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भागलपुर: राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी समझौते से कई मामलों का हुआ निपटारा - Agreement

जिला जज ए.के. पांडे ने दीप जलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जो केस सुलह योग्य होते हैं उनका आपसी समझौता कर सहमति से मामले को समाप्त कर दिया जाता है.

भागलपुर
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Published : Jul 13, 2019, 5:58 PM IST

भागलपुर: जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था. इसमें कई मामलों का निपटारा किया गया. इस मौके पर जिले के कई अधिकारी मौजूद थे. इसको लेकर जिला जज ए.के. पांडेय ने बताया कि कई सारे ऐसे मामले जो सुलह होने वाले होते हैं. लोक अदालत में ऐसे मामले को आपसी सहमती से खत्म कर दिया जाता है.

जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाया गया था. इसका शुभारंभ जिला जज ए.के. पांडेय ने दीप जलाकर किया. इस मौके पर जिलाधिकारी प्रणव और एसएसपी आशीष भारती के साथ कई जजों ने लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी दी. इसमें कई केसों का भी निपटान किया गया. यह कोर्ट में केसों की संख्या को कम करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत की शुरुआत की गई थी.

राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

इससे कई मामले हुए खत्म
इस मौके पर जिला जज ए.के. पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में ज्यादातर मामले लेबर कोर्ट, नगर निगम, बैंकिंग लोन ,इंश्योरेंस, बिजली टेलीफोन और छोटे-मोटे अपराधिक मामले से जुड़ा होता है. जो सुलह योग्य होते हैं उनका आपसी समझौता के कर सहमति से मामले को समाप्त कर दिया जाता है.

इसको लेकर दोबारा अपील नहीं होता
राष्ट्रीय लोक अदालत सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और डिस्टिक कोर्ट में एक ही दिन आयोजित की जाती हैं. इस कोर्ट में निपटाए हुए मामले का दोबारा अपील नहीं होता है. देशभर में हर दो-तीन महीने पर राष्ट्रीय लोक अदालत लगाकर लंबित विवादों की संख्या को कम करने का प्रयास किया जाता है.

भागलपुर: जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया था. इसमें कई मामलों का निपटारा किया गया. इस मौके पर जिले के कई अधिकारी मौजूद थे. इसको लेकर जिला जज ए.के. पांडेय ने बताया कि कई सारे ऐसे मामले जो सुलह होने वाले होते हैं. लोक अदालत में ऐसे मामले को आपसी सहमती से खत्म कर दिया जाता है.

जिले में राष्ट्रीय लोक अदालत लगाया गया था. इसका शुभारंभ जिला जज ए.के. पांडेय ने दीप जलाकर किया. इस मौके पर जिलाधिकारी प्रणव और एसएसपी आशीष भारती के साथ कई जजों ने लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी दी. इसमें कई केसों का भी निपटान किया गया. यह कोर्ट में केसों की संख्या को कम करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत की शुरुआत की गई थी.

राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

इससे कई मामले हुए खत्म
इस मौके पर जिला जज ए.के. पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में ज्यादातर मामले लेबर कोर्ट, नगर निगम, बैंकिंग लोन ,इंश्योरेंस, बिजली टेलीफोन और छोटे-मोटे अपराधिक मामले से जुड़ा होता है. जो सुलह योग्य होते हैं उनका आपसी समझौता के कर सहमति से मामले को समाप्त कर दिया जाता है.

इसको लेकर दोबारा अपील नहीं होता
राष्ट्रीय लोक अदालत सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और डिस्टिक कोर्ट में एक ही दिन आयोजित की जाती हैं. इस कोर्ट में निपटाए हुए मामले का दोबारा अपील नहीं होता है. देशभर में हर दो-तीन महीने पर राष्ट्रीय लोक अदालत लगाकर लंबित विवादों की संख्या को कम करने का प्रयास किया जाता है.

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भागलपुर में भी आज राष्ट्रीय लोक अदालत लगाया गया जिसको लेकर व्यापक तौर पर तैयारी की गई भागलपुर के जिला जज ए के पांडे ने दीप जलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया इस मौके पर भागलपुर के जिला पदाधिकारी एसएसपी भागलपुर समय कई सहयोगी जजों के साथ राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी दी जानकारी देते हुए जिला जज ने बताया कई सारे ऐसे जो सुलह होने वाले भी होते हैं राष्ट्रीय लोक अदालत में ज्यादातर मामले लेबर कोर्ट, नगर निगम, बैंकिंग लोन ,इंश्योरेंस ,बिजली टेलीफोन एवं छोटे-मोटे अपराधिक विवाद जो सुलह योग्य होते हैं उनका आपसी समझौता के कर सहमति से मामले को समाप्त कर दिया जाता है राष्ट्रीय लोक अदालत सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट डिस्टिक कोर्ट एवं तालुका तक के न्यायालय एक ही दिन आयोजित की जाती है राष्ट्रीय लोक अदालत के द्वारा सुलह होने के बाद मुकदमों का कोई अपील नहीं होता है जिलारा किए गए सहयोग की भी सराहना की।


Body:भारत देश में बढ़ते हुए मुकदमों एवं सही समय पर उनका फैसला नहीं होने की वजह से न्यायिक प्रक्रिया में एक नई शुरुआत राष्ट्रीय लोक अदालत के तौर पर की गई है राष्ट्रीय लोक अदालत कई मामलों में कई ऐसे आपराधिक मामले जो सुलह होने के योग्य होते है तो उनका भी सुलह इस अदालत में किया जाता है देशभर में बढ़ते हुए मुकदमों का सही समय पर निबटारा ना होना एवं न्यायाधीश की कमी की वजह से करीबन ढाई करोड़ से ज्यादा केस पूरे देश भर में लंबित हो गए हैं जिसका सीधा असर मुकदमे से जूझ रहे लगभग ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों पर पड़ा है अपने सभी जरूरी काम छोड़कर कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाते लगाते लोग आर्थिक और मानसिक तौर पर काफी परेशान हो गए है नेशनल जुडिशल डाटा ग्रिड के आंकड़ों के अनुसार अगर हम बिहार के बात करें तो यहां पर भी लगभग 27 लाख 14000 से ज्यादा मामले लंबित पड़े हुए है नेशनल जुडिशल डाटा ग्रिड के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ भागलपुर में सिविल और क्रिमिनल केस मिलाकर करीब 86065 मामले लंबित है और सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि करीब 279 मामले 30 वर्ष पूर्व के हैं देश में सर्वाधिक मुकदमा वाले पांच राज्यों में बिहार चौथे पायदान पर है देश में उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल क्रमश पहले दूसरे और तीसरे नंबर पर है जबकि गुजरात बिहार के बाद पांचवें नंबर पर है मुकदमों की लगातार बढ़ रही बोझ न्यायाधीशों पर काफी ज्यादा होने की वजह से करीबन 3 वर्ष पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर सरेआम फफक कर रो पड़े थे । लंबित मुकदमों के निपटारे के लिए न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने करीबन 70000 जजों की जरूरत बताई थी।





Conclusion:न्यायाधीश की संख्या में कमी होने की वजह से लगातार मामले लंबित होते जा रहे हैं पिछले दशक में मुकदमों में लगभग 12 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि जज की संख्या सिर्फ 3 गुनी ही बढ़ी है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2040 तक सभी अदालतों को मिलाकर लंबित मुकदमों की संख्या लगभग 15 करोड़ के आस पास हो जाएगी। विधि आयोग की अनुशंसा के हिसाब से बिहार में 5190 जजों की और जरूरत है और किसी दूसरे अन्य राज्यों में इतने जजों की जरूरत नहीं है बिहार के अधिनस्थ न्यायालयों में 46 फ़ीसदी जजों के पद खाली पड़े हुए हैं।

बाईट:ए के पांडे जिला जज ,कोट टाई में ,
बाईट-प्रणव कुमार ,जिला पदाधिकारी ,भागलपुर
बाईट:आशीष भारती ,एसएसपी ,भागलपुर

कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य क्षमताओं के कारण न्याय पाने से वंचित नहीं रह जाए इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सबसे पहले 1980 में केंद्र सरकार के निर्देश पर पूरे देश में काफी सहायता बोर्ड की स्थापना की गई बाद में इसे कानूनी मान्यता देते हुए भारत सरकार में विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 पारित किया जो 9 नवंबर 1995 में लागू हो गया इस अधिनियम के अंतर्गत विधिक सहायता एवं लोक अदालत का संचालन का अधिकार राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को दिया गया । देशभर में हर दो-तीन महीने पर राष्ट्रीय लोक अदालत लगाकर लंबित विवादों की संख्या को कम करने का प्रयास किया जाता है ।इस मौके पर जिला जज एके पांडे के साथ जिला पदाधिकारी प्रणव कुमार एसएसपी आशीष भारती एवं कई सहयोगी जज जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रबाल कुमार दत्ता और सुलह करने के लिए आए हुए लोग मौजूद थे।
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