भागलपुर: बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो बयानों के कारण आलोचकों के निशाने पर रहे हैं. 7 नवंबर को महिला शिक्षा और जनसंख्या पर बोलते हुए नीतीश कुमार ने जिस तरीके के देशज शब्दों का इस्तेमाल और इशारे किये सदन में मौजूद कई सदस्य असहज हो गये. इस पर काफी बवाल मचा. अभी यह मामला ठंडा पड़ा भी नहीं था कि 9 नवंबर को मुख्यमंत्री ने जीतन राम मांझी से साथ तू-तड़ाक करके डांट फटकार लगायी.
भाजपा के निशाने पर नीतीश कुमारः जनसंख्या नियंत्रण वाले बयान पर नीतीश ने माफी मांग ली है, लेकिन जीतन राम मांझी के साथ किये गये व्यवहार पर मामला गरमाया हुआ है. भाजपा नेता लगातार इसकी निंदा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक कार्यक्रम में जीतन राम मांझी के साथ खड़े होने की बात कही थी. जीतन राम मांझी ने इसके लिए प्रधानमंत्री का आभार भी जताया. इसी क्रम में बिहपुर से भाजपा विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने नीतीश कुमार के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की.
"मुख्यमंत्री को पागलपन का दौर आता है, वह पूर्णरूपेण पगला चुके हैं. मुख्यमंत्री 2005 और 2010 में भी थे. उस वक्त बिहार को सीएम नीतीश के नाम से जाना जाता था. लेकिन जबसे राजद गठबंधन में गए हैं तब से वो पागल हो गए हैं. मुझे शंका है कि राजद के लोग कहीं ना कहीं खाने में जहर दे रहे हैं ताकि उनका दिमाग खराब हो और ये प्रधानमंत्री का जो सपना देखा है वो समाप्त हो जाए. यह जांच का विषय है. इसकी जांच होनी चाहिए."- इंजीनियर शैलेंद्र, भाजपा विधायक
नीतीश पर दलित विरोधी के आरोपः भाजपा विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार ने महिलाओं और दलितों को शर्मसार किया है. सदन में जीतनराम मांझी आरक्षण पर अपनी बात रख रहे थे तो वो भड़क गए. इंजीनियर शैलेंद्र ने कहा कि भाजपा मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करती है. बता दें कि सोमवार को पटना में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने प्रेस कांफेंस कर नीतीश कुमार को दलित विरोधी बताया था.
पढ़ेंः JDU MLA Gopal Mandal: 'उनका दिमाग ठीक नहीं, हमने मांझी को कभी भी मुख्यमंत्री नहीं माना', गोपाल मंडल का विवादित बयान
पढ़ेंः Nitish Vs Manjhi: नीतीश कुमार के खिलाफ धरने पर बैठे जीतन राम मांझी, कहा- 'माफी मांगें मुख्यमंत्री'