसे में दो युवकों (ममेरे और फुफेरे भाई) की मौत हो गई थी. पोस्टमोर्टम के बाद उनका शव ले जाने के लिए वाहन नसीब नहीं हुआ.

बताया जाता है कि जगदीशपुर निवासी 25 वर्षीय विनोद मंडल और 22 वर्षीय शिवम कुमार गांव के एक बारात में शामिल होने बाइक पर सवार होकर जा रहे थे. तभी नाथनगर थाना क्षेत्र के दोगछि के पास सड़क हादसे में बाइक सवार एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दूसरा युवक गम्भीर रूप से घायल हो गया. स्थानीय लोगों की मदद से उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई.

'दोनों युवकों की मौत कुछ ही घंटे के अंतराल पर हुई थी. इसके चलते दोनों युवकों के शव का पोस्टमोर्टम एक साथ ही कराना था. पोस्टमोर्टम के लिए ले जान और वहां से शव को घर तक ले जाने के लिए शव वाहन की मांग की गयी. अस्पताल प्रबंधन ने यह कह कर टाल दिया कि शव वाहन बुक है, नहीं हो पायेगा. आप व्यवस्था खुद कर लीजिए.'- मनोज कुमार, मृतक के परिजन

जिले में एंबुलेंस का हाल
पोस्टमार्टम के बाद शव को एंबुलेंस नहीं मिलना स्वास्थ्य महकमे के लिए काफी सामान्य बात है. मायागंज अस्पताल में कुल 5 एम्बुलेन्स हैं जिसमे दो शववाहन के लिए हैं जबकि 3 एंबुलेंस मरीजों को लाने-ले जाने के लिए है. इन तीन एंबुलेंस में दो बड़ा और एक छोटा है.

जिले में कोविड-19 से निपटने के लिए कुल 35 एम्बुलेंस (102) कार्यरत हैं. इनमें 18 एंबुलेंस पशुपतिनाथ सम्मान फाउंडेशन एवं 17 एंबुलेंस जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा हस्तगत कराई गई है. जिला स्वास्थ्य समिति भागलपुर द्वारा हस्तगत कराई गई दो एंबुलेंस BR10PF-0968 एवं BR10PD 11185 दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण ऑफ रोड हैं.

'जब शव ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं हुई तब थक-हारकर जुगाड़ टेक्नोलॉजी वाला ठेला मंगवाकर दोनों लाशों को पहले नौलखा स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ले गए. वहां पोस्टमोर्टम के बाद शवों को जुगाड़ गाड़ी से ही घर ले गए'- मनोज कुमार, मृतक के परिजन

यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: बिहार में 15 मई तक पूर्ण लॉकडाउन, नीतीश कुमार ने ट्वीट कर दी जानकारी

Last Updated : May 4, 2021, 1:44 PM IST
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